ईडी ने आम आदमी पार्टी को बनाया आरोपी, दाखिल की 8वीं चार्जशीट
May 18, 2024नईदिल्ली। शराब घोटाला में प्रवर्तन निदेशालय ने आठवीं चार्जशीट दिल्ली की दिल्ली राउज एवेन्यू कोर्ट में दाखिल की है। प्रवर्तन निदेशालय द्वारा दायर मामले में यह आठवीं चार्जशीट है। ईडी ने बताया कि इस चार्जशीट में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी का नाम आरोपी के तौर पर दर्ज है।
पहली बार किसी पार्टी को बनाया आरोपी
प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने दिल्ली शराब घोटाला मामले में सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल की है। ईडी के द्वारा दायर की गई यह आठवीं चार्जशीट है। इस मामले में यह पहली चार्जशीट है, जिसमें दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ दाखिल की गई है।
सुप्रीम कोर्ट में फैसला सुरक्षित
वहीं दूसरी तरफ सुप्रीम कोर्ट ने शराब घोटाला मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी और ईडी की रिमांड को चुनौती देने वाली याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया है।
ईडी ने सुप्रीम कोर्ट को दी थी जानकारी
प्रवर्तन निदेशालय ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि वह दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी (आप) को जल्द ही शराब नीति मामले में आरोपी बनाएगी। जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ के समक्ष ईडी की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने बताया कि हम अरविंद केजरीवाल और आप के खिलाफ अभियोजन शिकायत (आरोपपत्र) दायर करने का प्रस्ताव कर रहे हैं। हम इसे शीघ्र ही करेंगे। यह प्रक्रिया में है।
केजरीवाल ने 100 करोड़ रुपये की रिश्वत मांगी थी
ईडी ने यह बात कथित दिल्ली शराब नीति मामले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में केजरीवाल की गिरफ्तारी को दी गई चुनौती पर सुनवाई के दौरान कही। राजू ने दावा किया कि जांच एजेंसी के पास यह दिखाने के लिए पर्याप्त सबूत हैं कि केजरीवाल ने 100 करोड़ रुपये की रिश्वत की मांग की थी और इसका इस्तेमाल आप ने गोवा विधानसभा चुनाव अभियान में किया।
कोर्ट में ईडी ने बताया हमारे पास पर्याप्त सबूत हैं
उन्होंने कहा कि हमारे पास सबूत हैं कि केजरीवाल एक सात सितारा होटल में रुके थे, जिसके बिल का आंशिक भुगतान मामले के एक आरोपी ने किया था। साथ ही कहा कि केजरीवाल ने खत्म हो चुकी दिल्ली की शराब नीति को तैयार करने में अहम भूमिका निभाई थी। उन्होंने आरोप लगाया कि आप के राष्ट्रीय संयोजक के रूप में केजरीवाल कथित घोटाले के लिए परोक्ष रूप से जिम्मेदार हैं। मुख्यमंत्री होने के बावजूद केजरीवाल के पास कोई विभाग नहीं है।