छत्तीसगढ़: सिक्ख युवक का अपमान करने वाले सिपाहियों ने गुरुद्वारे में मत्था टेका और मांगी माफी

छत्तीसगढ़: सिक्ख युवक का अपमान करने वाले सिपाहियों ने गुरुद्वारे में मत्था टेका और मांगी माफी

July 9, 2024 Off By NN Express

सिक्ख समाज ने 7 दिन तक गुरुद्वारों में संगत के झूठे बर्तन साफ करने और जूतों की सेवा करने का दिया दंड

रायपुर। राजधानी के टिकरापारा थाना क्षेत्र में अंतर राज्यीय बस स्टैंड पर 8 जून को चार सिपाहियों द्वारा सिक्ख युवक की पगड़ी गिराने और बाल खींचने के मामले में सिपाहियों ने गुरुद्वारे में माफी मांगी। घटना के पीड़ित महिंद्रा ट्रेवल्स के ड्राइवर बहादुर सिंह ने सिख समाज को लिखित में घटना की जानकारी दी और सहयोग की अपील की थी।

घटना की जांच और कार्रवाई
घटना के सीसीटीवी फुटेज में टिकरापारा थाने के सिपाही चंद्रभान सिंह भदोरिया, सुरेंद्र सिंह सेंगर, रविंद्र सिंह राजपूत, और दानेश्वर साहू द्वारा बहादुर सिंह के साथ धार्मिक अपमान किए जाने की पुष्टि हुई। सिख समाज ने इसकी निंदा करते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक और गृह मंत्री को ज्ञापन सौंपा और चारों सिपाहियों पर धारा 295 ए के तहत कार्रवाई की मांग की। गृह मंत्री विजय शर्मा के निर्देश पर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार सिंह ने दो सिपाहियों को सस्पेंड कर दिया था, पर सिख समाज इससे संतुष्ट नहीं था।

गुरुद्वारे में माफी और समाज की प्रतिक्रिया
सस्पेंड होने और समाज के आक्रोश को ध्यान में रखते हुए, सिपाहियों ने गुरुद्वारा धन धन बाबा बुड्ढा साहिब तेलीबांधा पहुंचकर गुरु ग्रंथ साहिब के सामने मत्था टेक कर अपनी गलती स्वीकार की और सिख समाज से माफी मांगी।

बैठक में सरदार दिलेर सिंह रंधावा ने सिख इतिहास पर प्रकाश डालते हुए बताया कि सिख कौम में पगड़ी और बालों का विशेष महत्व है। उन्होंने कहा कि धर्म की रक्षा के लिए हमारे गुरुओं ने अपने प्राणों की बलिदान दिया पर धर्म पर आंच नहीं आने दी।

माफी और सजा
सिख समाज ने सिपाहियों की माफी स्वीकार की लेकिन उन्हें 7 दिनों तक गुरुद्वारों में बर्तन साफ करने और संगत के जूतों की सेवा करने की सजा दी। गुरुद्वारा स्टेशन रोड के अध्यक्ष सुरेंद्र सिंह छाबड़ा ने सिपाहियों को भविष्य में किसी भी सिख का धार्मिक अपमान न करने की चेतावनी दी।

पुलिस विभाग की प्रतिक्रिया
टिकरापारा थाना प्रभारी दुर्गेश रावटे ने सिपाहियों की गलती को स्वीकारते हुए समाज को आश्वस्त किया कि भविष्य में धार्मिक अपमान नहीं होगा। उन्होंने सिख समाज की उदारता की सराहना की और कहा कि यह फैसला अप्रत्याशित था और वे इसे सदैव याद रखेंगे। इस घटना के बाद, पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों और कर्मचारियों को भी सुनिश्चित करना चाहिए कि भविष्य में ऐसी गलती न हो।

सिक्ख समाज द्वारा पुलिस कर्मियों को दी गई माफी के दौरान गुरुद्वारा धन-धन बाबा बुड्ढा साहब के प्रधान सरदार हरकिशन सिंह राजपूत, सरदार दिलेर सिंह रंधावा, सरदार मनमोहन सिंह सैलानी, सरदार गुरमुख सिंह रंधावा, सरदार सुखबीर सिंह सिंघोत्रा, गुरुद्वारा स्टेशन रोड के अध्यक्ष सरदार सुरेंद्र सिंह छाबड़ा, सरदार इंदरजीत सिंह, सरदार मंजीत सिंह, सरदार नवनीत सिंह, सरदार हरविंदर सिंह, सरदार देवेंदर सिंह, सरदार हरजीत सिंह, सरदार कुलवंत सिंह, सरदार करम सिंह, सरदार नरेंदर सिंह, सरदार लवली अरोरा, बाबा वीर सिंह, सरदार रजिंदर सिंह, सरदार जसवंत सिंह, सरदार पिंदर जीत सिंह, सरदार कुलविंदर सिंह, सरदार सुखध्यान सिंह, सरदार मलूक सिंह,  सरदार राजेन्द्र सिंह, चंचल सिंह, सरदार भूपिंदर सिंह, सरदार सुरिंदर सिंह सहित समाज के वरिष्ठ सदस्य उपस्थित रहे।