प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को प्रख्यात यक्षगान पार्श्व गायक और पटकथा लेखक बी. नारायण भागवत को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि उन्होंने संस्कृति की दुनिया में अपनी पहचान बनाई और उनके काम की आने वाली पीढ़ियां प्रशंसा करेंगी। भागवत का बृहस्पतिवार को कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ जिले में मूदबिद्री के पास अपने आवास पर निधन हो गया। वह 84 वर्ष के थे।
मोदी ने ट्वीट किया,
‘‘बलिपा नारायण भागवत ने संस्कृति की दुनिया में अपनी पहचान बनाई। उन्होंने यक्षगान पार्श्व गायन के लिए अपना जीवन सर्मिपत कर दिया और उनकी अनुकरणीय शैली के लिए उनकी प्रशंसा की गई। उनके कार्यों की आने वाली पीढ़ियां प्रशंसा करेंगी। उनके निधन से दुखी हूं। उनके परिवार के प्रति संवेदना।’’
Shri Balipa Narayana Bhagawatha made a mark in the world of culture. He devoted his life towards Yakshagana playback singing and was admired for his exemplary style. His works will be admired by the coming generations. Pained by his demise. Condolences to his family. Om Shanti.
भागवत मूदबिद्री के निकट मारुरु से संबंध रखते थे। उनके पुत्र माधव, शशिधर और शिवशंकर हैं, जो प्रसिद्ध यक्षगान पार्श्व गायक भी हैं। उनकी पत्नी जयलक्ष्मी का निधन हो चुका है। भागवत ने गायन की एक अनूठी शैली में महारत हासिल की थी, जिसे प्रशंसकों ने ‘बालिपा शैली’ का नाम दिया था। उन्होंने 30 से अधिक यक्षगान ‘प्रसंग’ (लिपियां) लिखे। भागवत का जन्म 19 मार्च, 1938 को केरल के कासरगोड जिले के पड्रे गांव में हुआ था। बाद में उनका परिवार मारुरु में रहने लगा। वह यक्षगान कलाकारों के परिवार से थे।