11 साल बाद भी वही सवाल कि गीतिका ने क्यों किया सुसाइड?
July 25, 2023साल 2012 के बहुचर्चित एयर होस्टेस गीतिका शर्मा सुसाइड केस में मुख्य आरोपी और हरियाणा के दिग्गज नेता गोपाल कांडा और उनकी एमडीएलआर कंपनी में मैनेजर रहीं अरुणा चड्ढा बरी हो गए है. दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने साफ तौर पर कहा कि केवल सुसाइड नोट के आधार पर गोपाल कांडा या अरुणा चड्ढा को दोषी करार नहीं दिया जा सकता. कोर्ट ने यह भी कहा है कि यह सही है कि इन दोनों से गीतिका के दोस्ताना व्यवहार थे, इनके साथ वह घूमने भी जाती और सार्वजनिक कार्यक्रमों में भी नजर आती थी.
लेकिन यह भी तो हो सकता है कि गीतिका शर्मा ने किसी और वजह से आत्महत्या की हो. ऐसे में इस घटना के 11 साल बाद भी वही सवाल कि गीतिका को किसने मारा. सवाल इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि गीतिका की मौत के छह महीने बाद ही उसकी मां ने भी सुसाइड कर लिया था.
उसने भी अपनी मौत की वजह गोपाल कांडा को ही बताया था. बता दें कि जब गीतिका ने अशोक नगर स्थित अपने घर में सुसाइड किया था, उस समय गोपाल कांडा हरियाणा की भूपेंद्र सिंह हुड्डा सरकार में गृह राज्य मंत्री थे.इस घटना के बाद उन्हें ना केवल अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा, बल्कि 18 महीने के लिए उन्हें जेल भी जाना पड़ा था.
अब कोर्ट के फैसले के बाद उन्हें बड़ी राहत मिली है. 11 साल बाद उन्हें संदेह के आधार पर बरी कर दिया गया है. फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने कहा कि कांडा या चड्ढा का नाम केवल सुसाइड नोट है. केवल इतने भर से किसी को आत्महत्या के लिए उकसाने का दोषी नहीं माना जा सकता. कोर्ट ने कहा कि यदि सुसाइड नोट को देखें तो पता चलता है कि गोपाल कांडा बहुत खराब इंसान है. लेकिन उसने इसमें कहीं नहीं बताया कि कांडा ने उसके साथ कोई धोखा किया.
कोर्ट के मुताबिक सुसाइड के वक्त गीतिका प्रेगनेंट थी. मौत के ठीक पहले सात से आठ महीने तक गीतिका शर्मा ंसे कांडा की कोई बातचीत नहीं हुई थी. इसी प्रकार अरुणा चड्डा से भी गीतिका की आखिरी बातचीत उसकी मौत से करीब एक महीने पहले हुई थी.
ऐसे में बिना किसी ठोस सबूत के यह कैसे कहा जा सकता है कि उसकी आत्महत्या के पीछे इन दोनों की कोई भूमिका है. कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि कांडा की वजह से गीतिका को फायदा हुआ. उसे नौकरी मिली और धड़धड़ प्रमोशन भी हुए. यह तो किसी की आत्महत्या का आधार नहीं हो सकता.
बता दें कि गोपाल कांडा की एयरलाइंस कंपनी में क्रू मेंबर से भर्ती होने के बाद पहले एयर होस्टेस और बाद में डायरेक्टर बनी गीतिका शर्मा ने 5 अगस्त 2012 को सुसाइड कर लिया था. उसका शव अपने अशोक विहार स्थित घर में फंदे से लटका मिला था. गीतिका ने अपने सुसाइड नोट में लिखा था कि वह कांडा और चड्ढा के उत्पीड़न से परेशान होकर यह कदम उठा रही है.
उसके पास इसके अलावा कोई और विकल्प नहीं है. इसके छह महीने बाद गीतिका की मां ने कुछ इसी तरह की बात कहते हुए सुसाइड कर लिया था. यह दोनों मामले राउज एवेन्यू कोर्ट में लंबित थे. जिनका कोर्ट ने आज निस्तारण करते हुए कांडा को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया है.