अजीतमल पुलिस ने पांच मवेशी चोरों को किया गिरफ्तार
October 14, 2022औरैया, 14 अक्टूबर । अजीतमल कोतवाली पुलिस को बीती चार अक्टूबर को नेशनल हाईवे पर बिजली घर के पार दो कार सवार बदमाशों ने आठ व्यापारियों को बंधक बनाकर बकरियों से भरी पिकप लूट ली थी। बदमाश व्यापारियों को कानपुर के बिधनू में छोड़ कर फरार हो गए थे। पुलिस ने पिकप चालक की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर बदमाशों की तलाश शुरू की और पांच आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया। फिरोजाबाद जनपद के जसराना थाना क्षेत्र के गांव परौली निवासी राहुल कुमार पुत्र इंद्रपाल ने बताया था कि अपने गांव के ही व्यापारी जय किशन, संजू, हुडी लाल, सोम, दीपक, सरवीर, पंकज के साथ पिकप में 41 बकरे और बकरियां लेकर चोरा बाजार कालपी जा रहे थे।
जैसे ही वह लोग चार अक्टूबर रात अनन्तराम टोल प्लाजा से आगे बढ़े तभी दो कार सवार बदमाशों ने पिकप रुकवा ली थी और पांच लोगों बंधक बनाकर मारपीट करते हुये रुपये छीन लिये। इसके बाद बदमाशों ने पिकप को अपने कब्जे में ले लिया और तीन लोगों को अकबरपुर में नहर के रास्ते जंगल ले गए। जहां दूसरी पिकप मंगवाकर बकरे और बकरियां उसमें ले गये और उसके बाद कानपुर के बिधनू में जय किशन, संजू और सोम को खाली पिकप देकर फरार हो गए। वहीं पांच व्यापारियों को कानपुर के बिधनू में पेट्रोल पंप के पास छोड़ दिया था। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर बदमाशों की तलाश शुरू कर दी थी।
सीओ अजीतमल प्रदीप कुमार के नेतृत्व में कोतवाली प्रभारी नीरज यादव और उपनिरीक्षक शशिधर त्रिपाठी की टीम ने इस घटना में फरार पांच बदमाशों को पकड़ गया। पुलिस टीम ने बदमाशों को मुरादगंज चौराहे से सौ मीटर की दूरी पर शुक्रवार को पकड़ने में कामयाबी हासिल की। गिरफ्तार बदमाशों में नीरज चौहान उर्फ छोटू पुत्र लालजी चौहान निवासी रास्तपुर शिवली, इरशाद अली उर्फ शीलू पुत्र मुमताज निवासी मलिकपुर शिवली, रत्नेश यादव उर्फ बड़े पुत्र सुरेंद्र यादव निवासी रास्तपुर शिवली, देवेंद्र यादव पुत्र लाखन सिंह निवासी कल्याणपुर कानपुर देहात, साजिद पुत्र फ़रिख निवासी रास्तपुर शिवली हैं।
गिरफ्तार अभियुक्तों के पास चोरी की तीन बकरियाें सहित घटना में प्रयोग की गई शिफ्ट व स्कोर्पियो कार बरामद कर ली। पुलिस ने सभी अभियुक्तों को न्यायालय में पेश किया, जहां से जेल भेज दिया गया।
घटना में प्रयुक्त असलाह नहीं मिले
घटना के दौरान बदमाशों ने अवैध असलाह का प्रयोग किया था और व्यापारियों को जान से मारने की धमकी भी दी थी। पुलिस द्वारा पकड़े गये बदमाशों से असलाह नहीं मिले। घटना के बाद बदमाशों ने असलाह का क्या किया, इसका जवाब भी पुलिस के पास नहीं है।