मन की बात कार्यक्रम को संबोधित कर रहे पीएम मोदी

मन की बात कार्यक्रम को संबोधित कर रहे पीएम मोदी

November 24, 2024 Off By NN Express

नई दिल्ली ।   पीएम मोदी आज मन की बात कार्यक्रम के 116वें एपिसोड को संबोधित कर रहे हैं। पीएम मोदी के मन की बात कार्यक्रम को 22 भारतीय भाषाओं और 29 बोलियों के अलावा 11 विदेशी भाषाओं में भी प्रसारित किया जा रहा है। मन की बात का प्रसारण ऑल इंडिया रेडियो (AIR) के 500 से अधिक प्रसारण केंद्रों पर किया जा रहा है। वहीं भारतीय जनता पार्टी के पदाधिकारी और कार्यकर्ता भी मन की बात कार्यक्रम को अलग-अलग जगहों से सुन रहे हैं। पीएम मोदी ने कहा कि आज एनसीसी दिवस है। मैं स्वयं ही एनसीसी कैडेट रहा हूं। एनसीसी युवाओं में अनुशासन, नेतृत्व और सेवा की भावना पैदा करती है। जब भी कहीं आपदा होती है तो वहां मदद के लिए एनसीसी के कैडेट्स जरूर मौजूद होते हैं। आज एनसीसी को मजबूत करने के लिए लगातार काम किया जा रहा है। अब एनसीसी में गर्ल्स कैडेट्स की संख्या 40 प्रतिशत अधिक हो गई है। 

12 जनवरी को स्वामी विवेकानंद जी की 162वीं जयंती पर इस बार इसे खास तरीके से मनाया जाएगा। इस अवसर पर 11 और 12 जनवरी को भारत मंडपम में युवाओं का महाकुंभ होने जा रहा है। इसमें करोड़ों युवा भाग लेंगे। आपको याद होगा कि मैं लाल किले की प्राचीर से ऐसे युवाओं को राजनीति में आने का आह्वान किया है, जिनके परिवार का कोई पॉलिटिकल बैकग्राउंड नहीं है। ऐसे एक लाख युवाओं को राजनीति से जोड़ने के लिए अभियान चलाए जाएंगे। इसमें देश और विदेश से एक्सपर्ट आएंगे। मैं भी इसमें ज्यादा से ज्यादा उपस्थित रहूंगा। देश इन आइडियाज को कैसे आगे लेकर जा सकता है, इसका एक ब्लूप्रिंट तैयार किया जाएगा। देश की भावी पीढ़ी के लिए ये एक बड़ा मौका आने वाला है।

मन की बात में अक्सर ऐसे युवाओं की चर्चा करते हैं जो निस्वार्थ भाव से समाज के लिए काम कर रहे हैं। ऐसे कई युवा हैं जो लोगों की समस्याओं का समाधान निकालने में जुटे हैं। लखनऊ के विरेंद्र अपने क्षेत्र के बुजुर्गों की टेक्नॉलॉजी के मामले में जागरूक कर रहे हैं। कई शहरों में युवा बुजुर्गों को डिजिटल क्रांति में भागीदार बनाने के लिए आगे आ रहे हैं। भोपाल के महेश ने कई बुजुर्गों को मोबाइल से पेमेंट करने के बारे में जागरूक कर रहे हैं। इसके अलावा डिजिटल अरेस्ट से बचाने के लिए भी युवा लोगों को जागरूक कर रहे हैं। पिछले एपिसोड में मैंने चर्चा की थी। इस तरह के अपराध के शिकार ज्यादातर बुजुर्ग ही बनते हैं। हमें लोगों को समझाना होगा कि डिजिटल अरेस्ट जैसा कोई भी प्रावधान नहीं है। मुझे खुशी है कि युवा साथी इस काम में हिस्सा ले रहे हैं और दूसरों को भी प्रेरित कर रहे हैं।

आज कल बच्चों की पढ़ाई को लेकर कई प्रयोग हो रहे हैं। कहते हैं भी हैं कि किताबें इंसान की सबसे अच्छी दोस्त होती हैं। अब इस दोस्ती को मजबूत करने के लिए लाइब्रेरी से अच्छी जगह और क्या होगी। चेन्नई में बच्चों के लिए ऐसी लाइब्रेरी तैयारी की गई है, जो अब क्रिएटिविटी का सेंटर बन चुकी है। इसमें 3000 से अधिक किताबें हैं। इसके अलावा इसमें कई तरह की एक्टिविटी भी बच्चों को लुभाती है। इसमें हर किसी के लिए कुछ ना कुछ जरूर है।