कबीरधाम पुलिस की कथनी और करनी मे एक बार फिर फर्क…
March 15, 20240 फर्जी खेल सर्टिफिकेट मामले में अफसर का दावा 2 आरोपी है
0 FIR मे एक ही आरोपी का नाम
0 कही किसी को भी बचाने और फँसाने के क्रम मे पुलिस कोई रिकॉर्ड तो नही बनाना चाहती है
कवर्धा। नई सरकार गठन के बाद से जिले में खाकी अपने गलतबयानी को लेकर लगातार विवादों में नजर आ रही है। सरकार गठन के बाद से जिले में लगातार हत्या चोरी के अपराध बढ़े है। पुलिस की सक्रियता भी लगातार कबड्डी प्रतियोगिता मोटर व्हिकल एक्ट की कार्यवाही में दिखती है । पुलिस विभाग चार दिन मैदानों में बैठ शराब पीते , नशा करते नशेड़ियों , सुनसान जगहों पर घूमते जोड़ो पर कार्यवाही के वीडियो जारी कर खूब वाहवाही बटोरती नजर आई किन्तु हत्या लूट , ठगी जैसे मामलों में पुलिस के आला अफसरों के बयान दर्ज अपराध गिरफ्तार आरोपी बयानों से अलग ही नज़र आते है ।
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पुलिस अफसरों के बयानबाजी का शौक कहे या निचले स्तर के अधिकारियों द्वारा दी जा रही आधी अधूरी या गलत जानकारी व जल्दबाजी वाली बयानबाजी विभाग की विश्वशनियता पर सवालिया निशान खड़े कर रहा है जबकि कबीरधाम गृहमंत्री का गृह जिला है और ऐसे में संवेदन शील मामले में पुलिस की गलतबयानी का खामियाजा सरकार के लिए कभी भी बड़ी मुसीबत खड़ी कर सकता है ।
कबीरधाम गृहमंत्री का गृह जिला होने के कारण संवेदनशील हो जाता है विपक्ष की नजर एक गलती की तलाश में रहती है ऐसे में किसी भी घटना को लेकर पुलिस अफसरों के बयान काफी मायने रखते है किंतु कबीरधाम में पदस्थ अफसर अपने ही बयानों लो लेकर लगातार विवादों में में घिरते नजर आ रहे है । नागाडबरा बैगा परिवार हत्याकांड मामले में हत्या को आगजनी बता कर अपनी छीछालेदर करवा चुके पुलिस अफसर की गलत बयानी टाटावाही में मासूम बालिका हत्याकांड में भी आ चुकी है । जिसमे में मृतक बालिका के प्राइवेट पार्ट और बीट गार्ड ले प्रायवेट पार्ट में चोट के निशान का पुलिसिया और बीट गार्ड के आरोपी होने के कथित दावे की पोल नाबालिक की गिरफ्तारी ने खोल कर रख दी थी ।
इसी तरह पुलिस भर्ती के दौरान खेल के फर्जी सर्टिफिकेट का मामला सामने आने के बाद मामले की लीपापोती में लगी पुलिस एक बार फिर अपने बयान को लेकर घिरती नजर आ रही है । पुलिस के जारी बयान के मुताबिक आरक्षक भर्ती के लिए हाइट व चेस्ट में जो मापदंड है उसमें छूट प्राप्त करने के लिए नेशनल लेवल के कुछ सर्टिफिकेट जमा किये जा रहे है जो फर्जी तरीके से बनाये जा रहे है । जांच करने पर संजय जांगड़े व सूरज ठाकुर दो व्यक्ति है जिन्होंने इस प्रकार का कृत्य किया है । इनके विरुद्ध अपराध पंजीबद्ध करके विवेचना की जा रही है । एक सर्टिफिकेट बनाने के 10 हजार के आस पर लिए गए है लगभग 40 से 50 बच्चो के सेटिफिकेट बनाये गये है जिसकी हम जांच कर रहे है । प्रारंभिक तौर पर दो आरोपी सामने आए है । बयान में नेशनल लेवल के ओपन गेम्स, फुटबॉल , टूरिज़म बोर्ड के गेम के सर्टिफिकेट है का बयान सामने आता है ।
अफसर के बयान के विपरीत रिपोर्ट के महज दो घण्टे में आरोपी को गिरफ्तार करने का दावा करने वाली पुलिस की कार्यवाही से सूरज ठाकुर का नाम गायब बताया जा रहा है । पुलिस विभाग से जारी विज्ञप्ति की माने तो 13.03.2024 को प्रार्थी निलेश पिता दिनेश चंद्रवंशी उम्र 23 वर्ष साकीन लालपुर कला थाना पिपरिया जिला कबीरधाम की रिपोर्ट पर थाना सिटी कोतवाली ने अपराध क्रमांक-206/2024 धारा 420, 467, 468, 471 भा.द.वी. के तहत अपराध पंजीबद्ध कर संजय जांगडे पिता राधेश्याम जांगडे उम्र 34 साल साकिन सोनपुरी रानी वर्तमान पता कैलाश नगर कवर्धा को गिरफ्तार किया । विवेचना दौरान प्रार्थी एवं अन्य गवाहों से पूछताछ करने पर 20 से 25 अलग-अलग लोगों से 12000-12000 रुपये प्रमाण पत्र बनाने के नाम पर लेकर ठगी करना पाया गया । जिस पर थाना सिटी कोतवाली पुलिस टीम के द्वारा आरोपी के विरुद्ध विधिवत उचित वैधानिक कार्रवाई की जा रही है।
पुलिस अफसर की माने तो आरोपी दो थे फिर कार्यवाही से आखिर एक नाम कहा गायब हो गया शहर में चर्चा का विषय बना हुआ है । यदि एक ही आरोपी था तो बगैर जांच के किसी भी व्यक्ति को बतौर आरोपी बताना पुलिस विभाग की नाकामी या वसूली का खेल तो नही जांच का विषय है । टाटावाही हत्यकांड मामले में भी इसी तरह निर्दोष को आरोपी बताने का कृत्य पुलिस के अफसर कर चुके है ।
पुलिस विभाग में अफसरों की कथनी और करनी को लेकर चर्चा का बाजार सरगर्म है कि कही वसूली के चक्कर मे किसी को भी आरोपी बनाने का खेल तो नही चल रहा या किसी दबाव या वसूली के चक्कर मे असली अपराधी तो नही बचाये जा रहे अनुसंधान का विषय है । बहरहाल कबीरधाम पुलिस अपनी कार्यशैली बयानबाजी को लेकर राजनीतिक गलियारों के साथ साथ पीएचक्यू से लेकर प्रदेश में जनता के बीच चर्चा का विषय बनी हुई है।