छत्तीसगढ न्यूज़: जमीन फर्जीवाड़ा मामले में आरोपी गिरफ्तार
December 29, 2023रायपुर,29 दिसम्बर । नवा रायपुर में जमीन फर्जीवाड़ा मामले में पुलिस ने भिलाई, सुपेला से गिरफ्तार अनवर आलक को गिरफ्तार किया है। उसे कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया गया। वहीं फर्जी दस्तावेज जारी करने वालों से भी पुलिस जल्द पूछताछ करेगी। आरोपित ने दिल्ली निवासी महिला कमलेश जैन की नवा रायपुर स्थित 10 एकड़ जमीन खरीदी करने में फर्जीवाड़ा किया था।
मिली जानकारी के अनुसार नवा रायपुर के ग्राम तांदूल में फर्जी दस्तावेज बनाकर आरोपित ने 12.99 हेक्टेयर जमीन बेच दी थी। जमीन को तीन करोड़ 76 लाख में बेचा गया। नया रायपुर उप पंजीयक कार्यालय में इस जमीन की रजिस्ट्री बिना दस्तावेज की जांच किए करने की जानकारी आने के बाद मामले में राखी थाने में शिकायत के बाद अपराध दर्ज किया गया था। आरोपित इसके बाद आरोपित अनवर आलम को गिरफ्तार किया गया।
21 को कराई थी रजिस्ट्री :
मिली जानकारी के अनुसार ग्राम तांदूल पटवारी हल्का नंबर 26 में कमलेश जैन निवासी गीता नगर समता कालोनी, रायपुर के नाम नौ खसरा में कुल 12.99 हेक्टेयर जमीन है। जमीन बिक्री के लिए आकाश जैन निवासी निषाद पारा रायपुरा ने फर्जी ऋण पुस्तिका और फर्जी मुख्तारनामा तैयार कराकर अनवर आलम निवासी कृष्णा नगर सुपेला भिलाई, जिला दुर्ग को बेच दिया। नवा रायपुर उप पंजीयक कार्यालय में इस जमीन की रजिस्ट्री 21 दिसंबर 2023 को कराई गई। भूमि का फर्जी दस्तावेज बनाकर भूमि स्वामी कमलेश जैन काे विधवा बताकर उनके जमीन को बेचा गया।
एक माह पहले तैयार की गई मुख्तारनामा:
जमीन को बेचने के लिए आकाश जैन ने फर्जी मुख्तारनामा 23 नवंबर 2023 को अभनपुर उप पंजीयक कार्यालय से तैयार कराया। उन्होंने कमलेश जैन के फर्जी ऋण पुस्तिका, फर्जी आधार कार्ड का उपयोग कर यह फर्जी दस्तावेज तैयार किया। पंजीयन के दस्तावेज में लगाए गए कमलेश जैन के आधार कार्ड में उन्हें पुरुष बताया गया है। वहीं उनका आधार नंबर भी फर्जी तैयार किया गया है। आधार नंबर अलग है।
अपर कलेक्टर निर्देश पर नहीं दिया ध्यान :
मामले में जमीन मालिक कमलेश जैन को पूर्व में फर्जी ऋण पुस्तिका बनाने की सूचना मिलने की जानकारी मिलने पर अपर कलेक्टर रायपुर को इसकी शिकायत की गई थी। मामले में अपर कलेक्टर रायपुर ने जिला पंजीयक और नवा रायपुर के उप पंजीयक को तांदूल पटवारी हल्का नंबर के इन नौ खसरा नंबर के जमीनों की रजिस्ट्री के समय दस्तावेजों की पूरी तरह से जांच करने के निर्देश जारी किए थे। अपर कलेक्टर के निर्देश के बावजूद उप पंजीयक ने ध्यान नहीं दिया।