
कोयला खदान व खान मंत्रालय के उपक्रमो से क्षेत्र वासियो में भारी निराशा : सांसद श्रीमती ज्योत्सना महंत
May 27, 2025(कोरबा) कोयला खदान व खान मंत्रालय के उपक्रमो से क्षेत्र वासियो में भारी निराशा : सांसद श्रीमती ज्योत्सना महंत
- खदानों में तगड़ी सुरक्षा फिर भी हादसे, जिम्मेदारी हो तय हो
- कोयला, खान व इस्पात संसद की स्थायी समिति की बैठक में सांसद ने उठाया मुद्दा
कोरबा : कोयला,खान और इस्पात पर संसद की स्थायी समिति की संसद भवन परिसर में आयोजित बैठक में कोरबा लोकसभा क्षेत्र सांसद श्रीमती ज्योत्सना चरणदास महंत ने खनिजों और धातुओं की आत्मनिर्भरता पर आयोजित विषय पर अपनी बात रखते हुए कहा कि “छत्तीसगढ़ के कोरबा संसदीय क्षेत्र के खनन क्षेत्र के प्रभावितो को आत्मनिर्भर बनाने के लिए जरूरी है, खनिज न्यास निधि की राशि प्रभावित क्षेत्र में प्राथमिकता के साथ व्यय किये जायें। लेकिन कोरबा जिले में इसका आभाव दिखता है।
साँसद श्रीमती महंत ने माइनिंग कालेज की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि तत्काल में जरूरी होगा कि खनन प्रभावित लोगो को तकनीकी व रोजगार मुलक प्रशिक्षण दिया जाए। साँसद श्रीमती महंत ने कहा कि बडे दुख की बात है कि कोरबा जिले में एक भी इस मंत्रालय से संबंधित रोजगार मूलक स्थाई ट्रेनिंग सेंटर नही है।
साँसद श्रीमती महंत ने आगे कहा कि कोयला, इस्पात व खनन उपक्रमो में प्रभावित बेरोजगार युवकों व समूहों को सीधे रोजगार से जोड़ने उन्हें आवश्यक ठेके में अवसर दिए जाए व उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए आवश्यक है कि प्रभावित क्षेत्र के लोग स्वस्थ रहे उसके लिए जरूरी होगा कि चलित चिकित्सालय व निजी/सार्वजनिक उपक्रमो के चिकित्सालय को मल्टीस्पेशलिटी चिकित्सालय के तर्ज पर विकसित किया जाए, साँसद ने कहा कि खनन तो ठीक है लेकिन उसके अपशिष्ट के निष्पादन की क्या ब्यवस्था है, सरकार को स्पष्ट करने की जरूरत है।
कोरबा साँसद ने अपनी बात रखते हुए कहा कि ऊर्जा व इस्पात मंत्रालय के अधीन कोरबा के निजी उपक्रम बालको के चिकित्सालय को सुपरस्पेशलिटी चिकित्सालय में तर्ज किया जाए व जिले के नागरिकों को रियायती दरों पर सुविधा प्रदान करे, लैंको-अडानी भी सामुदायिक विकास में भागीदारी निभाये, उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए जरूरी है कि पुनर्वास ग्राम व भु-विस्थापित लोगो की समस्या निदान पहले प्राथमिकता से की जाये उसके बाद खनन के कार्य प्रारंभ हो।
कोरबा साँसद श्रीमती ज्योत्सना चरणदास महंत ने कहा कि एसईसीएल की गेवरा, कुसमुंडा, दीपका सहित अन्य कोयला खदान में त्रिपुरा रायफल व सस्त्र बल की तैनाती के बाद भी रोजाना खदानों में अवैधानिक लोग घुस जाते है, मेरे द्वारा बार-बार संज्ञान में लाने के बाद भी कोई कार्यवाही नही हो रही है, आज भी दीपका कोयला खदान में हुए हादसे में दो की मौत हो गई है, एक घायल है। यह किसकी जिम्मेदारी है ? - जिम्मेदारी तय हो और तत्काल विधि-सम्मत की जाए कार्यवाही
साँसद श्रीमती महंत ने आगे कहा कि पहले भी खदानों में गोली चलने, हत्या, मारकाट जैसी घटना घटित हो चुकी है। क्या ये सब एसईसीएल के अधिकारियों और कोयला तस्करों की साठ-गांठ से संभव हो रहा हैं ? साँसद ने चिरमिरी क्षेत्र में कोयला में लगी आग व झगराखण्ड की समस्या के साथ-साथ वहां रह रहे कामगारों व स्थानीय जनों की समस्या से अवगत कराया, साथ ही फिर एक बार एमसीबी जिले में सर्वसुविधायुक्त स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार की मांग उठाई।