DHAMTARI : बंदियों को तनावमुक्त रखने डाॅक्टरों ने सिखाया गुर
October 6, 2022धमतरी, 06 अक्टूबर । जिला जेल धमतरी में विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस मनाया गया। जेल में बंद कैदियों व बंदियों के मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाना शिविर का उद्देश्य है, ताकि जेल से छूटने के बाद बंदी गलत संगति में पड़कर पुन : अपराध न करें। शिविर में बंदियों को तनाव मुक्त जीवन जीने के लिए प्रेरित किया गया। विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के जिला नोडल अधिकारी डा जेएस खालसा ने बताया कि इस वर्ष सभी के लिए मानसिक स्वास्थ्य और भलाई को वैश्विक प्राथमिकता बनाने की थीम पर जिले में तीन अक्टूबर से 11 अक्टूबर तक मानसिक स्वास्थ्य सप्ताह मनाया जा रहा है। इस दौरान लोगों को मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं पर जागरूक किया जा रहा है। इसी क्रम में जिला जेल धमतरी में बंदियों के लिए मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला का उद्देश्य बंदियों के मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाना है।
क्लीनिकल साइकोलाजिस्ट प्रीति चांडक ने बताया कि, कार्यशाला में बंदियों को एक स्वस्थ शरीर में मानसिक स्वास्थ्य की महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में जानकारी दी गई। इस मौके पर मानसिक बीमारियों की पहचान कैसे करनी है, इस बारे में भी बताया गया। बंदियों को होने वाले तनाव के विभिन्न कारक जैसे घर परिवार से दूरी, अकेलापन, अपने द्वारा किए गए काम को लेकर आत्मग्लानि महसूस करना, जेल का परिवेश, अपनों की चिंता, सजामुक्त होने के बाद भविष्य को लेकर चिंता पर चर्चा करते हुए विभिन्न प्रकार के उपायों के माध्यम से हल करने के बारे में बताया गया।
काउंसिलिंग के लिए बुलाया
शिविर में प्राब्लम साल्विंग स्किल, असर्टिंवनेस टेक्निक, वेंटीलेशन टेक्निक, म्यूजिक थेरेपी द्वारा भी तनाव को कम करने के बारे में बताया गया। क्लीनिकल साइकोलाजिस्ट ने बंदियों के मानसिक स्वास्थ्य की जांच कर मानसिक रूप से तनावयुक्त बंदियों को आवश्यकतानुसार काउंसिलिंग के लिये जिला अस्पताल लाने का भी सुझाव दिया। उन्होंने आगे बताया कि बंदियों को सजा मुक्त होने के बाद गलत संगति वाले लोगों के कारण फिर से गलत कार्यों की पुनरावृत्ति हो सकती है। इस बात से होने वाले तनाव को कम करने के लिए असर्टिंवनेस टेक्निक सिखाया गया। साथ ही सजा मुक्त होने के बाद अपनी और अपने परिवार का जीविकोपार्जन किस प्रकार किया जाए पर होने वाले तनाव को कम करने के लिए प्राब्लम साल्विंग स्किल्स दिखाया गया। मेडिकल आफिसर मानसिक स्वास्थ्य डा रचना पद्मावर ने कहा कि, मानसिक स्वास्थ्य को आसानी से पहचाना जा सकता है। व्यक्ति में अत्यधिक चिड़चिड़ापन, कार्य में रुचि न होना या अत्यधिक गुस्सा आना। मन: स्थिति स्थिर न होने को दर्शाता है। शिविर में जिला जेल अधीक्षक एनके डेहरिया समेत बंदी बड़ी संख्या में उपस्थित थे।