फिर महंगाई की दस्तक, लेट मानसून ने चावल, पोहा, मुरमुरा के दाम में किया 15 फीसदी का इजाफा
June 20, 2023मानसून की स्पीड स्लो होने के कारण खरीफ फसलों की बुवाई में देरी देखने को मिली. जिसकी वजह से बीते 15 दिनों में चावल और इससे जुड़े प्रोडक्ट जैसे पोहा, मुरमुरा, ज्वार, बाजरा और चिकन की कीमतों में 5-15 फीसदी की बढ़ोतरी देखने को मिली है. सरकार के प्राइस कंट्रोल जैसे प्रयासों का भी कोई असर देखने को नहीं मिल रहा है.
जिसकी वजह से गेहूं और दालों की कीमतें भी हाई लेवल पर बनी हुई हैं. बाजार के अधिकारियों और विश्लेषकों का अनुमान है कि जब तक बारिश बुवाई के अनुकूल नहीं हो जाती, तब तक फ्रूड प्राइस में इजाफा देखने को मिलता रहेगा. संकेत साफ है कि आने वाले दिनों में देश में महंगाई के लेवल में इजाफा देखने को मिल सकता है.
पोहा और मुरमुरा में 15 फीसदी का इजाफा
धान और दालें जैसे अरहर, मूंग, उड़द, तिलहन जैसे सोयाबीन और मूंगफली खरीफ के मौसम में उगाए जाने वाले प्रमुख फूड प्रोडक्ट हैं. मीडिया रिपोर्ट में जयराज ग्रुप के डायरेक्टर राजेश शाह के अनुसार मानसून में देरी के कारण चावल और चावल से जुड़े प्रोडक्ट्स जैसे पोहा और मुरमुरा की कीमतों में पिछले 2 हफ्तों में लगभग 15 फीसदी का इजाफा हुआ है.
ज्वार और बाजरा की कीमतें भी बढ़ी हैं, जबकि दालों और गेहूं की कीमतों में गिरावट नहीं आई है. उन्होंने कहा कि अगर हमें समय पर और पर्याप्त बारिश नहीं मिली तो अनाज की कीमतें स्थिर रहने या आगे बढ़ने की उम्मीद है.
दालों की कीमतों में हो सकता है इजाफा
क्रिसिल मार्केट इंटेलिजेंस एंड एनालिटिक्स के डायरेक्टर पुषन शर्मा ने कहा कि मानसून में और 7-10 दिनों की देरी से दलहनी फसलों के रकबे पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है, जो ओवरऑल दालों में कीमतों में वृद्धि कर सकता है. धान जैसी अन्य प्रमुख फसलों के लिए, यदि बारिश पर्याप्त मात्रा में नहीं होती है तो जुलाई में, धान के रकबे और उत्पादन में गिरावट आ सकती है.
साथ ही कीमतों में और ज्यादा इजाफा देखने को मिल सकता है. गर्मी की शुरुआत देर से शुरू होने और जून में लगातार हाई टेंप्रेचर की वजह से बारिश में देरी के कारण पोल्ट्री फार्मों की उत्पादकता कम हो गई, जिससे चिकन की कीमतें बढ़ गईं.