हॉकी की नर्सरी के रूप में बनी एक अलग पहचान
February 8, 2024राजनांदगांव । राजस्व एवं आपदा, खेल एवं युवा कल्याण मंत्री टंकराम वर्मा अंतर्राष्ट्रीय हॉकी स्टेडियम में आयोजित 80वीं महंत राजा सर्वेश्वर दास स्मृति अखिल भारतीय हॉकी प्रतियोगिता 2024 के समापन समारोह में शामिल हुए। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए खेल मंत्री टंकराम वर्मा ने इस ऐतिहासिक आयोजन के लिए सभी को बहुत बधाई एवं शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि राजनांदगांववासियों ने महंत राजा सर्वेश्वर दास स्मृति अखिल भारतीय हॉकी प्रतियोगिता की परंपरा को वर्षों से सहेज कर रखा है। पूर्व मुख्यमंत्री एवं छत्तीसगढ़ विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह के प्रयासों से यह अंतर्राष्ट्रीय हॉकी स्टेडियम जिलेवासियों को सौगात मिली है। राजनांदगांव जिला हॉकी और झांकी के लिए प्रसिद्ध है तथा जिले की हॉकी की नर्सरी के रूप में एक अलग पहचान बनी है। शिक्षा के साथ ही संस्कार जरूरी है। संस्कारधानी राजनांदगांव में अंतर्राष्ट्रीय हॉकी स्टेडियम फिर से एक अलग नये स्वरूप में आएगा। यहां फ्लड लाईट, एस्ट्रोटर्फ एवं खेल संबंधी अन्य सुविधाएं खिलाडिय़ों को मिलेगी। छत्तीसगढ़ सरकार डबल इंजन की सरकार है। केन्द्र शासन की खेलो इंडिया योजना को प्रदेश में क्रियान्वित किया जा रहा है। प्रदेश की खेल प्रतिभा को आगे बढ़ाने एवं निखारने के लिए निरंतर कार्य किया जा रहा है।
पूर्व सांसद मधुसूदन यादव ने कहा कि राजनांदगांववासियों की इच्छाशक्ति से महंत राजा सर्वेश्वर दास स्मृति अखिल भारतीय हॉकी प्रतियोगिता का आयोजन हर वर्ष किया जा रहा है। अंतर्राष्ट्रीय हॉकी स्टेडियम को एस्ट्रोटर्फ युक्त करने के साथ ही अन्य खेल सुविधाएं भी प्रदान की गई। जनसहयोग, खेल विभाग, राजगामी संपदा न्यास, शासन-प्रशासन के सहयोग से राजनांदगांव में सफलतापूर्वक यह आयोजन किया जाता रहा है। पूर्व सांसद अभिषेक सिंह ने कहा कि संस्कारधानी में 80 वर्ष की उपलब्धियां रही हैं और कई पीढिय़ां इस ऐतिहासिक आयोजन के साक्षी बनी है। राजनांदगांववासियों ने दिल से इस आयोजन को संजोया है। पूर्व मुख्यमंत्री एवं छत्तीसगढ़ विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह के प्रयासों से अंतर्राष्ट्रीय हॉकी स्टेडियम की स्थापना जिले में की गई है, लेकिन समय के साथ यहां बदलाव की जरूरत है। खेल मंत्री टंकराम वर्मा के माध्यम से एस्ट्रोटर्फ एवं अन्य खेल सुविधाएं जिले को मिलती रहेंगी। यहां के हॉकी और झांकी की गूंज हमेशा बनी रहेगी।