CG News : भरण–पोषण के 55 हजार देने के आदेश पर सात बोरे सिक्के लेकर कोर्ट पहुंचा पति, पत्नी बोली- गिनने में लगेंगे 10 दिन
June 21, 2023जयपुर। कोर्ट में अगर आपके सामने 55 हजार रुपये के नोट नहीं, बल्कि सिक्के रख दें, तो आपका क्या रिएक्शन होगा? वाजिब सी बात है कि आप हैरान होंगे और सवाल करेंगे की कोई इतनी बड़ी रकम सिक्कों में क्यों इकट्ठा कर रहा है?
ऐसा ही कुछ असल जिंदगी में हुआ है जब जयपुर के पारिवारिक न्यायालय की लिंक एडीजे कोर्ट के जज के सामने 55 हजार के सिक्के रख दिए गए। इतनी भारी रकम की धनराशि को देख जज ने भी दांतों तले उंगली दबा ली। सवाल है कि आखिर ऐसा क्या हुआ की शख्स को जज के सामने इतनी धनराशि रखनी पड़ी।
दहेज प्रताड़ना का लगा था आरोप
हुआ यूं कि पति पर पत्नी ने दहेज प्रताड़ना का केस दर्ज किया था। इस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने पति को जेल भेजने और पत्नी की बकाया भरण पोषण राशि (55 हजार रुपये) देने का आदेश दिया था। इसी को देखते हुए आरोपी 55 हजार के सिक्कों को कट्टों में भरकर कोर्ट पहुंचा। पत्नी के वकील ने विरोध कर कोर्ट से कहा कि इस तरीके से यह मनासिक प्रताड़ना पहुंचा रहे है। वहीं, पति के वकील ने अपनी सफाई में कहा कि यह वैध भारतीय मुद्रा है। इसे स्वीकार किया जाना चाहिए।
कोर्ट ने सुनाया फिर ये आदेश
कोर्ट ने पति को निर्देश दिए है कि वह 26 जून तक इन सिक्कों की गिनती कर कोर्ट पहुंचे और सिक्कों के 1-1 हजार की थेलियां तैयार कर पत्नी को दी जाए। बता दें, पति दशरथ कुमावत की शादी सीमा से 10 साल पहले हुई थी। शादी के तीन-चार महीने के भीतर ही दोनों के बीच विवाद बढ़ गया। लड़ाई बढ़ने के बाद पति ने कोर्ट में तलाक की अर्जी दायर की। मामले की सुनवाई हुई और फैमिली कोर्ट ने पत्नी को बकाया भरण पोषण राशि के तहत 55 हजार रुपये देने का आदेश दिया।
‘सिक्कों को गिनने में लग जाएंगे 10 दिन’
कोर्ट के 1 साल पहले सुनाए गए आदेश के बावजूद पति ने पत्नी को रकम नहीं दिए। इस पर कोर्ट ने दशरथ के खिलाफ वारंट जारी किया। लेकिन, फिर भी उसने रकम नहीं चुकाई तो गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया। हरमाड़ा थाना पुलिस पति को गिरफ्तार कर के सोमवार को न्यायालय में पहुंची।
राशि चुकाने पर न्यायालय ने दशरथ को जमानत पर रिहा कर दिया। रिहा करने से पहले दशरथ की तरफ से कट्टों में सिक्के न्यायालय में पेश किए गए।सिक्कों का वजन करीब 280 किलो था। सीमा के वकील रामप्रकाश ने कहा,यह मानवीयता नहीं है। दशरथ 11 महीनों से भरण-पोषण की रकम नहीं दे रहा था। अब सीमा को प्रताड़ित करने के लिए सिक्के लेकर आ गया। इन्हें तो गिनने में ही 10 दिन लग जाएंगे।