Health: नींद में क्यों चलने लगते हैं लोग, एक्सपर्ट ने बताई असल वजह
August 9, 2023फिल्मों में आपने कई बार देखा होगा कि कोई नींद उठकर चलते-चलते कहीं और पहुंच गया है. ऐसे फिल्मी सीन देखकर आप खूब हंसे होंगे, लेकिन सोचिए जिन लोगों को नींद में चलने की समस्या होती है. उन्हें कितनी दिक्कत होती होगी. क्या आपके साथ कभी ऐसा हुआ है कि रात में आप कहीं सोए हो और सुबह उठने पर आपको याद नहीं आ रहा कि आप अपनी जगह से दूसरी जगह पर कैसे आए. दरअसल स्लीपवॉकिंग यानी नींद में चलने की समस्या कई लोगों को होती है और इसके पीछे कई वजह हो सकती हैं.
नींद में चलते हुए एक जगह से दूसरी जगह चले जाना, सुबह उठकर इस बारे में कुछ भी सही से याद न रहना, इसे सोमनांबूलिज्म(somnambulism) नाम की बीमारी कहा जाता है. इस बीमारी में गहरी नींद में सिर्फ इंसान एक जगह से दूसरी जगह ही नहीं जाता है बल्कि अलग-अलग तरह की एक्टिविटी करने लगता है. तो चलिए एक्सपर्ट से जानते हैं कि इस बीमारी की वजह और ट्रीटमेंट क्या है या आपको कब डॉक्टर के पास जाना चाहिए.
क्या होती है नींद में चलने की बीमारी एक्सपर्ट से जानें
दिल्ली के न्यूरोसर्जन डॉ. राजेश कुमार का कहना है कि नींद में चलने की बीमारी एक तरह का न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर है. सीधी भाषा में अगर न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर को बताएं तो यह एक दिमाग से जुड़ी समस्या है. दरअसल हम अपने रोजाना की लाइफ में जो भी काम करते हैं, वह सारी एक्टिविटी हमारे नर्वस सिस्टम से ऑपरेट होती हैं. न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर होने पर हमारे बॉडी के बैलेंस से लेकर, बोलना, मेमोरी या फिर बॉडी मूवमेंट पर भी असर पड़ता है.
क्या होती है नींद में चलने बीमारी की वजह
डॉ. राजेश कुमार के मुताबिक, अगर किसी को नींद में चलने की बीमारी है तो इसके पीछे हार्मोन इंबैलेंस भी एक वजह हो सकती है. वहीं इसके अलावा लंबे समय तक नींद की कमी से जूझना, एंग्जाइटी की समस्या की वजह से भी व्यक्ति को स्लीपिंग वॉक की दिक्कत हो जाती है.
डॉक्टर को कब दिखाना है जरूरी
कई बार ऐसा होता है कि आप नींद में कुछ सपना देख रहे हैं और अपनी जगह से दूसरी जगह चले जाते हैं. हालांकि इसमें घबराने की जरूरत नहीं होती है. डॉ. राजेश कुमार से बात करने पर वह बताते हैं कि अगर किसी को नींद में चलने की समस्या लगातार बनी रहे है, तब उसे तुरंत न्यूरो के डॉक्टर को दिखाना चाहिए.
स्लीपिंग वॉक डिसऑर्डर से कैसे बचें
नींद में चलने की बीमारी से बचने के लिए हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाना बेहद जरूरी है. जैसे सोने से लेकर जागने के लिए सही समय तय करें. इसके अलावा अगर आपको एंग्जाइटी की समस्या है तो डेली रूटीन में मेडिटेशन, योगा, डीप ब्रीदिंग जैसी हेल्दी आदतें अपनाएं. वहीं हार्मोनल इंबैलेंस जैसी चीजों को इग्नोर न करें. बैलेंस डाइट को लाइफ का हिस्सा बनाएं.