छत्तीसगढ़: खनन प्रभावित गावों की संख्या 76 से बढ़ाकर किया गया 197
February 2, 2024बलौदाबाजार। कलेक्टर चंदन कुमार की अध्यक्षता एवं कैबिनेट मंत्री टंक राम वर्मा की उपस्थिति में नई सरकार गठन के पश्चात जिला खनिज न्यास संस्थान के शासी परिषद की बैठक सँयुक्त जिला कार्यालय के सभागार में संपन्न हुई।
जिसमें लम्बे विचार-विमर्श के बाद पूर्व के अप्रारंभ कार्यो को निरस्त करते हुए वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए लगभग 58 करोड़ की कार्य-योजना का अनुमोदन किया गया है। जिसमें 2023-24 के कार्य योजना अन्तर्गत प्राथमिक सेक्टर में 34 करोड़ 80 लाख रूपये एवं अन्य सेक्टर के लिए 23 करोड़ 20 लाख रूपये के कार्य शामिल है। इसके साथ ही जिले में तेज गति से विकास हो इसके लिए सभी सदस्यों ने बड़ी सकारात्मक पहल करते हुए खनन प्रभावित गावों की संख्या 76 से बढ़ाकर 197 कर दिया गया है। उक्त बैठक में विधायक भाटापारा इंद्र साव,कसडोल विधायक संदीप साहू,बिलाईगढ़ विधायक कविता प्राण लहरे, जिला पंचायत अध्यक्ष राकेश वर्मा,सदस्य अजय राव,संकेत अग्रवाल,चित्ररेखा साहू,वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दीपक झा,जिला पंचायत सीईओ नम्रता जैन,डीएफओ मयंक अग्रवाल सहित अन्य समस्त विभागों के जिला अधिकारी गण उपस्थित रहे।
कैबिनेट मंत्री श्री टंक राम वर्मा ने कहा कि डीएमएफ का ग्रामीण विकास में महत्त्वपूर्ण योगदान है। हमारी सरकार एक नई सकारात्मक सोच के साथ कार्य करते हुए डीएमएफ की राशि का उचित उपयोग करेगी जिससे समाज के अंतिम पंक्ति के अंतिम व्यक्ति को उसका लाभ मिल सके। उन्होने कहा कि सभी निर्माण एजेंसियां समय सीमा भीतर गुणवत्त्ता युक्त कार्य करे। उन्होंने दो टूक कहा कि निर्माण कार्यों में गुणवत्त्ता से किसी भी प्रकार की समझौता नहीं स्वीकार की जाएंगी। श्री वर्मा ने निर्माण कार्यों से ज्यादा प्राथमिकता सेवा संसबंधी कार्यों को दिए गए हैं। अस्पतालों में डाॅक्टर, नर्स, टेक्निशियन के रिक्त पदों पर डीएमएफ के मद से पूर्ति की जाएगी। उन्होंने कहा कि जिन विकास कार्यों के लिए सरकार से नियमित रूप से बजट नहीं मिल पाती है, उनके लिए गैप फिलिंग के तौर पर काम लिया जाएगें। इसके अतरिक्त अन्य कार्यों को सैद्धांतिक स्वीकृति भी प्रदान की गई।
बैठक में पदेन अध्यक्ष जिला कलेक्टर एवं सदस्य सचिव श्री चंदन कुमार ने बैठक में जिला खनिज न्यास संस्थान के नियमों की प्रस्तुतिकरण के जरिए जानकारी दी। उन्होंने कहा कि उपलब्ध कुल राशि के 60 प्रतिशत काम उच्च प्राथमिकता के और 40 प्रतिशत काम अन्य प्राथमिकता के कामों में खर्च किए जाएंगे। पदेन सचिव जिला पंचायत सीईओ नम्रता जैन ने बताया कि उच्च प्राथमिकता के अंतर्गत पेयजल आपूर्ति, पर्यावरण संरक्षण,स्वास्थ्य देख-भाल, शिक्षा, कृषि एवं अन्य गतिविधियां,महिला एवं बाल विकास,वृद्ध एवं निःशक्तजन कल्याण, कौशल विकास एवं रोजगार,स्वच्छता, जनकल्याण के काम, सतत जीविकोपार्जन और इन कामों को संपादित करने के लिए मानस संसाधन की आपूर्ति शामिल हैं। अन्य प्राथमिकता के अंतर्गत भौतिक अधोसंरचना, सिंचाई,ऊर्जा एवं जल विभाजक विकास, सार्वजनिक परिवहन,सांस्कृतिक मूल्यों का संरक्षण,युवा गतिविधियों को बढ़ावा, ग्राम सभा के क्षमता विकास हेतु प्रशिक्षण,राज्य शासन की योजनाओं कार्यक्रम पूर्ति के लिए शामिल हैं। इस मौके पर अपर कलेक्टर बीसी एक्का,डीएमएफ सहायक विकास अधिकारी विजय बंजारे,दिले राम खुटे, एकाउंटेट शेखर सोनी सहित डीएमएफ के अधिकारी कर्मचारी के गण उपस्थित रहे।