World Obesity Day 2023: मोटापे को जल्द करें कम, वरना हो जाएंगे इन 4 खतरनाक बीमारियों का शिकार
March 1, 2023World Obesity Day 2023: मोटापा जीवनशैली से जुड़ी अनेक बीमारियों का शुरुआती संकेत होता है। कुछ आदतों को दिनचर्या का हिस्सा बना लें, तो स्वस्थ व खुशहाल जिंदगी का आनंद उठा सकते हैं। विश्व मोटापा दिवस 4 मार्च को मनाया जाएगा। इस मौके पर जानते हैं मोटापे से जुड़ी समस्याएं और इससे दूर रहने के बारे में…
मोटापा एक गंभीर विकार है। इसमें व्यक्ति के शरीर में अत्यधिक चर्बी जमा हो जाती है और स्वास्थ्य से जुड़े जोखिम बढ़ जाते हैं। आमतौर पर इसकी शुरुआत जरूरत से अधिक कैलोरी लेने से होती है। पर्याप्त शारीरिक श्रम नहीं होने से यह कैलोरी खर्च नहीं हो पाती है। इससे धीरे-धीरे शारीरिक गतिविधियां प्रभावित होने लगती हैं, जो आगे चलकर अनेक बीमारियों की नींव तैयार करती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन का अनुमान है कि 1975 के बाद से दुनियाभर में मोटापे से ग्रस्त लोगों की संख्या तीन गुने से अधिक हो चुकी है। वहीं राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 (एनएफएचएस-5) से स्पष्ट है कि भारत में पुरुषों और महिलाओं के साथ-साथ मोटापे के शिकार बच्चों की संख्या भी बढ़ी है। इसके पीछे आरामतलब जीवनशैली, असंतुलित खान-पान, दवाओं का दुष्प्रभाव और आनुवंशिकता जैसे कुछ प्रमुख कारण हैं।
शरीर में ज्यादा मात्रा में चर्बी जमा होने से वजन बढ़ने लगता है। जब बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) 25 या उससे ऊपर चला जाता है, तो वह मोटापे का शुरुआती संकेत होता है। बढ़ते वजन को अगर समय रहते नियंत्रित नहीं किया गया, तो मोटापे को रोक पाना कठिन हो जाता है। व्यक्ति का वजन ऊंचाई के अनुपात में संतुलित होना चाहिए। इसे बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) द्वारा निर्धारित किया जाता है। चर्बी ज्यादा जमा हो जाने पर शरीर के विभिन्न अंगों की कार्यप्रणाली पर असर पड़ने लगता है और मेटाबोलिज्म, इंसुलिन तथा अन्य हार्मोन असंतुलित होने लगते हैं। मोटापे से मधुमेह, उच्च रक्तचाप, हृदय रोग, गठिया और कैंसर होने का भी खतरा रहता है।
इन कारणों से भी बढ़ता है मोटापा
- व्यक्ति का खाने का तरीका और खाने की चीजें उसके वजन पर बड़ा प्रभाव डालती हैं। फास्ट फूड, शीतल पेय, मिठाई, घी, मक्खन जैसे खाद्य पदार्थ ज्यादा खाने से वजन बढ़ता है।
- यदि व्यक्ति अपनी दिनचर्या में टहलने, दौड़ने या व्यायाम आदि जैसी आवश्यक शारीरिक गतिविधियों के लिए समय नहीं निकालता है, तो शरीर में वसा जमा होने लगती है।
- बाहर का भोजन करने, आरामदायक जीवनशैली और लगातार कई घंटों तक बैठे रहने से भी वजन में वृद्धि होती है।
- कुछ लोगों के वजन बढ़ने के पीछे आनुवंशिक कारण भी होते हैं।
- कुछ शारीरिक परेशानियों, जैसे-थायरायड, पोलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस) और हार्मोन असंतुलन के कारण भी मोटापे की समस्या होती है।
- तनाव, अवसाद और एंग्जाइटी के कारण भी कुछ लोगों का वजन बढ़ता है।
अनेक बीमारियों का जोखिम
- दिल की बीमारी : मोटापे के कारण हृदय से संबंधित बीमारियों का खतरा अधिक रहता है, जैसे-रक्तचाप और हृदयघात।
- डायबिटीज : ओबेसिटी डायबिटीज यानी मधुमेह का जोखिम भी बढ़ाती है। मोटे लोगों के शरीर के इंसुलिन निर्माण की प्रक्रिया अधिक असंयमित होती है। इससे रक्तचाप और डायबिटीज से संबंधित समस्याएं बढ़ती हैं।
- कैंसर : मोटे लोगों में कैंसर होने की आशंका अन्य लोगों के मुकाबले अधिक होती है।
- कई अन्य बीमारियां भी: मोटापाग्रस्त लोगों को जोड़ों का दर्द, नींद की समस्या, अस्थमा जैसी बीमारियां होने की आशंका अधिक होती है। वहीं, अधिक वजन होने पर बच्चों का विकास बाधित होता है।
मोटापे से बचाएंगे ये उपाय
- स्वस्थ आहार : स्वस्थ और गुणवत्तापूर्ण जीवन के लिए संतुलित आहार सबसे जरूरी है। अपने भोजन में मोटे अनाज, सब्जियां, फल, दालें, मुंह में घुलने वाली चीजें, उच्च प्रोटीन वाले खाद्य पदार्थों को जरूर शामिल करें। इससे आपको भोजन की एक संतुलित खुराक मिलेगी। साथ ही इससे वजन भी नियंत्रित और आदर्श स्थिति में रहेगा। तले हुए या प्रसंस्करित खाद्य पदार्थों के सेवन से बचें।
- नियमित व्यायाम : ध्यान और व्यायाम स्वस्थ रखने में सबसे मददगार होते हैं। आप कुछ मिनटों के लिए प्रतिदिन जरूर चलें। रोजाना 30 मिनट टहलने की आदत आपको स्वस्थ रखेगी। किसी एक जगह पर लंबे समय तक न बैठें। काम के बीच-बीच में विराम अवश्य लेते रहें।
- पर्याप्त नींद : बेहतर शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए छह से आठ घंटे की नींद आवश्यक है।
- उचित परामर्श : यदि जरूरी उपायों को अपनाने के बावजूद वजन बढ़ता जा रहा है, तो अच्छे डायटीशियन और चिकित्सक से सलाह अवश्य लें।