VEDANTA का ‘प्रोजेक्ट पंछी’ सामाजिक-आर्थिक रूप से वंचित लड़कियों को बनाएगा सशक्त

VEDANTA का ‘प्रोजेक्ट पंछी’ सामाजिक-आर्थिक रूप से वंचित लड़कियों को बनाएगा सशक्त

September 9, 2023 Off By NN Express

कोरबा, 08 सितंबर, 2023। वेदांता समूह की कंपनी भारत एल्यूमिनियम कंपनी लिमिटेड (बालको) ने वेदांता के ‘प्रोजेक्ट पंछी’ को किया लॉन्च, जिसका उद्देश्य देश के ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक रूप से हाशिये पर रह गए समुदायों की 1000 युवा लड़कियों के जीवन में बदलाव लाना है। वेदांता समूह के चेयरमैन अनिल अग्रवाल की समाज को वापस देने की सोच को साकार करते हुए भर्ती अभियान इन लड़कियों को प्रगति के नए अवसर प्रदान करेगा। इस परियोजना से लड़कियां आर्थिक एवं सामाजिक बाधाओं को पार कर अपनी शिक्षा पूरी करने तथा स्थायी आजीविका हासिल करने में सफल होंगी।


पंछी परियोजना के शुभारंभ कार्यक्रम में 86 लड़कियों को चयन पत्र दिया गया। इन युवतियों में कई पहली पीढ़ी की शिक्षार्थी हैं जो आर्थिक परिस्थितिओं के कारण 12वीं के बाद अपनी पढ़ाई छोड़ चुकी थी। चयनित लड़कियों को वेदांता लिमिटेड के एल्यूमिनियम व्यवसाय के मुख्य मानव संसाधन अधिकारी श्री दिलीप सिन्हा और बालको के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं निदेशक श्री राजेश कुमार के नेतृत्व में चयन पत्र दिया गया।


प्रोजेक्ट पंछी कंपनी के अन्य व्यावसायिक स्थानों जैसे, ओडिशा के लांजीगढ़, झारसुगुड़ा और सुंदरगढ़ में भी चल रहा है। सबसे उपयुक्त उम्मीदवारों का चयन सुनिश्चित करने के लिए वेदांता ने प्रत्येक स्थान पर विशेष चयन प्रक्रिया लागू की है। चयनित होने के बाद इन बेटियों को ख्याति प्राप्त शैक्षिक संस्थानों से उनकी उच्च शिक्षा को मान्यता दिया जाएगा और डिग्री मिलने के बाद औपचारिक रूप से मुख्य संचालन में स्नातक प्रशिक्षुओं के रूप में वेदांता समूह में शामिल किया जाएगा।
बालको के सीईओ राजेश कुमार ने कहा कि वेदांता समूह ने स्वावलंबन के क्षेत्र में ‘पंछी’ परियोजना से अनूठी शुरुआत की है, जो बेटियों को उनके अधूरे सपनों को साकार करने का रास्ता दिखाएगी। वेदांता समूह ने सामुदायिक विकास कार्यों के जरिए शिक्षा, स्वास्थ्य, आधारभूत संरचना विकास जैसे क्षेत्रों में महत्वपूर्ण कार्य किए हैं। इस परियोजना से हम एक उज्जवल भविष्य की तैयारी कर रहे हैं, जहां ये सशक्त बेटियां अपने जीवन और आसपास के समाज को बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी। वेदांता समूह के चेयरमैन श्री अनिल अग्रवाल के मार्गदर्शन में वेदांता प्रतिभाओं की तलाश करने और उन्हें देश के विकास में योगदान के लिए तैयार करने की दिशा में कटिबद्ध है।


वेदांता एल्यूमिनियम बिजनेस के सीएचआरओ दिलीप सिन्हा ने कहा कि प्रोजेक्ट पंछी वेदांता में विविधता को बढ़ावा देने के दृष्टिकोण को मजबूत करेगा। लड़कियों को शिक्षा और पेशेवर अवसरों तक पहुंच प्रदान करके वेदांता समूह उनके विकास पथ को नई दिशा दे रहा है। मेरा दृढ़ विश्वास है कि इससे हमारी बेटियां सशक्त होंगी और समाज को आगे लेकर जाएंगी। ये बेटियां वेदांता के भीतर सकारात्मक बदलाव और नवाचार के लिए उत्प्रेरक बनेंगी और हमारी सामूहिक सफलता को अभूतपूर्व ऊंचाइयों तक लेकर जाएंगी।


प्रोजेक्ट पंछी में चयनित सुधा के पिता प्रमोद मानिकपुरी ने वेदांता के प्रति साधुवाद देते हुए कहा कि अभिभावक के रूप में मैंने हमेशा बच्चों को शिक्षा और विकास के सर्वोत्तम अवसर प्रदान करने का सपना देखा था। आर्थिक परिस्थितियों के कारण मेरे सपने टूट से गए थे, लेकिन ‘प्रोजेक्ट पंछी’ आशा की किरण के रूप में सामने आया है। इससे मेरी बेटी को स्नातक की पढ़ाई पूरी करने और नई ऊंचाइयों तक पहुंचने में मदद मिलेगी। यह पहल हमारे जैसे परिवारों के लिए एक जीवन रेखा है जो हमारी बेटी को नई उंचाईयों तक लेकर जाएगी।


बेलगरी बस्ती की निशा पात्रे ने वेदांता समूह के चेयरमैन श्री अनिल अग्रवाल के प्रति आभार जताते हुए कहा कि इस तरह की पहल हमें सशक्त बनने में मदद करेगी। पंछी परियोजना के इस कार्यक्रम ने मुझे आगे बढ़ने और लक्ष्य प्राप्ति के लिए प्रेरित किया है। अब मैं ऐसे भविष्य की आशा कर रही हूं जहां मैं अपने सपनों को प्राप्त करने तथा परिवार वालों की आर्थिक मदद करने और एक उज्जवल एवं समृद्ध कल के लिए मंच तैयार कर सकूं। मैं आत्मनिर्भरता की इस परिवर्तनकारी यात्रा का हिस्सा बनकर खुश हूं, जिसका वादा ‘प्रोजेक्ट पंछी’ ने मुझसे किया है।


प्रोजेक्ट पंछी सामाजिक सशक्तिकरण और विविधता के प्रति वेदांता समूह की प्रतिबद्धता का प्रतिनिधित्व करता है जो पूरे भारत में इसके विभिन्न व्यवसायों में फैला है। यह परियोजना ग्रामीण समुदाय के भीतर विविधता, समावेशन को बढ़ावा देने और सामाजिक बदलाव लाने के वेदांता के लक्ष्य को दर्शाती है। यह वंचित, दूरदराज के समुदायों में योग्य बेटियों के लिए अवसर प्राप्ति के साथ स्थायी आजीविका के अवसर पैदा करके धातु एवं खनन क्षेत्र के भीतर जेंडर डायवर्सिटी को बढ़ावा देती है।