छत्तीसगढ़: पीएम विश्वकर्मा योजना के क्रियान्वयन के लिए कलेक्टर डॉ. गौरव सिंह ने विभागो को दिए निर्देश
February 3, 202437 हजार 505 कारीगरों का किया पंजीयन, 672 प्रकरणों को तृतीय चरण की स्वीकृति
रायपुर । पीएम विश्वकर्मा योजना के क्रियान्वयन के लिए मुख्य सचिव अमिताभ जैन वीडियो द्वारा कॉफ्रेसिंग ली गई जिसके परिपालन में कलेक्टर डॉ. गौरव सिंह ने निर्देश दिए। कलेक्टर गौरव सिंह द्वारा पीएम विश्वकर्मा पोर्टल पर आ रही समस्याओं को मुख्य सचिव एवं सचिव, ग्रामोद्योग के समक्ष प्रस्तुत किया, जिसपर मुख्य सचिव जैन द्वारा ग्रामोद्योग विभाग के सचिव को भारत सरकार से समन्वय स्थापित कर समस्या का तुरंत निराकरण करने निर्देशित किया गया।
बैठक में बताया गया कि रायपुर जिले में योजनान्तर्गत कुल 37505 कारीगरों का पंजीयन किया गया है। तीन चरणों के सत्यापन के पश्चात पात्र कारीगरों को योजनान्तर्गत लाभ प्रदान किया जाएग। अब तक जिले में कुल 672 प्रकरणों को तृतीय चरण से स्वीकृति प्राप्त हुई है। इस योजनान्तर्गत इच्छुक कारीगर अपने समीपस्थ लोक सेवा केंद्र जाकर निःशुल्क ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
मुख्य सचिव जैन ने योजना की समीक्षा करते हुए माह के अंत तक सभी ग्राम पंचायतों का पंजीयन करने तथा चरण 1 एवं चरण 2 के सत्यापन शत प्रतिशत पूर्ण करने के निर्देश प्रदान किये। साथ ही मुख्य सचिव महोदय द्वारा पंचायतों के पंजीयन एवं सरपंचों के प्रशिक्षण हेतु जनपद स्तर पर व्यवस्था करने हेतु निर्देशित किया गया। ग्रामोद्योग यशवंत कुमार द्वारा योजना का विवरण एवं राज्य में प्रगति की अद्यतन स्थिति प्रस्तुत की गयी। कलेक्टर गौरव सिंह द्वारा उद्योग विभाग, पंचायत विभाग एवं नगरीय निकाय के अधिकारिओं को आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिए।
केन्द्र सरकार द्वारा सितम्बर 2023 से पीएम विश्वकर्मा योजना लागू की गई है, जिसका मुख्य उद्देश्य कारीगरों की विश्वकर्मा के रूप में पहचान कर उन्हें कौशल उन्नयन कार्यक्रम से जोड़ना है। विश्वकर्माओं की क्षमता एवं योग्यता बढ़ाने हेतु आधुनिक औजार व टूलकिट प्रदान कर निम्न ब्याज दर पर ऋण प्रदान करना है। इस योजना के अंतर्गत 18 व्यापार को सम्मिलित किया गया है – बढ़ाई, नावकार, अस्त्रकार, लोहार, लोहे के औजार निर्माता, तालासाज, सोनार, कुम्हार, मूर्तिकार, चर्मकार, राजमिस्त्री, खिलौनेकार, नाईं, मालाकार, धोबी, दर्जी, मछली पकड़ने के जाल निर्माता व टोकरी-झाड़ू निर्माता।
इस योजना में आवेदन उपरांत विश्वकर्मा प्रमाण पत्र प्रदान किया जाता है। विश्वकर्माओं को 5 दिवसीय बुनियादी प्रशिक्षण तथा 15 दिवसीय उन्नत प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है। प्रशिक्षण हेतु प्रतिदिन 500 रूपये मानदेय प्रदान किया जावेगा। प्रशिक्षण उपरांत 15,000 रूपये की राशि टूलकिट प्रोत्साहन के रूप में औजार खरीदी हेतु दी जावेगी। तत्पश्चात् 1.00 लाख रूपये का ऋण 5 प्रतिशत की दर पर बैंक के माध्यम से प्रदान किया जायेगा। यदि हितग्राही 18 माह में यह ऋण चुका देते है तो 2.00 लाख रूपये का अतिरिक्त ऋण समान दर से प्रदान किया जायेगा।