कोरबा: खदान ड्यूटी जाने सुरक्षित मार्ग ही नहीं…कुसमुंडा खदान ड्यूटी जाने निकले कोयला कर्मियों की परेशानी बढ़ गई
November 29, 2023कोरबा,29 नवम्बर। (South Eastern Coalfields Limited news) एक महीने की राहत के बाद फिर से कुसमुंडा खदान South Eastern Coalfields Limited ड्यूटी जाने निकले कोयला कर्मियों की परेशानी बढ़ गई है। एसईसीएल South Eastern Coalfields Limited की दो कॉलोनियों से खदान ड्यूटी जाने सुरक्षित मार्ग ही नहीं है। दूसरी ओर मुख्य मार्ग पर लग रहे जाम में फंसने से समय पर ड्यूटी पहुंचने की कोयला कर्मियों की चिंता बढ़ जाती है। इस मार्ग पर कोयला कर्मचारी भी हादसे का शिकार हो चुके हैं।
एसईसीएल South Eastern Coalfields Limited की कुसमुंडा खदान मेगा माइंस गेवरा ( SECL’s Kusmunda Mine Mega Mines Gevra ) के बाद दूसरी सबसे बड़ी प्रोजेक्ट है। आउटसोर्सिंग कंपनियों को ओवरबर्डन से लेकर कई अन्य काम का जिम्मा संभालने के बाद से कुसमुंडा खदान की उत्पादन क्षमता बढ़ी है। चूंकि अभी रेल मार्ग से कोयले के परिवहन के लिए एक ही रेल लाइन है। समय पर कोयले के उठाव व परिवहन को लेकर कुसमुंडा South Eastern Coalfields Limited मुख्य सड़क मार्ग पर भारी वाहनों का दबाव बढ़ गया है। सड़क मार्ग का चौड़ीकरण कराया जा रहा है। फोरलेन सड़क का काम बरमपुर के पास पुलिया निर्माण के कारण तो कुछ अन्य जगहों पर बचा हुआ है। मगर सड़क चौड़ीकरण के बावजूद भारी वाहनों को बेतरतीब तरीके से खड़ी कर देने से रोड पर जाम लग रहा है।
South Eastern Coalfields Limited कई बार कुसमुंडा खदान South Eastern Coalfields Limited का सर्वर डाउन होने से भी माइंस में भारी वाहनों की एंट्री में विलंब होता है। मंगलवार को भी खदान के बाहर भारी वाहनों की रोड पर कतार लगने से ईमलीछापर मुख्य सड़क मार्ग तक जाम लगा रहा। जाम के कारण कुसमुंडा खदान ड्यूटी समय पर पहंुचने की कोयला कर्मियों की चिंता बढ़ जाती है। विधानसभा चुनाव के लिए दूसरे चरण का मतदान होने तक करीब एक महीने तक कुसमुंडा मुख्य मार्ग पर जाम से राहत रही।
South Eastern Coalfields Limited अब फिर से मुख्य मार्ग पर भारी वाहनों का दबाव बढ़ गया है इससे सड़क पर जाम लगना शुरू हो गया है। इस कारण आदर्श नगर व विकास नगर कॉलोनी के कर्मचारियों की जाम में फंसने पर समय पर ड्यूटी पर पहुंच पाने की चिंता रहती है। शहर की एसईसीएल South Eastern Coalfields Limited की कॉलोनियों से भी अनेक कर्मचारी कुसमुंडा खदान ड्यूटी पर पहुंचते हैं। इन्हें सबसे अधिक परेशानी होती है। शाम ढलने के बाद मार्ग पर अंधेरा छा जाता है।