नरवा विकास से किसानों के खेतों में लहलहाने लगी फसल
October 16, 2022कोरिया ,16 अक्टूबर । प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी योजना नरवा, गरवा, घुरवा व बाड़ी योजनांतर्गत नरवा विकास के जरिये राज्य में भू-जल संरक्षण व संवर्धन सुनिश्चित करने सहित नदी-नालों को पुनर्जीवित किया जा रहा है। इस दिशा में नरवा विकास योजना बहुपयोगी योजना साबित हो रही है। नरवा एवं जल स्त्रोतो को उपचारित करने, भूमिगत जल स्तर सुधार एवं मृदाक्षरण रोकने में यह योजना महती भूमिका निभा रही है। सिंचाई क्षेत्र में वृद्धि से किसानों को खेती किसानी में अच्छा लाभ भी मिलने लगा है।
बैकुण्ठपुर के ग्राम पंचायत उमझर तथा रटगा में कर्रा नाला बहता है, उमझर के आश्रित ग्राम तिलवनड़ांड के हडही नाला से शुरू होकर यह रटगा होते हुए कुल 9.39 किलोमीटर बहते हुए ग्राम अमरपुर के धनुहर नाला में मिल जाता है। खेती-किसानी के लिए आस-पास के किसान कर्रा नाला पर आश्रित हैं। नरवा विकास योजना से वर्ष 2020-21 में कुल 22.45 लाख रुपए की स्वीकृति पर 650 हेक्टेयर क्षेत्र में नरवा का उपचार किया गया। उपचार से सिंचित भूमि के रकबे में 35.5 फीसदी वृद्धि हुई है, वहीं भूजल स्तर में औसत 1 से 1.5 मीटर वृद्धि दर्ज की गई।
कर्रा नाला विकास के तहत कुल 193 संरचनाओं का निर्माण किया गया है, जिसमें 15 अर्थन गलीप्लग, 25 ब्रशवुड चेक डेम, 30 एलबीसीडी, 100 कंटूरट्रेंच, 18 फार्म बन्डिंग तथा 5 फार्म पोंड निर्मित किए गए हैं। 62 किसानों के खेतों में लहलहाने लगी फसल, रामरूप तथा बुधनीबाई ने बताया नरवा उपचार से पानी की समस्या हुई दूर
नरवा पुनर्जीवन के लिए किए गए योजनाबद्ध कार्यों ने क्षेत्र के 62 किसानों की खुशहाली और समृद्धि का रास्ता खोल दिया है। विभिन्न संरचनाओं के बन जाने से जल स्तर बढ़ा एवं सिंचाई के रकबे में वृद्धि हुई है, जिससे धान के साथ सब्जी उत्पादन, उड़द, मुगफली, गेहूँ इत्यादि का पैदावार होने से किसानों के वार्षिक आय में वृद्धि हुई है। ग्राम रटगा के किसान रामरूप बताते हैं कि उनके पास 12 एकड़ कृषि भूमि है। पहले क्षेत्र में खेती के लिए पानी की बहुत समस्या होती थी, नरवा उपचार से सिंचाई के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी मिल रहा है और अब वह धान के साथ सब्जी भी लगा रहे हैं। इसी ग्राम के ही बुधनीबाई ने बताया कि 2 एकड़ में मैंने मक्के की खेती की है, साथ में अतिरिक्त आय के लिए कुछ सब्जियां भी लगायी है।