गर्मी ने ली 51 लोगों की जान, प्रदेश में पारा 49 के करीब
May 30, 2024लखनऊ। पूरे प्रदेश में भीषण गर्मी का दौर चल रहा है। बुंदेलखंड में प्रचंड गर्मी और लू की चपेट में आने से बुधवार को 31 लोगों की जान चली गई। इसमें महोबा में आठ, हमीरपुर में सात, चित्रकूट में छह, फतेहपुर में पांच, बांदा में तीन और जालौन में दो व्यक्ति की मौत हो गई। इनमें से ज्यादातर लोग किसी काम से बाहर निकले थे और रास्ते में ही अचेत होकर गिर गए। अस्पताल पहुंचने से पहले ही उनकी मौत हो गई। बहराइच में लू की चपेट में आने नानपारा व कैसरगंज तहसील क्षेत्र में दो लोगों की मौत हो गई। इसी तरह प्रयागराज में एक दरोगा समेत चार लोगों की जान चली गई। ग्रेटर नोएडा में मेरठ निवासी एक बुजुर्ग की लू लगने से मौत हो गई। बलिया में एक महिला की मौत हो गई। इसके अलावा वाराणसी में छह, मिर्जापुर में तीन, आजमगढ़, जौनपुर और सोनभद्र में एक-एक की मौत हुई है। आशंका जताई जा रही है कि इन सभी लोगों की लू लगने से मौत हुई है, हालांकि पोस्टमार्टम के बाद ही पता चल सकेगा की मौत की असल वजह क्या है।
प्रयागराज में पारा 49 के करीब
उत्तर प्रदेश के ज्यादातर हिस्से बुधवार को भीषण लू की चपेट में रहे। जिन इलाकों में लू नहीं रही, वहां चल रही गर्म हवा लू का एहसास करा रही थी। बुधवार को प्रयागराज का अधिकतम तापमान 48.8 डिग्री पहुंच गया, जबकि कानपुर 48.4 डिग्री के साथ दूसरा सबसे गर्म शहर रहा। आंचलिक मौसम विज्ञान केन्द्र के वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक अतुल कुमार सिंह के मुताबिक, बुधवार को भीषण गर्मी के बीच अधिकतम तापमान सामान्य से 7 डिग्री तक अधिक रहा। जबिक रात का पारा भी 6 डिग्री से अधिक दर्ज हुआ।
प्रयागराज ने की 1979 की बराबरी
मौसम विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, छह जून 1979 को प्रयागराज में 48.8 डिग्री सेल्सियस पारा रिकार्ड हुआ था। बुधवार को अधिकतम तापमान ने इसी की बराबरी की है। जहां तक मई के अभी तक के सर्वाधिक तापमान की बात है तो 30 मई 1994 को 48.4 डिग्री पारा था। मौसम वैज्ञानिक के मुताबिक, इस सीजन में प्रयागराज पहली बार इतना गर्म हुआ, साथ ही मई में इतनी गर्मी का भी रिकार्ड टूटा है।
झांसी में एक और रिकॉर्ड
लगातार दो दिन से झांसी में दिन का पारा रिकार्ड बना रहा था। बुधवार को रात का तापमान 34.5 डिग्री पहुंच गया। झांसी में यह तीसरा मौका है जो इतनी गर्म रात रहीहै। इससे पहले 8 मई 1972 को 34.9, 26 मई 2912 को 34.6 पहुंचा था पारा।