
कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए WHO अलर्ट, नए वेरिएंट्स को लेकर ये कहा
May 29, 2025कोरोना संक्रमण एक बार फिर दुनिया में कहर बरपा रहा है. अमेरिका, सिंगापुर, हॉगकॉग, थाइलैंड समेत भारत में भी कोरोना संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कोविड के नए मामलों में हो रही बढ़ोतरी पर चिंता जताई है. कई देशों में कोरोना के नए वेरिएंट्स तेजी से फैल रहे हैं, जिससे लोग चिंतित और डरे हुए हैं. हालांकि, अभी स्थिति उतनी भयावह नहीं है, जितनी पिछली बार हुई थी. फिर भी सतर्कता जरूरी है. आइए जानते हैं विश्व स्वास्थ संगठन (WHO) ने कोरोना के नए वैरिएंट्स को लेकर क्या कुछ कहा है और हमें किन बातों का ध्यान रखना चाहिए.
नए वेरिएंट्स को लेकर WHO की चेतावनी
WHO ने बताया है कि कोरोना के कई नए वैरिएंट सामने आ रहे हैं. इनमें NB.1.8.1, JN.1 और KP.2 जैसे वेरिएंट्स शामिल हैं, जो ओमिक्रॉन के ही एक सब वैरिएंट हैं. NB.1.8.1 वेरिएंट फिलहाल चीन, अमेरिका और कुछ यूरोपीय देशों में तेजी से फैल रहा है. वहीं, भारत सहित कई देशों में कोरोना के दोनों सब-वैरिएंट्स NB.1.8.1 और LF.7 के मामले काफी तेजी से बढ़े हैं. भारत में इसके कारण संक्रमण में तेजी से बढ़ोतरी दर्ज की गई है.
बढ़ते जोखिमों को देखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने अब NB.1.8.1 को वैरिएंट ऑफ मॉनिटरिंग की श्रेणी में रखा है, अब तक इसे वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट के रूप में रखा गया था, लेकिन विश्व स्वास्थ्य संगठन ने वैरिएंट्स के बदलते रूप को देखते हुए इसे वैरिएंट ऑफ मॉनिटरिंग में रखा है. यानी अब वायरस के इस रूप को प्राथमिकता के आधार पर ध्यान देने की जरूरत है.
जबकि वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट के दौरान वायरस में हुए परिवर्तन और इसके प्रभाव को समझने की कोशिश की जाती है, इस श्रेणी में वैरिएंट ज्यादा चिंताजनक नहीं होता, लेकिन वैरिएंट ऑफ मॉनिटरिंग में इसको लेकर ध्यान देने की जरूरत पड़ती है.
नियंत्रण में हालात
विश्व स्वास्थ्य संगठन की मानें तो यह वैरिएंट काफी तेजी से लोगों को अपनी चपेट में लेता है, लेकिन फिलहाल इसके कारण गंभीर बीमारी या अस्पताल में भर्ती होने जैसी स्थिति नहीं बनती है. अगर हालात बिगड़ते भी है तो बहुत कम मरीज अस्पताल में भर्ती होते हैं. फिर भी विशेषज्ञों का मानना है कि इसकी अनदेखी नहीं की जानी चाहिए, क्योंकि वायरस कब अपना रूप बदल ले, कहा नहीं जा सकता.
भारत में क्या है हालात
महामारी विशेषज्ञ डॉ जुगल किशोर ने बताया किभारत में भी पिछले कुछ हफ्तों से कोरोना के मामलों में उछाला आया है. महाराष्ट्र और दिल्ली में कुछ नए केस सामने आए हैं. इनमें अधिकतर मामलों में लोग हल्की खांसी, बुखार और गले में खराश जैसी परेशानी महसूस कर रहे हैं. इस बीमारी की वजह से बहुत कम मरीज अस्पताल में भर्ती हुए हैं. भारत में पहले से ही लोगों में अच्छी-खासी हर्ड इम्यूनिटी बन चुकी है, इसलिए गंभीर लक्षणों के मामले बहुत कम हैं. इसके अलावा ज्यादातर लोगों को वैक्सीन की दोनों डोज और बूस्टर डोज मिल चुकी हैं, जिससे स्थिति काबू में है.
WHO की क्या सलाह है?
WHO ने सभी देशों से कहा है कि वे अपने निगरानी तंत्र को पहले से ज्यादा मजबूत करें. टेस्टिंग, रिपोर्टिंग और जीनोम सीक्वेंसिंग को बढ़ाया जाए. ताकि नए वैरिएंट्स का समय पर पता लगाया जा सके. साथ ही, लोगों को भी सतर्क रहने की सलाह दी गई है.
लोगों को डब्ल्यूएचओ की हिदायत
भीड़भाड़ वाले इलाकों में जाने से बचें. अगर जाना आवश्यक है तो इन स्थानों पर मास्क पहनकर ही जाएं. ताकि आप संक्रमित व्यक्ति से बच सके या आप किसी को संक्रमित ना करें.
हाथों की नियमित सफाई करते रहें. बाहर से जब भी घर में आए या घर में ही हैं तो आप अपने हाथों को साफ करते रहें.
हल्के लक्षण दिखने पर टेस्ट करवाएं और जरूरत हो तो आइसोलेट हो जाएं.
जिन लोगों की इम्यूनिटी कमजोर है, वो वैक्सीन की बूस्टर डोज ले सकते हैं.
बुजुर्गों और बच्चों पर अधिक प्रभाव
भारत में कोरोना के मामले भले ही तेजी से बढ़ रहे हैं, लेकिन हालात डरावने नहीं हैं. सावधानी बरतना बहुत जरूरी है. अगर आप भीड़ में जा रहे हैं, तो मास्क पहनें. बुजुर्गों और बच्चों का खास ख्याल रखें. जिन लोगों को पहले से कोई बीमारी है जैसे डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर या सांस की तकलीफ वे लोग सतर्क और सावधान रहें. साथ ही घर से बाहर ना निलके.