मेरी बस, मेरी सड़क : नगर परिवहन को उन्नत बनाने यूपी सरकार की नई पहल…
June 20, 2024लखनऊ। आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए कार्यस्थलों तक आने-जाने के लिए एक सुगम परिवहन उपलब्ध कराना अनिवार्य है। इस दिशा की ओर बढ़ते हुए, उत्तर प्रदेश सरकार के नगरीय परिवहन निदेशालय ने यूनाइटेड स्टेट्स एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट (यूएसएआईडी) और काउंसिल ऑन एनर्जी, एनवायरनमेंट एंड वॉटर (सीईईडब्ल्यू) के साथ मिलकर ‘मेरी बस, मेरी सड़क’ पहल की शुरुआत की है, ताकि राज्य में एक सतत नगरीय परिवहन को प्रोत्साहित किया जा सके।
इस पहल के अंतर्गत, यूएसएआईडी समर्थित क्लीनर एयर एंड बेटर हेल्थ (सीएबीएच) परियोजना के तहत नगरीय परिवहन निदेशालय के मार्गदर्शन में तीन स्वतंत्र शोध अध्ययनों को भी प्रकाशित किया गया है। इस अध्ययनों में, सीईईडब्ल्यू ने उत्तर प्रदेश के 26 प्रमुख शहरों में 2031 तक आवश्यक बसों की संख्या; बस स्टॉप और फुटपाथ जैसे आधारभूत ढांचे और निवेश संबंधी आवश्यकताओं के साथ-साथ एक उन्नत सार्वजनिक परिवहन के लाभों का आकलन किया है। अध्ययनों से सामने आए निष्कर्ष उत्तर प्रदेश के राज्य नगर बस कार्यक्रम को विकसित करने के लिए आवश्यक जानकारी उपलब्ध कराएंगे।
‘मेरी बस, मेरी सड़क’ कार्यक्रम में जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, 2031 तक प्रतिदिन कम से कम 60 लाख यात्रियों को सेवाएं देने के लिए उत्तर प्रदेश में 12,000 से अधिक नगरीय बसों की आवश्यकता होगी। इसके अतिरिक्त, अध्ययनों ने अधिक संख्या में इलेक्ट्रिक बसों को शामिल करने से होने वाले लाभों को भी रेखांकित किया है। सीएनजी बसों की तुलना में ई-बसें 23-32 प्रतिशत तक सस्ती होंगी और वाहनों से होने वाले प्रदूषण में उल्लेखनीय कमी लाएंगी, जिससे समग्र वायु गुणवत्ता (एयर क्वालिटी) में सुधार होगा। रिपोर्ट यह भी संकेत करती है कि उन्नत बस सेवाएं आने पर 40 लाख लोग दोपहिया और तिपहिया वाहनों की जगह पर बसों को अपना सकते हैं, जिससे सड़कों पर भीड़-भाड़ में कमी आएगी। यह परिवर्तन 2031 तक 24 किलोटन पीएम 2.5 (PM2.5), 3.38 मीट्रिक टन कार्बन मोनो-ऑक्साइड (CO) और 0.321 मीट्रिक टन नाइट्रोजन ऑक्साइड (NOx) जैसे प्रूदषणकारी तत्वों को घटाते हुए वायु गुणवत्ता में सुधार लाएगा।
डॉ. राजेंद्र पेंसिया, निदेशक, नगरीय परिवहन निदेशालय, उत्तर प्रदेश सरकार, ने कहा, “उत्तर प्रदेश माननीय मुख्यमंत्री महोदय के नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में आर्थिक विकास की अपनी महत्वाकांक्षाओं को प्राप्त करने के लिए तीव्र नगरीकरण की दिशा में अग्रसर है। विकसित भारत के उद्देश्यों को पूरा करने हेतु, नगरों को सशक्त सार्वजनिक परिवहन प्रणालियों से सुसज्जित होना होगा, ताकि यात्री सेवाओं की बढ़ती मांग को पूरा किया जा सके और बढ़ते ट्रैफिक जाम जैसे दुष्प्रभावों को भी रोका जा सके। यह पहल राज्य और इसके आगामी नगरीय बस उपक्रमों के लिए एक व्यापक दृष्टि व रूपरेखा की आवश्यकता को भी रेखांकित करती है। आज नगरीय परिवहन निदेशालय द्वारा काउंसिल ऑन एनर्जी,एनवायरनमेंट एंड वॉटर (सीईईडब्ल्यू) के साथ जारी किए गए अध्ययन उत्तर प्रदेश में भविष्य के नगर बस परिवहन के लिए एक व्यापक रूपरेखा (रोडमैप) उपलब्ध कराते हैं। हमें विश्वास है कि आगामी वर्षों में,’मेरी बस मेरी सड़क’ कार्यक्रम बसों की संख्या में अधिकाधिक वृद्धि, बेहतर सेवाएं और सुव्यवस्थित नगर परिवहन प्रबंधन में एक अहम भूमिका निभाएगा।”
