नौकरी दिलाने के नाम पर यौन शोषण करने वाले मुख्य आरोपी गिरफ्तार, करीब 180 लड़कियों को जॉब का झांसा देकर मिलने बुलाकर बनाया था सभी को बंधक
June 19, 2024बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में नौकरी दिलाने के नाम पर यौन शोषण करने वाले मुख्य आरोपी तिलक कुमार को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। पीड़िता ने बताया कि आरोपी करीब 180 लड़कियों को जॉब का झांसा देकर मिलने बुलाया और सभी को बंधक बनाया गया। उसके बाद उनके साथ मारपीट की गई। फिर एक-एक करके रेप किया गया।
उत्तरप्रदेश के गोरखपुर से गिरफ्तार हुआ आरोपी
दरअसल, बिहार पुलिस आरोपी को पकड़ने के लिए कई दिनों से जाल बिछा रही थी। लेकिन वह खबर लगते ही ठिकाने बदल लेता था। आज मंगलवार को बिहार पुलिस ने उत्तरप्रदेश के गोरखपुर से गिरफ्तार कर लिया। हलांकि उसके कई साथी अभी फरार बताए जा रहे हैं। इस मामले में कुल 9 लोगों के खिलाफ नाम दर्ज मामला दर्ज किया गया है। जिनकी तलाश पुलिस कर रही है।
बिहार पुलिस ने आरोपी के लिए की एसआईटी का गठन
बता दें कि जिस पीड़िता ने आरोपी तिलक कुमार के खिलाफ मामला दर्ज कराया था। उसके पहले बयान लेकर क्रास चेक किए गए। इसके बाद एफआईआर दर्ज की गई और आरोपी को पकड़ने के लिए डिप्टी एसपी विनीता सिन्हा के नेतृत्व वाली एसआईटी का गठन किया गया। तब कहीं जाकर आरोपी पुलिस की गिरफ्त में आ सका। फिलहाल पुलिस तिलक कुमार से पूछताछ कर रही है।
जानिए क्या है पूरा मामला
पीड़िता ने पुलिस को पूरा ममला बतया कि यह घटना दो साल पुरानी है। उसने जून 2022 में फेसबुक पर एक विज्ञापन देखा था, जिसमें डीवीआर नाम के संस्था में महिलाओं के लिए नौकरी और ट्रेनिंग की बात लिखी थी, साथ संपर्क करने वाले का नंबर भी दिया था। जब मैंने कॉल किया तो किसी ने फोन उठाया और मुझे मिलने के लिए बुलाया मैं वहां पर पहुंची तो मेरी जैसी वहां पर करीब 5 लड़कियां थीं। जिन्हें उसने अहियापुर थाना क्षेत्र के पास एक मकान में रखा था। लेकिन तीन महीने होने के बाद भी उन्हें एक भी सैलरी नहीं दी गई। जबकि बात की गई थी कि उसकी ट्रेनिंग होने के बाद उसे सैलरी के रूप में 50 हजार दिए जाएंगे। लेकिन जब नहीं मैंने तो पीड़िता ने संस्था के सीएमडी तिलक सिंह से मुलाकात की और अपनी बात रखी। लेकिन वह तो इस मामले का मास्टर माइंड था। हॉस्टल में जितनी भी लड़कियां रखी गईं थी, सबके साथ गंदा काम किया गया था। खबर लगने पर जब पुलिस ने छापेमारी की तो वहां से बहुत सी लड़कियों को छुड़ाया गया था। जिसके बाद से संस्था से जुड़े सभी लोग फरार हो गए।