IPS,Dipka के विद्यार्थियों ने अनेक आकर्षक विज्ञान के मॉडलों के द्वारा व्यक्त की अपनी भावी योजनाएँ
January 28, 2023कोरबा, 28 जनवरी I यदि इंसान के बस में हो तो मृत व्यक्ति के भी शरीर में प्राण डाल दे और यही कार्य शेष रह गया है जहाँ विज्ञान अध्यात्मिकता के आगे नतमस्तक हो जाता है – राजीव श्रीवास्तव, टी.आई., पाली
विज्ञान हमारे दैनिक जीवन का सबसे बड़ी आवश्यकता एवं सहयोगी-श्रीमती चिंचू जे।
आज जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में विज्ञान का समावेश-श्रीमती भगवती गवेल ।
आज के तेजी से बदलते परिवेश में विज्ञान हमारी मूलभूत आवश्यकता बन गई है । आज इंसान को आँख खोलने से लेकर आँख बंद करने तक विज्ञान की आवश्यकता बनी रहती है – विरेन्द्र गुप्ता (भौतिक विज्ञान विभाध्यक्ष)
आज मनुष्य पृथ्वी के अलावा मंगल और चाँद पर भी अपना आशियाना बनाने का ख्वाब साकार कर रहा है – सव्यसाची सरकार (शैक्षणिक प्रभारी)
विज्ञान एक तरफ हमारा सबसे बड़ा सहयोगी है तो वहीं दुसरी ओर इसका दुरूपयोग विनाशकारी भी होता है -श्रीमती सोमा सरकार(शैक्षणिक प्रभारी प्री-प्रायमरी)
राष्ट्रीय विज्ञान दिवस विज्ञान से होने वाले लाभों के प्रति समाज में जागरुकता लाने और वैज्ञानिक सोच पैदा करने के उद्देश्य से राष्ट्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद तथा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तत्वाधान में हर साल 28 फरवरी को भारत में मनाया जाता है।28 फरवरी सन 1928 को सर सी वी रमन ने अपनी खोज की घोषणा की थी। इस खोज को रामन-प्रभाव के नाम से जाना गया। इसी खोज के लिए सन् 1930 में उन्ह नोबल पुरस्कार दिया गया। राष्ट्रीय विज्ञान दिवस का मूल उद्देश्य तरूण विद्यार्थियों को विज्ञान के प्रति आकर्षित व प्रेरित करना तथा जनसाधारण को विज्ञान एवं वैज्ञानिक उपलब्धियों के प्रति सजग बनाना है । इस दिन सभी विज्ञान संस्थानों, जैसे राष्ट्रीय एवं अन्य विज्ञान प्रयोगशालाएँ,विज्ञान अकादमियों,स्कूल और कॉलेज तथा प्रशिक्षण संस्थानों में विभिन्न वैज्ञानिक गतिविधियों से सम्बन्धित प्रोग्राम आयोजित किये जाते हैं । महत्वपूर्ण आयोजनों में वैज्ञानिकों के भाषण, निबंध लेखन,विज्ञान प्रश्नोत्तरी,विज्ञान प्रदर्शनी,सेमीनार तथा संगोष्ठी सम्मिलित है ।
दीपका स्थित इंडस पब्लिक स्कूल में विज्ञान प्रदर्शनी का आयोजन किया गया जिसमें मुख्य अतिथि श्री राजीव श्रीवास्तव, टी. आई., पाली ने विज्ञान प्रदर्शनी का शुभारंभ किया । विद्यार्थियों को दैनिक जीवन में विज्ञान के लाभ एवं चमत्कारों से अवगत कराया गया । कक्षा चौंथी से लेकर कक्षा आठवीं तक के विद्यार्थियों ने विज्ञान के विभिन्न मॉडल बनाकर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया । इंडस पब्लिक स्कूल में अध्ययनरत विद्यार्थियों को सोलर सिस्टम का चलित मॉडल दिखाया गया एवं उसकी कार्यविधि के बारे में बताया गया । कक्षा आठवीं के विद्यार्थियों ने डी.एन.ए. का भी मॉडल बनाया था साथ ही बहुत ही आकर्षक स्मार्ट सिटी का भी मॉडल कक्षा 8वीं के विद्यार्थियों ने बनाया।इस स्मार्ट सिटी में लोगों की प्रत्येक सुविधओं के साथ-साथ स्वच्छता एवं विज्ञान का समावेश किया गया था।
