ये देखिए यहां बड़े ही नही बच्चों पर भी पड़ रही बहिष्कृत की काली छाया का असर…
December 18, 2023नगर निगम के वार्ड 45 डांडपारा में ज़रा सी बात पर गौटियाओं द्वारा लोगों से जुर्माना लेना उन्हें बहिष्कृत कर हुक्का पानी बंद कर देना आज की नही दशकों से चली आ रही तानाशाही परम्परा है जिसे आज भी कायम रखा है. बहिष्कृत जैसे काली छाया का अब सीधा असर नादान बच्चों पर भी पड़ रहा है. अभी एक महीने पूर्व से वार्ड के दो ग्रामीण शिव मंझवार, और छत्रपाल धनवार के परिवार को सिर्फ इसलिए बहिष्कृत कर दिया कि उन्होंने बस्ती के किराना दुकान के बजाए पास खुले एक दिव्यांग पत्रकार के किराना दुकान से खरीदारी करते हैं और उनसे भाईचारे का संबंध रखते हैं.
शिव मंझवार ने बताया कि 12 दिसंबर को उनके पोते अंशु का जन्मदिन था, बच्चे के जन्मदिन में गांव के किसी भी बच्चों को नही जाने का फरमान रसोइया तारा बाई ने सभी के घर घर जाकर सुनाया तो गौटिया का फरमान मानकर एक भी बच्चा शिव मझवार के घर नही पहुंचा. बालक अंशु ने अपने माता पिता और बहनों के साथ ही रोते हुए सूनेपन में अपना जन्मदिन का केक काटा. बहिष्कृत होने से पहले अंशु के जन्मदिन अवसर पर गांव भर के बच्चों सहित बड़ो की भी भीड़ लगी रहती थी.
इसी तरह करीब तीन दशक से बहिष्कृत का दंश झेल रहे लाल बहादुर 6 वर्षीय पोती भी अपनी तोतली भाषा में कहती है कि मेरे लिए मम्मी पापा और दादा ही दोस्त है. इन्ही के साथ खेलती हूं, आंगनबाड़ी जाति हूं तो मेरे साथ कोई खेलने को तैयार और ना ही कोई बातचीत करता है. बच्ची की मां सूरज बताती हैं कि उनका परिवार बहुत दुखी है इसी तरह बहिष्कृत का दंश कब तक झेलना पड़ेगा, हमारे बाद हमारे बच्चों का क्या होगा ये सोचकर ही कलेजा सिहर उठता है.
अब तो आप भी समझ ही गए होंगे कि गौटियाओं के द्वारा नियम के खिलाफ बनाए गए बहिष्कृत की काली छाया का असर बड़ों के साथ अब बच्चों पर भी पड़ रहा है. बहिष्कार किए जाने से परेशान होकर दोनों ग्रामीण के परिवार ने प्रशासन पुलिस से लिखित शिकायत कर न्याय दिलाने व प्रताड़ित करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है.
बहिष्कृत जैसी गंभीर मामले की जांच में दर्री थाना प्रभारी रूपक शर्मा डांडपारा पहुंचकर सभी पक्ष से मिलकर मामले की जानकारी ली, उन्होंने कहा कि बयान के लिए सभी पक्ष को थाना पहुंचने का निर्देश दिया गया है. जो भी तथ्य सामने आयेंगे उस पर उचित कार्रवाई की जाएगी.