
बच्चों द्वारा ड्रग्स एवं अन्य स्वापक औषधि के प्रयोग के रोकथाम व पुनर्वास हेतु अभियान संचालित
April 22, 2025(कोरबा) बच्चों द्वारा ड्रग्स एवं अन्य स्वापक औषधि के प्रयोग के रोकथाम व पुनर्वास हेतु अभियान संचालित
कोरबा : भारत सरकार, राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग, नई दिल्ली तथा राज्य शासन के निर्देशानुसार कलेक्टर अजीत वसंत के मार्गदर्शन पर जिले में बच्चों द्वारा ड्रग्स एवं अन्य स्वापक औषधियों के प्रयोग तथा बच्चों के अवैध तस्करी की रोकथाम हेतु ‘‘एक युद्ध-नशे के विरुद्व’’ विषय पर जॉइंट एक्शन प्लान के क्रियान्वयन के लिए आवश्यक कार्यवाही की गयी।
उपरोक्त संबंध में राज्य में किशोर न्याय अधिनियम 2015 एवं नियम 2016 के प्रावधानों के अंतर्गत सुरक्षा एवं देखभाल की आवश्यकता वाले बालकों के सर्वोत्तम हित में देखरेख, संरक्षण, विकास, उपचार, समाज में पुनः मिलाने के उद्देश्य से जिलों में ‘‘एक युद्ध नशे के विरुद्व’’ विषय पर पुलिस, नियंत्रक खाद्य एवं औषधीय प्रशासन, आबकारी, जिला बाल संरक्षण इकाई, महिला एवं बाल विकास विभाग व अन्य सर्व संबंधितों विभागों के संयुक्त तत्वाधान में बच्चों द्वारा ड्रग्स एवं अन्य स्वापक औषधि के प्रयोग के रोकथाम हेतु 30 अप्रैल तक संयुक्त रूप से अभियान संचालित किये जाने हेतु जिला स्तर पर दल का गठन किया गया है।
उपरोक्त गठित दल निर्धारित तक संयुक्त रूप से अभियान संचालित किया जा रहा है। तदुपरांत जिले में बच्चों के सर्वोत्तम हित में आवश्यकतानुसार समय-समय पर अभियान का संचालन करेंगें।अभियान के दौरान देखरेख एवं संरक्षण/विपरीत परिस्थिती अंतर्गत बच्चों के प्राप्त होने पर बालकों को, बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत कर किशोर न्याय अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार तथा दल के संबंधित विभागों द्वारा नियमानुसार कार्यवाही करेगी। जिले में बच्चों के देखरेख एवं संरक्षण को सुनिश्चित किये जाने हेतु तथा बच्चों द्वारा ड्रग्स एवं अन्य स्वापक औषधि के प्रयोग के रोकथाम व पुनर्वास को सुनिश्चित किया जा सकता है। इस हेतु महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा सभी प्रतिष्ठित प्रतिष्ठान व दुकानदार संचालकों, गणमान्य नागरिकों, समाज प्रमुखों, सेवा प्रदाताओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं व अन्य सभी से बच्चों के देखरेख एवं संरक्षण हेतु तथा बच्चों द्वारा ड्रग्स एवं अन्य स्वापक औषधि के प्रयोग के रोकथाम व पुनर्वास हेतु सभी अपना सहयोग प्रदान करने अपील की गयी हैं। जिससे जिले में बच्चों के देखरेख एवं संरक्षण को सुनिश्चित किये जाने हेतु तथा बच्चों द्वारा ड्रग्स एवं अन्य स्वापक औषधि के प्रयोग के रोकथाम व पुनर्वास को सुनिश्चित किया जा सके।