खामोश हो गई समाजवाद की बुलंद आवाज : पढ़िए शरद यादव की अनकही कहानी

खामोश हो गई समाजवाद की बुलंद आवाज : पढ़िए शरद यादव की अनकही कहानी

January 14, 2023 Off By NN Express

सड़क से लेकर संसद तक बुलंद की थी आवाज, चार दशक का रहा राजनैतिक करियर

नई दिल्ली। डॉ लोहिया के विचारों से प्रभावित प्रखर समाजवादी नेता शरद यादव अब हमारे बीच नहीं रहे। उन्होंने गुरुग्राम के एक निजी अस्पताल में 12 जनवरी को रात 10 बजकर 19 मिनट पर अंतिम सांस ली।  उनके निधन के बारे में जानकारी शरद यादव की बेटी सुभाषिनी यादव ने ट्वीट करके दी। शरद यादव के निधन के बारे में खबर मिलते ही शोक की लहर दौड़ गई। पीएम मोदी से लेकर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गंधी समेत तमाम दिग्गजों ने शोक संवेदानाएं व्यक्त की है। मिली जानकारी के अनुसार उनका अंतिम संस्कार कल उनके पैतृक गांव में होगा।

शरद यादव का परिवार

शरद यादव का जन्म मध्य प्रदेश के होशंगाबाद (अब नर्मदापुरम) जिले के बाबई (अब माखन नगर) तहसील स्थित अखमऊ गांव में 1 जुलाई 1947 को एक किसान परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम नंद किशोर यादव और माता का नाम सुमित्रा यादव था। शरद यादव की शादी तब हुई जब उनकी उम्र 40 साल से अधिक के हो गई थी।  उनकी पत्नी का नाम डॉ रेखा यादव है, शरद यादव की दो संतानें हैं उनके बेटे का नाम शांतनु और बेटी का नाम सुभाषिनी है।  बेटी की शादी गुरुग्राम के एक राजनीतिक परिवार में हुई है और बेटा अभी अविवाहित है। 

बचपन से ही पढ़ने लिखने में थे होनहार

शरद यादव बचपन से ही पढ़ने-लिखने में होनहार थे।  शरद यादव को राजनीतिक लेख पढ़ना और संगीत सुनना बेहद पसंद था।  खेल की बात करें तो हॉकी, कबड्डी और कुश्ती उनके पसंदीदा खेल थे। वो बीएससी, बीई (इलेक्ट्रिकल्स) रॉबर्टसन कॉलेज एंड इंजीनियरिंग कॉलेज, जबलपुर, मध्यप्रदेश. गोल्ड मेडलिस्ट रहे। 

लम्बा रहा राजनैतिक सफर

1974 (उप चुनाव में पहली बार 5वीं लोकसभा के सदस्य निर्वाचित)

1976 (दूसरी बार 6ठी लोकसभा के लिए निर्वाचित)

1978 (लोकदल के महासचिव बने)

1978 (युवा लोकदल के अध्यक्ष बने)

1986 (राज्य सभा के सदस्य चुने गए)

1989 (तीसरी बार 9वीं लोकसभा के सदस्य निर्वाचित)

1989-97 (जनता दल के राष्ट्रीय महासचिव)

1989-90 (केद्रीय मंत्री, कपड़ा और फूड प्रासेसिंग इंडस्ट्रीज)

1991 (चौथी बार 10वीं लोकसभा के लिए निर्वाचित)

1993 नेता, जनता दल पार्लियामेंट्री पार्टी

1995, कार्यकारी अध्यक्ष जनता दल

1996 (पांचवीं बार 11वीं लोकसभा के सदस्य निर्वाचित, चेयरमैन वित्त समिति)

1997- अध्यक्ष, जनता दल 

1999 -(6ठी बार 13वीं लोकसभा के सदस्य निर्वाचित)

13 अक्टूबर 1999-31 अगस्त 2001 तक (केंद्रीय मंत्री, नागरिक उड्डयन)

1 सितंबर 2001-30 जून 2002 तक ( केंद्रीय श्रम मंत्री)

1 जुलाई 2002 से 15 मई 2004 तक (केंद्रीय मंत्री उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण)

2004 (दूसरी बार राज्यसभा सदस्य चुने गए, इस दौरान तमाम केंद्रीय कमेटियों के सदस्य रहे)

2009 (7वीं बार 15वीं लोकसभा के सदस्य निर्वाचित, 31 अगस्त 2009 चेयरमैन, शहरी विकास समिति)

देश के तीन राज्यों से लोकसभा में किए प्रतिनिधित्व

शरद यादव उन राजनेताओं में से एक रहे, जिनको देश के तीन राज्यों से नेतृत्व करने का गौरव हासिल हुआ था।  शरद यादव मप्र की जबलपुर लोकसभा सीट से सांसद रहे।  उप्र की बदायूं लोकसभा सीट से जनता दल से सांसद चुने गए थे, उसके बाद कई बार बिहार के मधेपुरा से सांसद निर्वाचित होते रहे। देश के तीन राज्यों से लोकसभा सदस्य निर्वाचित होने का गौरव पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और अटल बिहारी वाजेपेयी को भी हासिल था।