सौमित्र दास, टीम लीड- एनवायरनमेंट, यूएसएआईडी/भारत ने कहा, “यूएसएआईडी को ‘मेरी बस, मेरी सड़क’ पहल का समर्थन करने पर गर्व है, जो उत्तर प्रदेश में नगरीय आवागमन को उन्नत बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यूएसएआईडी समर्थित अध्ययनों से सामने आए निष्कर्ष बसों के बेड़े के विस्तार और इलेक्ट्रिफिकेशन में मौजूद परिवर्तनकारी क्षमता को रेखांकित करते हैं। वायु गुणवत्ता, भीड़-भाड़ और सुगम आवागमन जैसी प्रमुख चुनौतियां का समाधान करते हुए हम एक अधिक सतत और रहने योग्य शहरों का निर्माण कर सकते हैं और आर्थिक विकास के लक्ष्यों को पाने में मदद कर सकते हैं। यह पहल स्वच्छ वायु एवं बेहतर स्वास्थ्य को बढ़ावा देने की यूएसएआईडी की प्रतिबद्धता के अनुरूप है, जो उत्तर प्रदेश के सभी निवासियों के लिए एक उज्जवल भविष्य सुनिश्चित कर रही है।”
डॉ. हिमानी जैन, सीनियर प्रोग्राम लीड, सीईईडब्ल्यू ने कहा, “2047 तक भारत की शहरी आबादी दोगुनी होकर 80 करोड़ से ज्यादा हो जाने का अनुमान है। जैसे-जैसे शहर आर्थिक विकास के इंजन बन रहे हैं, उन्हें सुरक्षित और आरामदायक आवागमन की सुविधा सुनिश्चित करने के लिए भीड़भाड़, प्रदूषण और सड़क सुरक्षा जैसी चुनौतियों का सामना करना होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मिशन लाइफ पहल सक्रिय सार्वजनिक आवागमन के महत्व पर ध्यान देती है। दुनिया भर में, सार्वजनिक परिवहन को शहरीकरण के प्रबंधन, आर्थिक विकास और साफ हवा के लिए सबसे प्रभावी समाधानों में गिना जाता है। आज का कार्यक्रम बस सेवाओं को सुदृढ़ बनानेके लिए यूपी सरकार की प्रतिबद्धता का प्रतीक है।”
उत्तर प्रदेश को 1 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लक्ष्य में परिवहन एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। उत्तर प्रदेश सरकार ने एक परिवर्तनकारी नगरीय सार्वजनिक परिवहन प्रणाली लाने पर विचार कर रहे हैं, जिसमें इलेक्ट्रिक बसों पर विशेष ध्यान है। इस कार्यक्रम में जारी किए गए अध्ययनों का आकलन है कि 2031 तक उत्तर प्रदेश के 26 प्रमुख शहरों में दैनिक यात्रा की आवश्यकता पूरी करने के लिए आवश्यक बसों की खरीद के लिए 15,700 करोड़ रुपये का संयुक्त व्यय चाहिए होगा। इसके अतिरिक्त, अधिकांश बस यात्री और संभावित बस यात्री चाहते हैं कि उनके गंतव्य स्थल तक आवागमन की सुविधा में सुधार हो और वाहन मिलने में कम से कम समय लगे। अध्ययनों में पाया गया है कि 40 प्रतिशत से अधिक वर्तमान बस यात्री अपनी यात्रा के शुरुआती या अंतिम हिस्से में पैदल चलते हैं, जो बस प्रणाली को एक बेहतर फुटपाथ नेटवर्क से जोड़ने की आवश्यकता को दर्शाता है। इसके अतिरिक्त, अधिकांश बस यात्री ने बस सेवा के समय पर आने और निर्धारित समय-सारणी (शेड्यूल) के पालन को प्राथमिकता दी है और 40 प्रतिशत से अधिक बस यात्रियों ने वर्तमान बस सेवा के प्रतीक्षा समय को औसत से कम अंक दिए हैं, इसलिए यात्रियों की संतुष्टि को बढ़ाने और नए यात्रियों को जोड़ने के लिए समय पर सेवा उपलब्ध कराना महत्वपूर्ण है।
उत्तर प्रदेश के स्वच्छ और अधिक कुशल परिवहन की दिशा में परिवर्तन पर चर्चा करने के लिए आयोजित कार्यक्रम में विभिन्न परिवहन विशेषज्ञों, सरकारी अधिकारियों और अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने हिस्सा लिया। इनमें नगरीय परिवहन निदेशालय के निदेशक डॉ. राजेंद्र पेंसिया, बरेली की नगर आयुक्त श्रीमती निधी गुप्ता वत्स, शाहजहांपुर के नगर आयुक्त डॉ. विपिन कुमार मिश्रा, अयोध्या के नगर आयुक्त संतोष कुमार शर्मा, अलीगढ़ के नगर आयुक्त अमित आसेरी, आईआईटी दिल्ली के ट्रिप-सी में एमेरिटस प्रोफेसर गीतम तिवारी और अर्बन कैटलिस्ट की जेंडर विशेषज्ञ सोनल शाह ने अपने-अपने विचार और अनुभव साझा किए।