डीजीपी ने आईजी-एसपी को फटकारा, अपराध रोकने के दिए कड़े निर्देश

डीजीपी ने आईजी-एसपी को फटकारा, अपराध रोकने के दिए कड़े निर्देश

November 16, 2024 Off By NN Express

भिलाई। छत्तीसगढ़ में बिगड़ती कानून व्यवस्था और वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की गोपनीयता लीक होने की घटनाओं पर डीजीपी अशोक जुनेजा ने सख्त नाराजगी जताई है। शुक्रवार रात को ही डीजीपी ने वायरलेस संदेश जारी कर सभी आईजी और एसपी को शनिवार सुबह 10 बजे तक पुलिस मुख्यालय में उपस्थित होने का आदेश दिया। इस फरमान के बाद प्रदेशभर के पुलिस अधिकारी तुरंत रायपुर पहुंचे, बस्तर रेंज को छोड़ सभी जिलों के आईजी और एसपी ने बैठक में भाग लिया।

कानून व्यवस्था पर डीजीपी का सख्त रुख
बैठक के दौरान डीजीपी ने राज्य में बढ़ते अपराध, जैसे हत्या, लूट, चाकूबाजी, नकबजनी, शराबखोरी, और नशाखोरी पर गहरी चिंता व्यक्त की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि अपराधियों में पुलिस का खौफ पैदा हो और आम जनता पुलिस को मित्र के रूप में देखे।

डीजीपी के निर्देश:
    गुंडों पर सख्त कार्रवाई करें।
    हत्या, लूट और नशाखोरी पर अंकुश लगाएं।
    जनता की सुरक्षा सुनिश्चित करें।
    पुलिस की छवि सुधारने के लिए ठोस कदम उठाएं।

गोपनीयता लीक पर जताई नाराजगी
डीजीपी ने वरिष्ठ अधिकारियों की गोपनीय जानकारी लीक होने की घटनाओं पर भी गहरी नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि यह न केवल विभाग की छवि को नुकसान पहुंचाता है, बल्कि अपराध नियंत्रण में भी बाधा उत्पन्न करता है।

सीबीआई अधिकारी ने दिए टिप्स
बैठक में दिल्ली से आए एक वरिष्ठ सीबीआई अधिकारी ने भी हिस्सा लिया। उन्होंने छत्तीसगढ़ पुलिस को अपराध रोकथाम और जांच में सीबीआई की कार्यप्रणाली अपनाने की सलाह दी। अधिकारी ने कहा कि योजनाबद्ध तरीके से कार्रवाई कर पुलिस अपराधों पर प्रभावी अंकुश लगा सकती है।

वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति
बैठक में एडीजी स्तर के वरिष्ठ अधिकारी, जैसे अमित कुमार, विवेकानंद सिन्हा, दीपांशु काबरा, आनंद छाबड़ा, प्रदीप गुप्ता, ओपी पॉल, डॉ. संजीव शुक्ला, और रामगोपाल गर्ग सहित दुर्ग जिले के एसपी जितेंद्र शुक्ला, सभी जिलों के एसपी, आईजी और सीआईडी के प्रमुख अधिकारी उपस्थित थे।

जनता में सुरक्षा का संदेश देने पर जोर
डीजीपी ने कहा कि हर नागरिक की जान की कीमत होती है और अपराध पर नियंत्रण के लिए कठोर कदम उठाने जरूरी हैं। उन्होंने पुलिस को निर्देश दिया कि अपराधियों पर कार्रवाई में कोई नरमी न बरती जाए और जनता में सुरक्षा का विश्वास पैदा किया जाए।

निष्कर्ष: बैठक के बाद अधिकारियों को सख्त चेतावनी दी गई है कि वे अपने जिलों में अपराध नियंत्रण सुनिश्चित करें और जनता को भरोसा दिलाएं कि पुलिस उनकी सुरक्षा के लिए तत्पर है।