छत्तीसगढ़ के चार शहरों को मिली 240 सिटी बसों की स्वीकृति, जानिए किस जिले को कितनी बस

छत्तीसगढ़ के चार शहरों को मिली 240 सिटी बसों की स्वीकृति, जानिए किस जिले को कितनी बस

March 16, 2024 Off By NN Express

Chhattisgarh 240 city bus: योजना के तहत राज्यों को शहरों की जनसंख्या के आधार पर बसों की संख्या निर्धारित की गई है। कुल 240 ई-बसों की स्वीकृति प्राप्त हुई है।

रायपुर। शहरों में सार्वजनिक परिवहन के ढांचे को दुरुस्त करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा पीएम ईबस सेवा योजना प्रारंभ की गई है। योजना के तहत राज्यों को शहरों की जनसंख्या के आधार पर बसों की संख्या निर्धारित की गई है जिसके अनुसार रायपुर को 100, दुर्ग-भिलाई को 50, बिलासपुर को 50 तथा कोरबा को 40, इस प्रकार कुल 240 ई-बसों की स्वीकृति प्राप्त हुई है।

भारत सरकार ने छत्तीसगढ़ राज्य के चार प्रमुख शहरों रायपुर, दुर्ग-भिलाई, बिलासपुर और कोरबा को पीएम ई-बस सेवा योजना के तहत इलेक्ट्रिक बसों के संचालन की मंजूरी दी है। यह घोषणा न केवल छत्तीसगढ़ के लिए एक गौरवपूर्ण क्षण है, बल्कि पूरे देश के लिए एक मील का पत्थर भी है, जो प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ और हरित भारत के सपने को साकार करने में एक महत्वपूर्ण कदम है।

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छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इस मौके पर कहा कि राज्य में इलेक्ट्रिक बसों की शुरुआत से शहरी परिवहन में क्रांति आएगी। यह पहल हमें पर्यावरणीय संरक्षण के साथ-साथ नागरिकों को बेहतर परिवहन सुविधाएं प्रदान करने की दिशा में एक कदम आगे ले जाती है। उन्होंने नगरीय प्रशासन विभाग के अधिकारियों को इस चैलेंज में सफल होने पर बधाई दी एवं भविष्य में और शहरों को भी इस योजना में शामिल करने के लिए प्रयास करने के निर्देश दिए। इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री तथा नगरीय प्रशासन मंत्री अरुण साव ने कहा कि डबल इंजन की सरकार के कारण हम नवाचार और स्थिरता की नई ऊंचाइयों को छू रहे हैं। यह योजना हमारे नागरिकों के लिए एक उपहार है, जो न केवल पर्यावरण को बचाएगी, बल्कि हमारे जीवन को भी सुगम बनाएगी। ई-बसों का आगमन छत्तीसगढ़ के नागरिकों के लिए एक नई और स्वच्छ परिवहन सेवा का द्वार खोलेगी। इन बसों के शुरू होने से पर्यावरणीय प्रदूषण में कमी आएगी और शहरों की वायु गुणवत्ता में सुधार होगा। साथ ही ऊर्जा की बचत भी होगी।

उल्लेखनीय है कि भारत सरकार की यह योजना राज्यों को मिलने वाली केंद्रीय मदद को पारदर्शिता और उनके प्रदर्शन से जोड़ने की केंद्र की कोशिश का हिस्सा है। केंद्र सरकार की मंशा है कि यह योजना शहरों में मेट्रो के विकल्प या उसके सहयोगी साधन के रूप में विकसित हो ताकि लोगों को किफायती, भरोसेमंद और सुगम परिवहन की सुविधा मिले।

देश के समस्त राज्यों से राष्ट्रीय चैलेंज अंतर्गत प्राप्त शहरों के प्रतिस्पर्धात्मक के विश्लेषण उपरांत भारत सरकार आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय की केंद्रीय स्वीकृति तथा संचालन कमेटी (CSSC) की छठवीं बैठक 01 मार्च को रायपुर तथा सातवीं बैठक 14 मार्च में छत्तीसगढ़ के 3 शहरों के प्रस्तावों को स्वीकृति प्रदान की गई है। अपनी तरह की इस पहली योजना में केंद्र सरकार द्वारा शहरों को बसों की खरीद तथा उनके संचालन के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी जिसमें एक बड़ा हिस्सा शहरों में बस डिपो जैसे इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास के लिए भी खर्च किया जाएगा।

योजना की सामान्य शर्तों में यह भी शामिल है कि प्रोजेक्ट के तहत दिए जाने वाले पैसे का थर्ड पार्टी ऑडिट अनिवार्य होगा, ताकि पूरी पारदर्शिता रहे। शहरों को हर तीन महीने में बसों के संचालन का हिसाब-किताब देना होगा। योजना के तहत तीन तरह की बसें स्टैंडर्ड, मीडियम और मिनी चलाई जाएंगी। शहरों को जनसंख्या के आधार पर चार श्रेणियों में बांटा गया है। बीस से चालीस लाख तक की आबादी वाले शहरों को 150, दस से बीस लाख तथा पांच से दस लाख तक की आबादी वाले शहरों को 100-100 तथा पांच लाख से कम आबादी वाले शहरों को 50 ई-बसों की पात्रता थी जिसके आधार पर रायपुर को 100 मीडियम ई-बस, दुर्ग-भिलाई को 50 मीडियम ई-बस, बिलासपुर को 35 मीडियम तथा 15 मिनी ई-बस और कोरबा को 20 मीडियम तथा 20 मिनी ई-बसों की स्वीकृति प्राप्त हुई है।

योजना के दिशा-निर्देशों के अनुसार बसों का क्रय तथा संचालन एजेंसी का चयन केंद्र सरकार द्वारा किया जाएगा और केंद्रीय सहायता सुनिश्चित किलोमीटर संचालन के लिहाज से दी जाएगी और अगर बसें इससे कम किलोमीटर चलती हैं तो केंद्रीय सहायता उसी के अनुपात में कम हो जाएगी केंद्र सरकार द्वारा शहरों के प्रदर्शन के आधार पर पैसा दिया जाएगा। ई-बस सेवा से छत्तीसगढ़ के शहरों में कम कार्बन उत्सर्जन से वायु गुणवत्ता में सुधार तथा पर्यावरणीय संरक्षण के साथ-साथ कम ऊर्जा खपत और बेहतर ईंधन दक्षता एवं आरामदायक सुखद यात्रा अनुभव प्राप्त होगा।