हमारे नये मुख्यमंत्री बोलते कम हैं, कलम ज्यादा चलाते हैं : डॉ. रमन सिंह
January 9, 2024अखिल भारतीय बिंझिया समाज के महासम्मेलन में सूरजपुर पहुंचे विधानसभा अध्यक्ष
सूरजपुर । विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के साथ सूरजपुर के ग्राम जमदेई में अखिल भारतीय बिंझिया समाज महासम्मेलन में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने जनता का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि सूरजपुर के ग्राम जमदेई की इस पावन भूमि पर आज जिस प्रकार आप सभी ने पूरे उत्साह के साथ मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय स्वागत किया। हमारे नव निर्वाचित मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और नई सरकार के प्रति आपके अद्भुत प्रेम और आशीर्वाद का प्रमाण है, इसके लिए मैं आप सभी का आभार व्यक्त करता हूँ।
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साथ ही विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने अपने संबोधन में आगे कहा कि इतिहास गवाह है कि चाहे वीर गुंडाधुर हों, वीर नारायण सिंह हों इन सभी जननायकों ने मातृभूमि की सेवा करते हुए इतिहास रचा है और मैं कल्पना करता हूँ कि आने वाले समय में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय भी प्रदेश में विकास का नया कीर्तिमान स्थापित करेंगे।
इसके अलावा सीएम विष्णुदेव साय को लेकर उन्होंने कहा कि हमारे नये मुख्यमंत्री बोलते कम है, इनका कलम ज्यादा चलता है, पहले दिन से लगातार प्रदेश के विकास के लिए सपर्पित होकर कार्य करने में जुटे हैं, पहली ही कैबिनेट बैठक में कृषक उन्नित योजना के अंतर्गत 3100 रूपए प्रति क्विंटल में प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान खरीदने का संकल्प पूरा किया इसके साथ ही 12 लाख किसान साथियों को प्रति क्विंटल ₹300 की दर से ₹3700 करोड़ रुपए से ज्यादा का बोनस देने का भी काम किया, हमारे मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय गरीबों के दर्द को समझने वाले मुख्यमंत्री है, आदिवासी साथियों की तकलीफों को समझने वाले हैं, तेंदूपत्ता संग्राहकों की पीड़ा को समझने वाले मुख्यमंत्री हैं।
इसके साथ ही विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने बिंझिया समेत कुल 12 जाति समुदायों भूमिया, धनवार, नगेसिया, सौंरा, धनगड़, बिंझिया, कोड़ाकू, कोंध, भारिया, पंडो, गोंड और गदवा जाति की मात्रात्मक त्रुटि में सुधार कर उन्हें अनुसूचित जनजाति की सूची में शामिल करवाकर 25 लाख से अधिक लोगों को उनका संवैधानिक अधिकार दिलवाने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार व्यक्त किया।
इसके अलावा उन्होंने कहा कि सूरजपुर की जनता ने यह साबित कर दिया कि कुछ भी असंभव नहीं है, यदि राजा-महाराजा काम नहीं करेंगे तो उन्हें भी घर बैठना होगा।