17 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण, सुरक्षा बलों की सख्ती और पुनर्वास नीति का असर

17 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण, सुरक्षा बलों की सख्ती और पुनर्वास नीति का असर

May 30, 2025 Off By NN Express

कोठागुडेम । छत्तीसगढ़-तेलंगाना सीमा क्षेत्र में एक बड़ी सफलता हाथ लगी है। भद्राद्री कोठागुडेम जिले की पुलिस के समक्ष 17 सक्रिय नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर दिया है। ये सभी लंबे समय से माओवादी संगठन से जुड़े थे और बस्तर क्षेत्र में कई नक्सली गतिविधियों में शामिल रहे हैं।

सुरक्षा बलों के अभियान का दबाव बना आत्मसमर्पण की वजह

पुलिस सूत्रों के अनुसार, ये नक्सली तेलंगाना-छत्तीसगढ़ सीमा पर सक्रिय थे और बस्तर में लगातार चल रहे सघन अभियान से दबाव में थे। हथियार डालने का निर्णय इसी दबाव का नतीजा माना जा रहा है।

सरकार की पुनर्वास नीति बनी बदलाव की वजह
राज्य और केंद्र सरकार की पुनर्वास और आत्मसमर्पण नीति का भी इस आत्मसमर्पण में अहम योगदान बताया गया है। अधिकारियों ने कहा कि सरेंडर करने वाले नक्सलियों को सुरक्षा, रोजगार, कानूनी सहायता और पुनर्वास की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।

लगातार हो रहे आत्मसमर्पण से संगठन की पकड़ कमजोर
गौरतलब है कि कुछ दिन पहले सुकमा जिले में दो एरिया कमांडर समेत 14 नक्सलियों ने सरेंडर किया था, जिनमें 13 नक्सली बीजापुर जिले से थे। यह सिलसिला बताता है कि नक्सल संगठनों पर सुरक्षा बलों की रणनीति और सख्त कार्रवाई का प्रभाव पड़ रहा है।

पुलिस अधीक्षक का बयान
भद्राद्री कोठागुडेम के पुलिस अधीक्षक ने कहा, “सरकार की योजनाओं और पुलिस की निरंतर कार्रवाई से नक्सलियों का हौसला टूट रहा है। ये आत्मसमर्पण उसी का संकेत है।” उन्होंने उम्मीद जताई कि आने वाले समय में और भी नक्सली मुख्यधारा से जुड़कर समाज का हिस्सा बनेंगे।

17 नक्सलियों का आत्मसमर्पण सुरक्षा बलों और सरकार की नीति के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। यह घटनाक्रम दर्शाता है कि बस्तर और सीमावर्ती इलाकों में शांति की दिशा में ठोस प्रगति हो रही है। उम्मीद की जा रही है कि इसी तरह और भी नक्सली हिंसा छोड़कर विकास और भरोसे की राह पर लौटेंगे।