भोपाल में होगा साहित्योत्सव जश्न-ए-अदब कल्चरल कारवां विरासत का भव्य आयोजन
September 19, 2024भोपाल में होगा साहित्योत्सव जश्न-ए-अदब कल्चरल कारवां विरासत का भव्य आयोजन
- दो दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन 21 और 22 सितम्बर, 2024 को होगा
- यह उत्सव भारतीय कला, संस्कृति और साहित्य को बढ़ावा देने के लिए समर्पित रहेगा
- भारत भर के प्रसिद्ध कलाकारों साहित्योत्सव जश्न-ए-अदब कल्चरल कारवां विरासत की शोभा बढ़ाएंगे
भोपाल, सितंबर 2024: भारतीय कला, संस्कृति और साहित्य का उत्सव मनाने वाला एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक कार्यक्रम, साहित्योत्सव जश्न-ए-अदब कल्चरल कारवां विरासत, मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में आयोजित होने जा रहा है। इस दो दिवसीय सांस्कृतिक समारोह का आयोजन 21 और 22 सितंबर, 2024 को ओल्ड रविन्द्र भवन ऑडिटोरियम, प्रोफेसर्स कॉलोनी, राजभवन रोड पर किया जाएगा। यह कार्यक्रम संस्कृति मंत्रालय (भारत सरकार), पर्यटन मंत्रालय (भारत सरकार) और आयकर विभाग, भोपाल के सहयोग से आयोजित होगा। साहित्योत्सव में पूरे भारत के प्रतिष्ठित कलाकार अपनी कलात्मक प्रस्तुतियों के साथ उपस्थित रहेंगे, और इस कार्यक्रम में सभी के लिए प्रवेश निःशुल्क रहेगा। दो दिवसीय कार्यक्रम में विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों जैसे गजल, नाटक, मुशायरा एवं कवि सम्मेलन आदि का लुफ्त उठाया जा सकेगा।
पहले दिन की शुरुआत 21 सितंबर, 2024 को दोपहर 2:00 बजे से होगी। कार्यक्रम एक उद्घाटन समारोह के साथ आरंभ होगा। इसके बाद “राजभाषा, दरिया प्रेम का” कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। सैयद साहिल आगा द्वारा प्रस्तुत “दास्तानगोई” इस दिन का प्रमुख आकर्षण होगा। इसके अतिरिक्त, डॉ. ओम निश्चल, इंदु श्रीवास्तव, रचित दीक्षित, अमन अक्षर, और मशहूर कथक नृत्यांगना विधा लाल अपनी कला का प्रदर्शन करेंगी। पद्मश्री उस्ताद अहमद हुसैन और पद्मश्री उस्ताद मोहम्मद हुसैन अपनी गजलों से “शाम-ए-गजल” महफिल में चार चांद लगाएंगे।
22 सितंबर, 2024 को दोपहर 1:00 बजे से दूसरे दिन की शुरुआत, एक रोचक बैतबाज़ी कार्यक्रम से होगी, जिसके बाद डॉ. ओम निश्चल हिन्दी राजभाषा के 75 वर्षों पर अपने विचार प्रस्तुत करेंगे। फिर, प्रोफेसर दानिश इकबाल द्वारा लिखित और अनिल शर्मा द्वारा निर्देशित नाटक “कटघरे में ग़ालिब” का मंचन होगा। इसके बाद, प्रसिद्ध अभिनेत्री मेघना मलिक, अभिनेत्री सुनीता राजवार, अभिनेता जमील खान, और कुँवर रंजीत द्वारा ओटीटी और सिनेमा का भाषाई और सामाजिक सरोकार विषय पर एक विशेष पैनल चर्चा आयोजित की जाएगी। दिन का समापन शब्द रंग: मुशायरा एवं कवि सम्मेलन के साथ होगा, जिसमें प्रो. वसीम बरेलवी, अकील नोमानी, रमेश शर्मा, कुँवर रंजीत चौहान, कर्नल गौतम राजऋषि, नैना सोइन कपिल-आईआरएस, जावेद मुशीरी, शाकिर देहलवी, और अनस फ़ैज़ी शिरकत करेंगे।
कार्यक्रम पर खुशी व्यक्त करते हुए, कवि और साहित्योत्सव जश्न-ए-अदब के संस्थापक, कुँवर रंजीत चौहान ने कहा, “साहित्योत्सव जश्न-ए-अदब कल्चरल कारवां विरासत 2024 भारतीय कला, संस्कृति, और साहित्य का उत्सव है। इसे दिल्ली, राजस्थान, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, चंडीगढ़, बिहार, गुजरात और जम्मू-कश्मीर सहित कई राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में आयोजित किया जा चुका है। इस कार्यक्रम ने भारतीय कला और संस्कृति को जीवंत करने का कार्य किया है।”
उन्होंने आगे कहा, “हमारा उद्देश्य भारतीय कला और साहित्य की धरोहर को जन-जन तक पहुँचाना है, और यह आयोजन उस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। हमें गर्व है कि यह साहित्योत्सव एक ऐसा मंच बन गया है, जहां भारतीय संस्कृति की विविधता और समृद्धि का सम्मान किया जाता है।”