जीवन में आनंद और खुशियां अपने हाथ में है: राज्यपाल डेका
September 22, 2024तेरापंथ प्रोफेशनल फोरम के कार्यक्रम में शामिल हुए राज्यपाल
रायपुर । राज्यपाल रमेन डेका रविवार को तेरापंथ प्रोफेशनल फोरम रायपुर द्वारा ‘गुड लाइफ-गुड लक‘ विषय पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि जीवन में आनंद और खुशियां अपने हाथ में है। कम सुविधाओं में भी खुश रहा जा सकता है। समय का प्रबंधन भी बहुत जरूरी है।
राज्यपाल रमेन डेका ने मुनि सुधाकर एवं मुनि नरेश कुमार के सानिध्य में अनुभव एवं ज्योतिष शास्त्र पर आधारित विशेष प्रवचन कार्यक्रम में अपने विचार रखते हुए कहा कि दुनिया एक मंच है जिसमें सभी की भूमिकाएं निर्धारित है। जिसको निभाना है ।समाज के बारे में भी हमें सोचना है। समाज ने हमको क्या दिया यह न सोचकर हम समाज को क्या दे रहे है यह सोचें।
राज्यपाल डेका ने कहा कि हमे पर्यावरण संरक्षण, जल संरक्षण के बारे में भी जागरूक होना है। जल की बरबादी रोकें और वाटर हार्वेस्टिंग व्यवस्था को बढ़ावा दे। जनसंख्या और पर्यावरण के बीच संतुलन बनाना आवश्यक है। वर्तमान युग में सादा जीवन बहुत मुश्किल है। हमारे लिए धन केवल उतना ही जरूरी है जितना खान-पान, बीमारी, अतिथि सत्कार के लिए जरूरत है। अनावश्यक प्रतिस्पर्धा से बचना होगा। आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल सही तरीेके से हो इस पर ध्यान देना है। उन्होंने मोबाइल के ज्यादा उपयोग को नुकसानदायक बताया।
उन्होंने कहा कि आज के समय में, जब हम डिजिटल युग में रह रहे हैं, हमें अनेक चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। सोशल मीडिया, अत्यधिक प्रतिस्पर्धा, और बदलते सामाजिक मूल्यों के बीच सही दिशा में आगे बढ़ना ही हमारी सफलता का रहस्य है। हमें नई तकनीकों और साधनों का सदुपयोग करते हुए अपनी प्रतिभा और कौशल को विकसित करना चाहिए। इसके साथ ही, हमें यह याद रखना चाहिए कि जीवन का असली सौंदर्य हमारे नैतिक मूल्यों और आत्म-संतोष में है।
राज्यपाल ने कहा कि ‘‘गुड लाइफ‘‘ एक यात्रा है, न कि गंतव्य। यह हमारे विचारों, कर्मों और रिश्तों का समन्वय है। ‘‘गुड लक‘‘ हमारा साथी तब बनता है जब हम इस यात्रा में ईमानदारी, समर्पण, और सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाते हैं। इसलिए, हमेशा अच्छे कर्म करें, सही दिशा में आगे बढ़ें, और आपका सौभाग्य स्वयं आपके साथ होगा।
इस अवसर पर आचार्य सुधाकर मुनि ने भी जीवन से जुड़े अपने विचार रखे। कार्यक्रम में तेरापंथ फोरम के पदाधिकारी एवं जैन समुदाय कीे महिलाएं एवं पुरूष बड़ी संख्या में उपस्थित थे।