RAIPUR : सही डाटा कलेक्शन से बनती है शोध की विश्वसनीयता

RAIPUR : सही डाटा कलेक्शन से बनती है शोध की विश्वसनीयता

October 12, 2022 Off By NN Express

रायपुर ,12 अक्टूबर  अग्रसेन महाविद्यालय में पांच-दिवसीय फेकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम के तीसरे दिन आज डॉ विशेषज्ञों ने शोध के लिए डाटा कलेक्शन के महत्व और आवश्यकता पर प्रकाश डाला. आमंत्रित वक्ताओं ने कहा कि सही डाटा कलेक्शन से ही शोध की विश्वसनीयता सिद्ध होती है. प्रथम सत्र में दुर्गा महाविद्यालय के उप-प्राचार्य डॉ सुरेन्द्र कुमार अग्रवाल ने एक अच्छे शोध के लिए सटीक डाटा कलेक्शन से सम्बंधित्त विभिन्न बिन्दुओं पर विस्तार से चर्चा की. उन्होंने बताया कि एक विश्वसनीय श्रेष्ठ शोध को पूरा करने से डाटा कलेक्शन को सही और सटीक रखना जरुरी होता है ।

 विश्लेषण से ही शोध की विश्वनीयता प्रमाणित होती है. उन्होंने प्राथमिक और द्वितीयक डाटा संग्रह कि विभिन्न विधियों कि विस्तार से चर्चा करते हुए बताया कि शोध करने वाले विद्यार्थी को निष्पक्ष होकर डाटा कलेक्शन करना चाहिए, तभी उसके शोध की उपयोगिता बनी रह सकती है. उन्होंने कहा कि डाटा कलेक्शन के लिए पूर्व के शोध का अध्ययन (रिव्यू ऑफ़ लिटरेचर) महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि यह भी हमारे डाटा कलेक्शन में काम आता है।  

दूसरे सत्र में रुंगटा कालेज ऑफ़ साइंस एंड टेक्नालाजी की प्राध्यापक डॉ मनीषा अग्रवाल ने सेम्पलिंग टेक्निक की विधियों की जानकारी दी. उन्होंने सेम्पलिंग के तकनीकी पहलू को केंद्र में रखते हुए कुछ पुराने शोध के उदाहरण भी दिए. डॉ मनीषा अग्रवाल ने कहा कि सेम्पलिंग में रेंडम, सिस्टमेटिक, स्ट्रेटिफाईड और क्लस्टर जैसी विधियाँ प्रायः उपयोग में लायी जाती हैं. उन्होंने कहा कि सेम्पलिंग के आकार के आधार पर शोध के वास्तविक होने का अनुपात बढ़ जाता है. उन्होंने यह भी बताया कि सेम्पलिंग में किन-किन बिन्दुओं को शामिल करने से इसके सटीक होने का अनुपात बढ़ सकता है. डॉ अग्रवाल ने कहा कि वर्तमान समय में व्यापक शोध प्रायः सेम्पलिंग टेक्निक पर ही किये जाते हैं, इन शोध से प्राप्त परिणाम सेम्पलिंग के आंकड़ों  पर ही निर्भर करते हैं ।   

फेकल्टी डेवलपमेन्ट प्रोग्रम्म में अब टी अक आये विशेषज्ञों के अनुभव से शोधार्थियों को निश्चित ही लाभ होगा. कार्यक्रम के पहले सत्र में आभार व्यक्त करते हुए प्राचार्य डॉ युलेन्द्र कुमार राजपूत ने डॉ सुरेन्द्र अग्रवाल के साथ बिठाये अपने समय को याद करते हुए उनसे प्राप्त मार्गदर्शन  को उपयोगी बताया. महाविद्यालय के एडमिनिस्ट्रेटर प्रो. अमित अग्रवाल ने आमंत्रित वक्ताओं की प्रस्तुति के लिए उन्हें साधुवाद दिया. पांच दिनों के इस कार्यक्रम के चौथे दिन कल विशेषग्य के रूप में  डॉ. राजीव चौधरी और डॉ. प्रदीप कुमार चौरसिया डाटा एनालिसिस की तकनीक के विषय में जानकारी दी जाएगी ।

महाविद्यालय में पहली बार आयोजित हो रहे इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए संस्थान में प्रत्यक्ष रूप से संपर्क करने के अलावा महाविद्यालय की वेबसाईट से ऑनलाइन पंजीयन कराया जा रहा है. इस कार्यक्रम में शामिल होने वाले सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र भी दिया जायेगा।