दिल्ली पहुंचे कांग्रेस के 8 विधायक, चंपई कैबिनेट के विस्तार से हैं असंतुष्ट…
February 18, 2024रांची। झारखण्ड की चंपई कैबिनेट के विस्तार से असंतुष्ट कांग्रेस के विधायक शनिवार शाम दिल्ली पहुंचे। झारखंड में कांग्रेस के चार विधायकों को मुख्यमंत्री चंपई सोरेन की सरकार में शामिल करने से नाराज पार्टी के 12 में से आठ विधायक दिल्ली पहुंचे।
कांग्रेस विधायक कुमार जयमंगल उर्फ अनूप सिंह ने कहा कि हम दिल्ली पहुंच गए हैं। बाकी कल पहुंचेंगे…हम कांग्रेस नेतृत्व से चर्चा करेंगे…हम पार्टी के कोटे से बनाए गए चारों मंत्रियों को बदलना चाहते हैं… विधायक प्रदीप यादव और मंत्री बनाए गए चार विधायकों के अलावा बाकी सभी 12 विधायक साथ हैं।’’
बेरमो से विधायक ने कहा कि कांग्रेस के 17 और झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के 29 विधायक हैं।
जयमंगल ने मांग की, “झामुमो ने पहले ही मुख्यमंत्री और विधानसभा अध्यक्ष का पद ले लिया है। उनके पास छह मंत्री पद हैं और हम शेष एक पद चाहते हैं। हम उस पर कोई समझौता नहीं करेंगे।”
आलमगीर आलम, रामेश्वर उरांव, बन्ना गुप्ता और बादल पत्रलेख को फिर से मंत्री पद देने के कांग्रेस के फैसले से नाखुश विधायक पहले रांची के एक होटल में एकत्र हुए। उन्हें मनाने के लिए सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) सुप्रीमो शिबू सोरेन के सबसे छोटे बेटे और शुक्रवार को मंत्री बनाए गए बसंत सोरेन पहुंचे।विधायकों से मुलाकात के बाद बसंत सोरेन ने कहा, ‘‘भ्रम की कोई स्थिति नहीं है…हम सभी एकजुट हैं।’’
झारखंड के मुख्यमंत्री चंपई सोरेन और कांग्रेस की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष राजेश ठाकुर पहले ही दिल्ली पहुंच चुके है। दोनों अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से मुलाकात करेंगे।
कांग्रेस के कम से कम 12 विधायकों ने धमकी दी है कि अगर पार्टी के कोटे के मंत्री बनाए गए नेताओं को बदला नहीं गया तो वे 23 फरवरी से होने वाले आगामी विधानसभा सत्र का बहिष्कार करेंगे।
झामुमो के नेतृत्व वाले गठबंधन के पास 81 सदस्यीय विधानसभा में 47 विधायक (झामुमो के 29, कांग्रेस के 17 और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) का एक) हैं।
खिजरी से कांग्रेस विधायक राजेश कच्छप ने कहा, “जब झामुमो नए चेहरों को मौका दे सकती है तो कांग्रेस क्यों नहीं? लोकतंत्र में कोई राजा नहीं होता है।”
इस मामले पर 12 विधायकों का समूह पहले ही पार्टी की प्रदेश इकाई के प्रमुख ठाकुर को हस्ताक्षर किया हुआ एक पत्र सौंप चुका है।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता दीपिका पांडे सिंह ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘हम चाहते हैं कि पार्टी मंत्रियों को बदले और नए चेहरों को मौका दे।’’
मांडर से कांग्रेस विधायक शिल्पी नेहा टिर्की ने भी अपना असंतोष व्यक्त किया है।
उन्होंने कहा, ‘नए चेहरों को मौका क्यों नहीं दिया गया… इसीलिए पूरी बगावत है… हम शपथ ग्रहण समारोह का बहिष्कार करना चाहते थे, लेकिन हमारे प्रदेश प्रभारी ने वादा किया कि इस पर दिल्ली में उपयोगी चर्चा होगी…।”
ज्यादातर कांग्रेस विधायकों ने बन्ना गुप्ता के नाम पर आपत्ति जताई है। वह हाल में तब विवादों में आए थे जब भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने एक वीडियो पोस्ट किया था जिसमें उन्हें एक महिला के साथ फोन पर कथित रूप से “अश्लील” बातचीत करते सुना गया था।
गुप्ता ने वीडियो को “फर्जी और संपादित” करार दिया था।
राजेश ठाकुर ने कहा कि 12 कांग्रेस विधायकों द्वारा उठाए गए मुद्दों पर गौर किया जा रहा है।