सरकार का पूरा फोकस महंगाई पर, काबू पाने के लिए उठाए जा रहे जरूरी कदम: निर्मला सीतारमण
February 20, 2023केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को कहा कि सरकार महंगाई को नियंत्रित करने के लिए कदम उठा रही है और इस पर ध्यान देना जारी रखेगी। उन्होंने कहा कि यह टॉप प्रियॉरिटी है और बनी रहेगी। सरकार की कोशिशों से धीरे-धीरे महंगाई काबू में आ रही है। दालों का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि सरकार घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए किसानों को दलहनी फसलें उगाने के लिए प्रोत्साहित कर रही है। स्थानीय स्तर पर उपलब्धता में सुधार के लिए दालों पर आयात शुल्क भी कम कर दिया है।
यह पूछे जाने पर कि क्या बजट 2023-24 से महंगाई कम होगी, सीतारमण ने कहा कि सरकार महंगाई को नियंत्रित करने के लिए कई कदम उठा रही है और इस पर ध्यान देना जारी रखेगी। बजट 2023 के बाद की चर्चा के लिए निर्मला सीतारमण आज जयपुर के दौरे पर थीं। सीतारमण ने संवाददाताओं से कहा कि हमने महंगाई काम करने के लिए कई कदम उठाए हैं, इसमें किसानों को दालों की बुवाई के लिए प्रोत्साहित करना भी शामिल है, ताकि आने वाले बुवाई के मौसम में भारत में दालों का उत्पादन बढ़े।
निर्मला सीतारमण ने कहा है कि सरकार ने आयात शुल्क को या तो घटा दिया है या इसे पूरी तरह से हटा दिया है। इसने आयात को सुविधाजनक बना दिया है। इस निर्णय का लाभ यह हुआ है कि देश में दालें और आनाज की कोई कमी नहीं है। इनकी जल्दी और सस्ती डिलीवरी सुनिश्चित की जा रही है। वित्त मंत्री ने कहा कि खाद्य तेल के आयात को लगभग कर मुक्त कर दिया गया है। पाम क्रूड और पाम रिफाइंड ऑयल का बाजार पूरी तरह खोल दिया गया है।
थोक मूल्य आधारित मुद्रास्फीति जनवरी में 4.73 प्रतिशत के दो साल के निचले स्तर पर आ गई, क्योंकि निर्मित वस्तुओं, ईंधन और बिजली की कीमतों में कमी आई, भले ही खाद्य वस्तुएं महंगी हो गईं। उधर खुदरा मुद्रास्फीति फिर से रिजर्व बैंक के टॉलरेंस बैंड को पार कर गई और जनवरी में 6.52 प्रतिशत के तीन महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई। उसकी वजह अनाज और प्रोटीन युक्त वस्तुओं सहित खाद्य पदार्थों की कीमतों का बढ़ना था।