कृषि मजदूर न्याय योजना : अब नगर पंचायतों के भूमिहीन कृषि मजदूरों को भी मिलेगा लाभ
April 3, 2023कवर्धा, 03 अप्रैल । । राजीव गांधी भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना छत्तीसगढ़ शासन की महत्वाकांक्षी योजना है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के विधानसभा बजट भाषण के अनुरूप इस योजना का विस्तार ग्राम पंचायतों के क्षेत्रों के साथ-साथ नगर पंचायत एवं नगरपालिका (अनुसूचित क्षेत्रों) में किया गया है। छत्तीसगढ़ सहित कबीरधाम जिले के नगर पंचायत सहसपुर लोहारा, बोड़ला, पंडरिया, पाण्डातराई और पिपरिया में नवीन आवेदन प्राप्त करने का कार्य 1 अप्रैल से शुरू हो गया है। इन पांचो नगर पंचायतों की आबादी जनगणना 2011 के अनुसार 40 हजार 738 है।
जिसमें नगर पंचायत पंडरिया की आबादी 16 हजार 165, बोड़ला की आबादी 5 हजार 689, पाण्डातराई की आबादी 7 हजार 8, सहसपुर लोहारा की आबादी 7 हजार 17 और नगर पंचायत पिपरिया की आबादी 4 हजार 859 है। नवीन आवेदन लेने का कार्य 1 अप्रैल से 15 अप्रैल तक चलेगा। उल्लेखनीय है कि राजीव गांधी भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना के तहत पात्र चिन्हांकित परिवार के मुखिया को प्रतिवर्ष 7000 रूपए किश्तों में अनुदान सहायता राशि प्रदान की जाएगी।
कलेक्टर जनमेजय महोबे ने छत्तीसगढ़ शासन राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा राजीव गांधी भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना ग्र्रामीण/नगरीय क्षेत्रों में ऑनलाईन प्रविष्टि एवं समय सीमा में किए जाने वाले कार्यो की कार्ययोजना, जारी दिशा निर्देशों के संबध में जिले के समस्त नगर पंचायत के मुख्य नगर पालिका अधिकारियों एवं तहसीलदारों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए है। शासन द्वारा जारी गाईड लाईन के अनुसार नवीन आवेदन प्राप्त करने की तिथि 01 से 15 अप्रैल तक निर्धारित की गई है। पोर्टल में डाटा प्रविष्टि करने की अंतिम तिथि 22 अप्रैल तक एवं तहसीलदार द्वारा पंजीकृत आवेदनों का निराकरण की अंतिम तिथि 30 अप्रैल तक निर्धारित की गई है।
आवेदनों की स्वीकृति अथवा अस्वीकृति पश्चात ग्राम पंचायत, नगर पंचायत, नगर पालिका क्षेत्रों पर प्रकाश कर दावा आपत्ति का ग्राम सभा, सामान्य सभा में निराकरण की अंतिम तिथि 08 मई 2023 निर्धारित की गई है। सामान्य सभा के निर्णय अनुसार पोर्टल में अद्यतीकरण 14 मई एवं अंतिम सत्यापित सूची के प्रकाशन की तिथि 15 मई 2023 निर्धारित की गई है। छत्तीसगढ़ राज्य में ग्रामीण-नगरीय आबादी का एक बड़ा हिस्सा कृषि मजदूरी पर निर्भर है। छत्तीसगढ़ राज्य में खरीफ सत्र में ही कृषि मजदूरी के लिए पर्याप्त अवसर रहता है। रबी सत्र में फसल क्षेत्राच्छादन कम होने के कारण कृषि मजदूरी के लिए अवसर भी कम हो जाता है। कृषि मजदूरी कार्य में संलग्न ग्रामीणों में अधिकतर लघु, सीमांत अथवा भूमिहीन कृषक है।
इसमें से भूमिहीन कृषि मजदूर को अन्य की अपेक्षा रोजगार के कम अवसर ग्राम एवं नगर पंचायत स्तर पर उपलब्ध होते है। राज्य शासन द्वारा ऐसे वर्ग को संबल प्रदाय करने की दृष्टि से राजीव गांधी भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना प्रारम्भ किया गया है। इसका और विस्तार किया गया है। अब ग्राम पंचायत क्षेत्रों के साथ-साथ नगर पंचायत एवं नगरपालिका (अनुसूचित क्षेत्रों के) में ऐसे भूमिहीन कृषि मजदूर परिवारों की पहचान करना तथा भूमिहीन मजदूर परिवारों को वार्षिक आधार पर आर्थिक अनुदान प्राप्त होगा। इसके उनकी आय में वृद्धि होगी।
यह योजना प्रदेश के ग्राम पंचायत क्षेत्रां में वित्तीय वर्ष 2021-22 से लागू की गई थी। अब चालू वित्तीय वर्ष 2023-24 में इसका विस्तार कर नगर पंचायत क्षेत्रों में भी लागू किया गया है। ताकि इन क्षेत्र के भूमिहीन मजदूर परिवारों की पहचान कर उनको भी इस योजना का लाभ मिले। यह योजना केवल छत्तीसगढ़ के मूल निवासियों के लिए है। ग्राम पंचायत, नगर पंचायत क्षेत्रों में निवासरत भूमिहीन कृषि मजदूर परिवार इस योजना का लाभ प्राप्त करने हेतु प्रात्र होंगे।