विज्ञान-तकनीक और इंजीनियरिंग के क्षेत्र में महिलाएं आगे बढ़ें, शासन व समाज उनके साथ है : मुख्यमंत्री
February 13, 2024भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि आज का दिवस विज्ञान में महिलाओं की सहभागिता को प्रोत्साहित करने और इसे रेखांकित करने को समर्पित है। इस उद्देश्य से यह दिन बहुत महत्वपूर्ण है और इस कार्यक्रम में सम्मिलित होकर मैं स्वयं गौरवान्वित अनुभव कर रहा हूँ। विश्व के सभी देशों की दृष्टि से यह दिन महत्वपूर्ण तो है ही परंतु भारत के संदर्भ में इस अंतर्राष्ट्रीय दिवस की महत्ता और अधिक बढ़ जाती है, क्योंकि हमारी संस्कति में सदैव मातृ शक्ति को सम्मान दिया गया है। हमारे यहाँ ज्ञान की देवी सरस्वती और धन की देवी लक्ष्मी हैं तथा हम देश को भी भारत माता के स्वरूप में स्वीकार करते हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव महिलाओं की विज्ञान में सहभागिता के अंतर्राष्ट्रीय दिवस पर कुशाभाऊ ठाकरे अंतर्राष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
देश में महिलाओं के लिए सभी पदों व संभावनाओं के लिए द्वार खुले हैं
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि हमारे देश की प्रथम नागरिक महिला ही हैं। राष्ट्रपति श्रीमती द्रोपदी मुर्मु देश के सर्वोच्च पद पर विराजमान हैं। यह लोकतंत्र की सुंदरता है, और इस व्यवस्था से यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के प्रति हम सबके मन में सम्मान बढ़ा है। यह इस बात का भी संकेत है कि हमारे देश में महिलाओं के लिए सभी पदों व संभावनाओं के लिए द्वार खुले हैं, वे आगे बढ़ने के लिए अपनी ओर से हरसंभव प्रयास करें, शासन और समाज उनके साथ है।
प्रधानमंत्री श्री मोदी विज्ञान के माध्यम से सभी के जीवन में सकारात्मक बदलाव के लिए प्रयासरत हैं
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि आज 12 जनजातीय जिलों, आईटीआई, पॉलिटेक्निक, इंजीनियरिंग कॉलेजों की बहनों को सम्मानित किया गया है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी भी विज्ञान के क्षेत्र में विशेष ध्यान देते हुए गरीब से गरीब व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक बदलाव के लिए प्रयासरत हैं। माताओं-बहनों की स्थिति में भी लगातार सुधार हो रहा है। बहन-बेटियों के विज्ञान, तकनीक और इंजीनियरिंग की दिशा में आगे बढ़ने से देश-प्रदेश की दशा और दिशा बदलेगी। हमारे सभी आईटीआई, पॉलिटेक्निक, इंजीनियरिंग कॉलेज में समय की माँग और आवश्यकतानुसार विश्व स्तरीय प्रशिक्षण उपलब्ध कराने के लिए हरसंभव प्रयास किए जाएंगे। उल्लेखनीय है कि 11 फरवरी को महिलाओं की विज्ञान में सहभागिता का अंतर्राष्ट्रीय दिवस मनाया जाता है। जिसे यूनेस्को और द्वारा नागरिक समाज की साझोदारी के साथ समन्वित रूप से क्रियान्वित किया जाता है।
भोपाल के एसव्ही पॉलिटेक्निक और महिला पॉलिटेक्निक में स्टूडेंट एडवांसमेंट कोर्स आरंभ
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रदेश की विभिन्न संस्थाओं में सिंगल क्लिक से विभिन्न पाठ्यक्रमों व प्रशिक्षण सत्रों का डिजिटली शुभारंभ किया। इंडो जर्मन इनिशियेटिव फॉर टेक्निकल एजुकेशन (IGnITE) अंतर्गत प्रदेश की सभी शासकीय आईटीआई में इंडस्ट्रियल सेफ्टी ट्रेनिंग का शुभारंभ किया गया। आईआईटी दिल्ली के सहयोग से ऑनलाईन मोड में ट्रेनिंग के लिए जबलपुर इंजीनियरिंग कॉलेज में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस एवं इंटरनेट ऑफ थिंग के कोर्स और ब्लॉकचेन बिल्डर टेक्नोलॉजी कोर्स का उज्जैन इंजीनियरिंग कॉलेज में शुभारंभ किया। इसी प्रकार एसव्ही पॉलिटेक्निक भोपाल में वर्चुअल रियालिटी और ऑगमेटेड रियालिटी कोर्स का भी शुभारंभ किया गया। आईआईटी इंदौर के सहयोग से महिला पॉलिटेक्निक कॉलेज भोपाल में प्रोक्योरमेंट एसेन्शियल फॉर स्टूडेंट एडवांसमेंट (PESA) कोर्स का शुभारंभ किया।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने तकनीकी क्षेत्र में निपुण महिलाओं को किया सम्मानित
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सीखो कमाओ योजना में आठ हजार चयनित प्रशिक्षणार्थियों को 6 करोड़ 60 लाख रूपए स्टाइपेंड सिंगल क्लिक के माध्यम से वितरित किए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने एसटीईएम (साइंस, टेक्नॉलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ्स) क्षेत्र में निपुण महिलाओं का सम्मान किया और रोजगार मेलों में चयनित महिला अभ्यर्थियों कुमारी महक शुक्रवारे, कुमारी रूबी सिंह यादव, कुमारी ऐश्वर्या तिवारी, कुमारी रागिनी रावत, कुमारी श्रद्धा कुशवाह, कुमारी आरती कुदापे आदि को ऑफर लेटर वितरित किए।
विज्ञान, तकनीकी, इंजीनियरिंग और गणित शिक्षा में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए हरसंभव प्रयास जारी
अपर मुख्य सचिव तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास मनु श्रीवास्तव ने कहा कि बालिकाओं की शिक्षा मुख्यमंत्री डॉ. यादव की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में शामिल है। प्रदेश में विज्ञान, तकनीकी, इंजीनियरिंग और गणित की शिक्षा (स्टेम) में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं। प्रदेश के इंजीनियरिंग कॉलेजों, आई.टी.आई., पॉलिटेक्निक और यूएन वूमेन के सहयोग से इस दिशा में विशेष प्रयाए हो रहे हैं।