मेंढक बना दुल्हा और मेंढकी दुल्हन, बारिश के लिए कराई गई धूमधाम से शादी….

मेंढक बना दुल्हा और मेंढकी दुल्हन, बारिश के लिए कराई गई धूमधाम से शादी….

July 29, 2023 Off By NN Express

आपने इंसानों की शादी से जुड़ी कई अनोखी किस्से-कहानियां पढ़ी और सुनी होगी. झारखंड में भी एक अनोखी शादी हुई है. दरअसल यह शादी भगवान इंद्रदेव को खुश करने के लिए कराई गई है. चौंकिए मत, झारखंड में एक ऐसी ही अनोखी शादी करवाई गई, जिसका मकसद सिर्फ और सिर्फ भगवान इंद्रदेव को खुश करना है. बारिश की कमी के कारण इन दिनों किसान खासे परेशान हैं. कृषि के कार्य बारिश की कमी के कारण प्रभावित हो रहे हैं.

इन सबके बीच झारखंड की उप राजधानी दुमका जिला के मसलिया प्रखंड स्थित गोलबंधा पंचायत के गोलपुर गांव के रहने वाले आदिवासी समाज ने एक अनोखी परंपरा को निभाते हुए मेंढक-मेंढकी की शादी करवाई. इस अनोखी शादी में मेंढक जहां दूल्हा बना, वहीं मेंढकी को सजाकर दुल्हनिया के वेश में तैयार किया गया.

मेंढक को दूल्हा बनाकर उसकी बारात गोलबंधा पंचायत के गोलपुर गाव के रहने वाले राम मुर्मू के घर से गाजे-बाजे के साथ पूरे धूमधाम से नाचते गाते हुए बारात निकली.

यह बारात गोलपुर गांव के ही तालटोला में ग्राम प्रधान शिवधन हेंब्रम के यहां पहुंची. ग्राम प्रधान शिवधन हेंब्रम के घर पर मेंढकी को दुल्हनिया के रूप में सजाया गया था.

मेंढक-मेंढकी की शादी में बाराती बने गांववाले

इतना ही नहीं दूल्हा बन कर आए मेंढक और साथ में आए बाकी बारातियों का पारंपारिक तरीके से स्वागत किया गया. इसके बाद आदिवासी विधि विधान से मांझी थाना स्थित मंडप में नयकी राम मुर्मू और बाबूधन हेंब्रम के द्वारा पूरे रीति रिवाज से मेंढक-मेंढकी की शादी कराई गई.

इस अनोखी विवाह को देखने के लिए सैकड़ों की संख्या में पंचायत के महिला पुरुष और बच्चे शामिल हुए थे. मेंढक-मेंढकी की कराई गई अनोखी शादी को लेकर गोलबंधा पंचायत के ग्राम प्रधान शिवधन हेम्ब्रम ने बताया कि मेढ़क-मेढकी की शादी इसीलिए संपन्न कराया गया है, ताकि इंद्रदेव खुश हो जाए और हमारे क्षेत्र में अच्छी बारिश हो.

पिछले वर्ष भी बारिश की कामना करते हुए पंचायत के लोगों ने मेंढक की शादी करवाई थी, जिसके फलस्वरूप पूरे क्षेत्र में अच्छी वर्षा होने से किसानों खेत लहलहा उठे थे. आदिवासी समाज के लोगों का कहना है कि इस बार फिर मेंढक-मेंढकी की शादी हुई है. इस कारण इस साल भी अच्छी बारिश होगी.

झारखंड में 45 फीसदी से कम हुई है इस साल बारिश

बता दे कि सावन का महीना चल रहा है. बावजूद इसके झारखंड में वर्षा सामान्य से 45% कम हुई है, जिस कारण राज्य भर के किसान बारिश की समस्या से जूझ रहे हैं. किसानों को यह डर सताने लगा है कि अगर अच्छी बारिश नहीं होगी तो कहीं राज्य में अकाल न पड़ जाए.

अब यह देखना दिलचस्प होगा कि आदिवासी समाज द्वारा कराई गई मेंढक-मेंढकी की अनोखी शादी के बाद इंद्रदेव खुश होते है या नही. हालांकि बारिश की समस्या से निजात पाने के लिए आदिवासी समाज द्वारा की करवाई गई मेंढक-मेंढकी की अनोखी शादी पूरे राज्य में चर्चा का विषय बन गई है.