Sawan 2023: उज्जैन का कुटुम्बेश्वर महादेव मंदिर, जहां विराजमान है पंचमुखी शिवलिंग; ये है मान्यता
July 20, 2023अब तक आपने कई शिव मंदिरों के दर्शन किए होंगे और उनकी अलग-अलग महिमा भी सुनी होंगी, लेकिन धार्मिक नगरी उज्जैन में एक शिव मंदिर ऐसा भी है, जहां दर्शन करने मात्र से ही कुटुंब में वृद्धि होती है और अश्वमेध यज्ञ करने के समान फल की प्राप्ति होती है. वैसे तो वर्ष भर ही इस मंदिर में श्रद्धालु भगवान का पूजन-अर्चन और आशीर्वाद लेने आते हैं, लेकिन वर्तमान में श्रावण मास के कारण प्रतिदिन सैकड़ों श्रद्धालु भगवान का पूजन अर्चन करने मंदिर में पहुंच रहे हैं.
उज्जैन के 84 महादेव में से 14वां स्थान रखने वाले श्री कुटुम्बेश्वर महादेव के पुजारी पंडित अरुण त्रिवेदी और पंडित श्याम गुरु त्रिवेदी ने बताया कि यह मंदिर सिंहपुरी में दिसावल परिवार निवास के सामने स्थित है, जो की अति प्राचीन एवं अत्यंत चमत्कारी है. मंदिर के गर्भगृह में कुल तीन शिवलिंग स्थापित हैं. मध्य में पंचमुखी शिवलिंग है, जिसके बारे में कहा जाता है कि शिवलिंग के चार मुख चारों दिशाओं में हैं, जबकि एक मुख ऊपर की ओर है.
माना जाता है कि शिवलिंग के दाएं और बाएं, जो दो शिवलिंग बने हैं, वह भगवान गणेश और भगवान कार्तिकेय के हैं, जो कि इस मंदिर में शिवलिंग के रूप में विराजमान है. मंदिर में अष्ट भैरव में से एक असितागांपित भैरव, श्री सिद्धि विनायक गणेश, भद्रकाली माता के साथ ही शंकराचार्य जी की प्रतिमा भी स्थापित है. चूंकि यह मंदिर अति प्राचीन है, इसीलिए चार पुराने खंभों के नीचे नंदी जी की प्रतिमा भी विराजमान है.
मंदिर के पुजारी पंडित श्याम त्रिवेदी बताते हैं कि श्री कुटुम्बेश्वर महादेव के दर्शन करने से कुटुंब में वृद्धि होती है. साथ ही मनुष्य रोग मुक्त हो लक्ष्मी को प्राप्त करता है. पुजारी ने यह भी बताया कि मान्यता है कि यदि रविवार, सोमवार, अष्टमी एवं चतुर्दशी को क्षिप्रा स्नान कर जो व्यक्ति श्री कुटुम्बेश्वर के दर्शन करता है, उसे एक हजार राजसूर्य और सौ वाजपेय यज्ञ के साथ ही अश्वमेध यज्ञ का फल प्राप्त होता है.