कक्षा 6वीं के विद्यार्थियों ने वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बनाया,इसमें बताने का प्रयास किसा कि कैसे हम पानी को फिल्टर करके रियूज कर सकते हैं।कई विद्यार्थियों ने आटोमेटिक अलर्ट बेल बनाई और बताने का प्रयास किया कि कैसे हम अपने घर एवं सामानों की सुरक्षा सुनिश्चित कर सकते हैं । इस मॉडल के बारे में विद्यालय की शिक्षिकगण अमरेन्द्र कुमार,विरेंद्र गुप्ता,प्रज्ञा शुक्ला,श्रीमती चिंचू जे,श्रीमती भगवती गवेल,का विशेष सहयोग रहा । श्रीमती भगवती गवेल मैडम ने बच्चों का ज्ञान वर्धन किया । विद्यालय में विद्यार्थियों को रसायन विज्ञान,भौतिक विज्ञान,जीव विज्ञान,खगोल विज्ञान इत्यादि के बारे में गहराई से बताने का प्रयास किया गया । आई.पी.एस.दीपका में विज्ञान से संबंधित विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया । विज्ञान प्रश्नोत्तरी,विज्ञान पहेली एवं सर्वश्रेष्ठ स्वचालित मॉडल प्रतियोगिता । सभी प्रतियोगिताओं का भरपूर आनंद लिया एवं अपना ज्ञानवर्धन किया । विज्ञान की विभिन्न स्वचालित मॉडल को देखकर बच्चों ने दैनिक जीवन में विज्ञान के महत्व को गहराई से समझने का प्रयास किया ।
राजीव श्रीवास्तव, टी.आई., पाली
ने कहा कि यह विज्ञान का चमत्कार ही है कि आज मानव चाँद पर भी अपना बसेरा बसाना चाहता है । यदि इंसान के बस में हो तो मृत व्यक्ति के भी शरीर में प्राण डाल दे और यही कार्य शेष रह गया है जहाँ विज्ञान अध्यात्मिकता के आगे नतमस्तक हो जाता है । श्रीमती चिंचू जे ने कहा कि विज्ञान हमारी दैनिक जीवन की आवश्यकता एवं सहयोगी है और आवश्यकता ही अविष्कार की जननी है । विज्ञान का हर क्षेत्र में योगदान बढ़ गया है । अब तो विज्ञान ने बिजली के कई ऐसे उपकरण प्रदान किए हैं जिनसे मानव का काम और भी आसान बन गया है ।
श्रीमती भगवती गवेल नेकहा कि आज जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में विज्ञान का समावेश है।आज हम पूरी तरह से विज्ञान पर निर्भर हो गए हैं।घर,ऑफिस,सड़क,अस्पताल,दुकान हर स्थान पर हमें विज्ञान के उपकरण नजर आते हैं जो हमारे काम को आसन बनाते हैं। विरेन्द्र गुप्ता (भौतिक विज्ञान विभाध्यक्ष)ने कहा कि आज के तेजी से बदलते परिवेश में विज्ञान हमारी मूलभूत आवश्यकता बन गई है । आज इंसान को आँख खोलने से लेकर आँख बंद करने तक विज्ञान की आवश्यकता बनी रहती है । अगर हम कहें कि विज्ञान के बिना आज हमारा जीवन अधूरा है तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी । जरूरत है तो सिर्फ विज्ञान के अनुशासित रूप से उपयोग कि ।
सव्यसाची सरकार (शैक्षणिक प्रभारी) ने कहा कि आज मनुष्य पृथ्वी के अलावा मंगल और चाँद पर भी अपना आशियाना बनाने का ख्वाब साकार कर रहा है । यदि हम बात करें चिकित्सा विज्ञान की तो यह एक वृहद क्षेत्र है जिसमें विज्ञान के सहयोग के बिना अध्ययन असंभव है । आज प्रत्येक असाध्य बीमारी का उपचार विज्ञान के सहयोग से संभव हो पाया है ।
श्रीमती सोमा सरकार(शैक्षणिक प्रभारी, प्री-प्रायमरी) ने कहा कि विज्ञान ने आज प्रत्येक प्राणी का जीवन आसान कर दिया है । विज्ञान एक तरफ हमारा सबसे बड़ा सहयोगी है तो वहीं दुसरी ओर इसका दुरूपयोग विनाशकारी भी होता है । आज एक से बढ़कर एक अत्याधुनिक सुरक्षा उपकरणों के माध्यम से हम जमीन तो क्या आसमान की बुलंदियों से भी चप्पे चप्पे पर अपनी पैनी नजर रख कर अपने राष्ट्र की हिफाजत कर सकते हैं ।
विद्यालय के प्राचार्य डॉ.संजय गुप्ता जी ने कहा कि वेंकट रमन जी समुद्री यात्रा के दौरान समुद्र के नीले पानी को देखकर सोचने लगे थे कि पानी का रंग नीला ही क्यों है और यही से उनके प्रयोग का सिलसिला आरंभ हुआ । उन्होने सन् 1930 में प्रकाश से संबंधित एक सफल एवं विश्व प्रसिध्द प्रयोग किया जिसे रमन प्रभाव कहा गया इसके लिए इन्हे नोबल पुरस्कार से सम्मानित किया गया । 28 फरवरी को हम इस महान वैज्ञानिक को सम्मान देने के लिए ही राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाते हैं। अगर हममें जिज्ञासा है तो हम भी एक सफल वैज्ञानिक बन सकते हैं क्योंकि विज्ञान का प्रथम नियम जिज्ञासा ही है जो निरंतर सफल एवं असफल प्रयोगों के आधार पर एक ठोस नतीजे पर पहुँचता है।