डॉक्टरों की लापवाही पर केंद्र सख्त, भूल न सुधाने पर दी कार्रवाई की चेतावनी

डॉक्टरों की लापवाही पर केंद्र सख्त, भूल न सुधाने पर दी कार्रवाई की चेतावनी

June 20, 2023 Off By NN Express

सड़क हादसों में जान गंवाने वालों का पोस्टामार्टम करने के बाद एप पर डाटा फीड करना उत्तर प्रदेश के डाक्टर भूल जाते हैं। राज्य के किसी भी जिले में एप पर नियमित डाटा फीड नहीं किए जाने को लेकर अब केंद्र सरकार ने सख्ती की है।

इसके बाद उत्तर प्रदेश की चिकित्सा एवं स्वास्थ्य महानिदेशक रेनू श्रीवास्तव वर्मा ने सभी जिलों के मुख्य चिकित्साधिकारी को पत्र लिखकर 20 दिन में सुधार नहीं करने पर कार्रवाई की चेतवानी दी है। केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्रालय ने इन्टीग्रेटेड रोड एक्सीडेंट डाटाबेस (आइआरएडी) पोर्टल व एप लांच किया था। इस पर हादसे में जान गंवाने वालों का पोस्टामर्टम के बाद तत्काल डाटा फीड किए जाने का प्रविधान है।

इसके बाद घटना की जांच करने वाले पुलिस अधिकारी को इस पर हादसे की वजह स्पष्ट करनी होती है। हादसे की वजह यदि सड़क पर गड्ढे, संकेतक न होना या रोड की इंजीनियरिंग होती है तो मंत्रालय के अफसर उसे संज्ञान में लेकर तत्काल ठीक कराते हैं।

केंद्र एवं राज्य सरकार की एक रिपोर्ट में पता चला है कि सड़क हादसों में मृतकों का डाटा प्रदेश के डाक्टर फीड ही नहीं कर रहे हैं। इसकी वजह से प्रदेश भर में होने वाली सड़क दुर्घटनाओं पर रोकथाम की नियत समय पर प्रभावी योजना तैयार नहीं हो पा रही है।

इन जिलों ने 20 या उससे कम सूचनाएं की दर्ज

बस्ती, पीलीभीत, बाराबंकी, मऊ,उन्नाव, देवरिया, जालौन, झांसी, कानपुर नगर, मथुरा, हाथरस, अमेठी, मिर्जापुर, मुजफ्फरनगर, बुलंदशहर, बागपत, गाजियाबाद, संतकबीर नगर, मेरठ,बरेली, फिरोजाबाद, फतेहपुर, रामपुर,बदायूं, हापुड़।

मेरठ मंडल का एक भी जिला टॉप टेन में नहीं है शामिल

गाजियाबाद समेत प्रदेश के 40 जनपदों के चिकित्सक सड़क हादसों का डेटाबेस फीड करने में पिछ़ड रहे हैं। यहां पूरे साल में 20 से भी कम लोगों का डाटा फीड किया गया है। इस मामले में शाहजहांपुर पहले स्थान पर है। पूरे प्रदेश में अप्रैल 2022 से 31 मार्च 2023 के बीच 9000 से अधिक सड़क हादसों का विवरण ही पोर्टल पर अपडेट किया गया है।

इन जिलों का नहीं खुला खाता

गाजीपुर, महोबा, कन्नौज, बहराइच, मुरादाबाद, लखनऊ, सोनभद्र, कौशांबी, चित्रकूट, फर्रुखाबाद, अमरोहा, हमीरपुर, महाराजगंज, वाराणसी, प्रयागराज, प्रतापगढ़।

इन जिलों ने दिखाई गंभीरता

जनपदपंजीकृत मरीजअस्पताल
शाहजहांपुर125815
सीतापुर122521
शामली9067
एटा8508
रायबरेली77118
जौनपुर53521
ललितपुर4986
अयोध्या44115
संभल4249
कुशीनगर38814

मेरठ मंडल की ऐसी है स्थिति

मेरठ1010
बागपत95
गाजियाबाद103
बुलंदशहर818
हापुड़205
गौतमबुद्ध नगर302

ट्रॉमा सेंटर संयुक्त अस्पताल संजयनगर के इमरजेंसी मेडिकल अफसर (EMO) डॉ. गौरव ने बताया- घटनास्थल से अस्पताल तक घायल को लाने का समय जान बचाने के लिए गोल्डन आवर होता है। हादसा होते ही तुरंत घायल को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया जाना चाहिए। पोर्टल पर डाटा फीड करने की प्रक्रिया तेज की जाएगी। 

गाजियाबाद के सीएमओ  डॉ. भवतोष शंखधर ने बताया- जिला एमएमजी, संयुक्त अस्पताल, सीएचसी लोनी, डासना, मुरादनगर, मोदीनगर, बम्हैटा, भोजपुर और लोनी के संयुक्त अस्पताल को पोर्टल पर पंजीकृत कराते हुए चिकित्सकों को प्रशिक्षित कराया जाएगा। जल्द ही प्रतिदिन होने वाले सड़क हादसों की सूचना आईआरएडी एप पर फीड़ करना सुनिश्चित कराया जाएगा। लापरवाह चिकित्सकों के खिलाफ कार्रवाई के लिए शासन को संस्तुति कर दी जाएगी।