क्राइम: पत्नी ने प्रेमी के साथ मिलकर पति को दी दर्दनाक मौत, गिरफ्तार…..
January 5, 2024राजगढ़। पत्नी ने ही अपने प्रेमी और प्रेमी के दो साथियों के साथ मिलकर पति को पहले घर के अंदर ही डंडों से मार डाला। इसके बाद शव को खुजनेर रोड पर ले गए। वहां ऊपर से गाड़ी चढ़ाई, इसके बाद उज्जैन की और चले गए। पुलिस ने बारीकी से पड़ताल करते हुए हत्या में शामिल पत्नी, उसके प्रेमी व दो अन्य आरोपितों को खोज निकाला। तीनों ने कत्ल करना स्वीकार कर लिया है। पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक 30 दिसंबर रात 2 बजे खुजनेर पुलिस को सूचना मिली थी कि खुजनेर रोड पर चोंडापुरा के पास एक व्यक्ति का शव पड़ा हुआ है, जिसके शरीर पर जगह-जगह चोट होने से खून निकल रहा था। सिर में सामने करम पर चोट का घाव था और पेट पर घाव है।
सूचना पर पुलिस की टीम वहां पहुंची, तो सूचक देवीसिंह ने बताया कि शव सिद्धनाथ यादव का है जो कि चोंडापूरा का रहने वाला है। ऐसा लगता है कि सिद्धनाथ कि मृत्यु किसी अज्ञात वाहन की टक्कर लगने से हुई है। सूचना पर मर्ग कायम कर जांच में लिया गया जांच में सामने आया कि मृतक की पत्नी ने ही अपने पति सिद्धनाथ को प्रेमी मुकेश और दो साथियों के साथ मौत के घाट उतार दिया। 29 दिसंबर 23 को आरोपित मुकेश, विशाल और हंसराज ने मिलकर चौंडापुरा के सिद्धनाथ को जान से मारा है। विशाल और हंसराज, सिद्धनाथ को मारने के लिये तैयार हो गये।
ऐसे दिया वारदात को अंजाम
आरोपित मृतक की पत्नी से संपर्क कर फोर व्हीलर सिद्धनाथ के घर के बाहर पहुंचे, तो सुनीता बाई का फोन आया कि घर के अंदर आ जाओ। आरोपितों ने पत्नी के साथ मिल कर सिद्धनाथ के साथ मारपीट की। जिससे उसके सिर पर और शरीर पर चोट लगी और वह बेहोश होकर वहीं गिर गया। इसके बाद सिद्धनाथ को उठाकर गाड़ी की डिग्गी में रखा और सिद्धनाथ को लेकर खुजनेर तरफ तालाब की पाल पर रोड किनारे पहुंचे। वहां सिद्धनाथ के शव को गाडी से निकाल कर सडक पर पटक दिया। इसके बाद मुकेश ने गाड़ी सिद्धनाथ के ऊपर चढ़ा दी।
पुलिस ने किया अंधे कत्ल का खुलासा
वारदात के बाद आरोपित चाटूखेड़ा जोड गये और वहां से पाडल्याखेड़ी, कल्पोनी होते हुए संडावता, सारंगपुर होते हुए आगर पहुंचे। वहां से फिर 04.30 बजे उज्जैन में रामघाट पर पहुंचे। जहां आरोपी मुकेश ने सुनीता और खुद का मोबाईल नदी में फेंक दिया। फिर इंदौर पहुंचे, वहां से दोपहर में 03.00 बजे करीब ओंकारेश्वर की ओर फरार हो गए। खुजनेर पुलिस की टीम ने तकनीकी साक्ष्य और सायबर सेल राजगढ़ की मदद से आरोपितों को धर-दबोचा और पूछताछ के बाद हत्या का खुलासा करने में सफलता हासिल की।