शिक्षा विकास का मूल मंत्र, किसी भी क्षेत्र में विकास करना है तो शिक्षा बहुत जरूरी : मुख्यमंत्री साय
September 9, 2024जशपुरनगर । मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के द्वारा अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस के अवसर पर 08 सितंबर को रायपुर के पं. दीनदयाल उपाध्याय आडिटोरियम में आयोजित राज्य स्तरीय उल्लास मेला कार्यक्रम में विकास खण्ड कुनकुरी के ग्राम पंचायत लोटापानी निवासी विशेष पिछड़ी जनजाति कोरवा समुदाय की सुकांती देवी को सम्मानित किया गया।
मुख्यमंत्री ने उन्हें सम्मान स्वरूप साल, श्रीफल, मोमेन्टो एवं प्रसस्ति पत्र प्रदान कर किया। वन मंत्री केदार कश्यप, सांसद बृजमोहन अग्रवाल और अन्य गणमान्य लोगों के बीच सम्मान पाकर उत्साहित सुकांती ने मुख्यमंत्री साय के प्रति आभार व्यक्त किया है।
सुकांती देवी ने उल्लास मेले में उल्लास नवभारत साक्षरता कार्यक्रम से जुड़े अपने अनुभवों को साझा किया। जिसके फलस्वरूप सुकांती देवी को यह सम्मान मुख्यमंत्री के हाथों प्राप्त हुआ। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने राज्य स्तरीय उल्लास मेले में एक लाख उल्लास साक्षरता केन्द्र का वर्चुअल शुभारंभ भी किया। इन साक्षरता केन्द्रों को संचालित करने के लिए शिक्षा विभाग के राज्य साक्षरता मिशन द्वारा एक लाख स्वयंसेवी शिक्षक चयनित किए गए हैं। स्वयंसेवी शिक्षकों का दायित्व अपने-अपने साक्षरता केन्द्र में फिलहाल 10 असाक्षरों को अक्षर ज्ञान से परिचित कराकर साक्षर बनाएंगे।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि शिक्षा विकास का मूल मंत्र है। मनुष्य को किसी भी क्षेत्र में विकास करना है तो शिक्षा बहुत जरूरी है। शिक्षा प्राप्त करके डिग्री हासिल करना और सरकारी नौकरी प्राप्त करने का माध्यम नहीं है, बल्कि मनुष्य को किसी भी क्षेत्र में चाहे वह व्यापार, समाज सेवा है या राजनीति का क्षेत्र हो सभी के लिए शिक्षा जरूरी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा यह देश शिक्षा के क्षेत्र में बहुत अग्रणी रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में राष्ट्रीय साक्षरता मिशन का काम अच्छा हो रहा है। मुख्यमंत्री साय ने अपने अनुभव को साझा करते हुए दो-तीन उदाहरण बताए, जिसमें उन्होंने असाक्षर लोगों के साथ होने वाली घटनाओं का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि यदि वे साक्षर होते तो ऐसे धोखाधड़ी से बच सकते थे। इसलिए सभी असाक्षर लोगों को साक्षर होना अति आवश्यक है।
मुख्यमंत्री साय ने शिक्षा का महत्व बताते हुए कहा कि दुनिया में शिक्षा एक ऐसी चीज है जो बांटने से बढ़ती है। हमारे आसपास जितने भी असाक्षर लोग है उनको साक्षर करना है। हम लोगों ने 10 लाख लोगों को साक्षर करने का बीड़ा उठाया है। इस लक्ष्य से अधिक लोगों को कर पाएंगे तो और अच्छा होगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कीे शिक्षा के नवाचारी सोच के तहत पूरे देश में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को लागू किया है। प्रधानमंत्री के मंशानुसार हमारी सरकार ने भी छत्तीसगढ़ में नई शिक्षा नीति को लागू कर दिया है। छत्तीसगढ़ के 211 स्कूल पीएम योजना के तहत संचालित है। उन्होंने इस मौके पर लोगों को उल्लास साक्षरता शपथ दिलाने के साथ ही सभी स्वयंसेवी शिक्षकों और प्रेरकों का आह्वान किया कि वे असाक्षरों को अंक ज्ञान और अक्षर ज्ञान कराकर उन्हें सक्षम बनाए।