छत्तीसगढ़: लोकसभा के बाद अब विधानसभा उपचुनाव की तैयारी में जुटे नेता…
May 15, 20244 सीटों पर चुनाव की संभावना, लॉबिंग हुई तेज
रायपुर । तीन चरणों में छत्तीसगढ़ की सभी 11 लोकसभा सीटों पर मतदान हो चुका है। मतदान के बाद जहां उम्मीदवार समीक्षा बैठकें कर रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ चार लोकसभा सीटों पर चार विधायकों को टिकट दिया गया है। बीजेपी ने एक विधायक को टिकट दिया है वहीं, कांग्रेस ने तीन विधायकों को टिकट दिया है। अब इन सीटों में उपचुनाव को लेकर अटकलें लगाई जा रही हैं। हालांकि किस सीट पर चुनाव होगा इसका फैसला 4 जून को रिजल्ट आने के बाद होगा। हालांकि रिजल्ट आने से पहले ही इस चार विधानसभा सीटों पर नेता सक्रिय हो गए हैं।
कौन-कौन से विधायक, लोकसभा लड़ रहे हैं
रायपुर दक्षिण विधानसभा सीट से बीजेपी के सीनियर नेता बृजमोहन अग्रवाल रायपुर लोकसभा सीट से बीजेपी के उम्मीदवार हैं। दुर्ग जिले की पाटन विधानसभा सीट से कांग्रेस विधायक भूपेश बघेल इस बार राजनांदगांव लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। वहीं, कोंटा विधानसभा सीट से विधायक कवासी लखमा इस बार बस्तर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। वहीं, भिलाई विधानसभा सीट से विधायक देवेन्द्र यादव इस बार बिलासपुर लोकसभा सीट से उम्मीदवार हैं। बीजेपी ने केवल रायपुर लोकसभा सीट से विधायक को टिकट दिया है।
रिजल्ट से पहले तैयारियों में लगे नेता
4 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव की संभावना को देखते हुए राजनीतिक गलियारों में अटकलें शुरू हो गई हैं। भाजपा और कांग्रेस के दावेदार सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं। सामाजिक और राजनीतिक कार्यक्रमों में भी नेताओं की सक्रियता बढ़ गई है। बीजेपी सूत्रों का कहना है कि रायपुर दक्षिण विधानसभा सीट पर अभी से रस्साकशी तेज हो गई है। बीजेपी सूत्रों का कहना है कि पार्टी इस सीट पर अपनी जीत तय मान रही है। जिसे लेकर बीजेपी और कांग्रेस दोनों प्रत्याशियों ने सक्रियता बढ़ा दी है।
गौरतलब है कि यदि पहले से ही सांसद या विधायक दूसरा चुनाव लड़ते हैं और उसमें जीत दर्ज करते हैं तो उन्हें एक पद छोड़ना पड़ता है। इस बार चार विधायक चुनाव मैदान में हैं। अगर चारों चुनाव जीत जाते हैं तो उन्हें दो में से किसी एक पद से इस्तीफा देना पड़ेगा। अगर विधायक पद छोड़ते हैं तो इस्तीफे की सूचना विधानसभा सचिवालय को भेजी जाती है। विधानसभा सचिवालय रिक्त विधानसभा सीटों की जानकारी मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय को भेजता है। जिसके बाद खाली हुई सीट पर 6 महीने के अंदर निर्वाचन आयोग उपचुनाव कराते हैं। छत्तीसगढ़ में अक्टूबर-नवंबर में उपचुनाव हो सकते हैं।