छत्तीसगढ़: कानून की कद्र न करने वाले PCCF को पद से तुरन्त हटाया जावे: सिंघवी ने की शासन से मांग

छत्तीसगढ़: कानून की कद्र न करने वाले PCCF को पद से तुरन्त हटाया जावे: सिंघवी ने की शासन से मांग

November 22, 2023 Off By NN Express

रायपुर 22 नवम्बर I प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यप्राणी) छत्तीसगढ़ द्वारा की जा रही कानून विरोधी कार्यवाहियों को लेकर रायपुर के वन्यजीव प्रेमी ने प्रमुख सचिव, वन छत्तीसगढ़ शासन से उन्हें तत्काल हटाने की मांग की है। रायपुर के वन्यजीव प्रेमी नितिन सिंघवी ने प्रमुख सचिव वन को प्रेषित पत्र में लिखा है कि भारतीय संविधान के अंतर्गत दी गई व्यवस्थाओं के तरह हमारे विधि निर्माताओं ने भारतीय वन (संरक्षण) अधिनियम, 1972 बनाया है। अधिनियम के प्रावधानों के तहत किसी भी अभ्यारण तथा नेशनल पार्क में कंजर्वेशन ब्रीडिंग सेंटर नहीं बनाया जा सकता। भारत सरकार ने 14 सितंबर 2023 को इस संबंध में सभी राज्यों को एडवाइजरी भी जारी की है।

कानून का पूरा ज्ञान रखने के बाद कर रहे हैं कानून विरोधी कार्य

छत्तीसगढ़ के पीसीसीएफ (वन्यप्राणी) ने अधिनियम के उपरोक्त प्रावधानों की जानकारी रखने के बावजूद कि बारनवापारा अभ्यारण में वन भैंसा कंजर्वेशन ब्रीडिंग सेंटर नहीं बनाया जा सकता है 17 अप्रैल 2023 को असम से चार वन भैंसा लेकर के आए हैं। इसके बाद छत्तीसगढ़ वन विभाग ने सेंट्रल जू अथॉरिटी से मिली भगत कर बारनवापारा अभ्यारण में वन भैंसे का कंजर्वेशन ब्रीडिंग सेंटर बनाने के लिए सैद्धांतिक अनुबंध प्राप्त कर लिया। इस बीच भारत सरकार ने एडवाइजरी जारी की जिसके तहत किसी भी अभ्यारण में कंजरवेटिव ब्रीडिंग सेंटर नहीं बनाया जा सकता। भारत सरकार की उपरोक्त एडवाइजरी से प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यप्राणी) पूर्ण: अवगत है।

एडवाइजरी के बावजूद बना रहे है दबाव: बनाकर ही रहेंगे वन भैंसे का कंजर्वेशन ब्रीडिंग सेंटर, भले ही कानून तोडना पड़े

पत्र में लिखा गया है कि किन्हीं अज्ञात कारणों से प्रधान मुख्य वन संरक्षण (वन्यप्राणी) जिद में है कि वह संविधान के तहत बनाये गए कानून के प्रावधानों के विरुद्ध बारनवापारा अभ्यारण में वन भैंसे का कंजर्वेशन ब्रीडिंग सेंटर बनाकर ही रहेंगे और इसी लिए उन्होंने भारत सरकार की 14 सितम्बर 2023 की एडवाइजरी जारी होने के बावजूद 19 अक्टूबर 2023 को केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण दिल्ली को पत्र लिखकर बारनवापारा अभ्यारण में वन भैसा कंजर्वेशन ब्रीडिंग सेंटर की स्वीकृति शीघ्र प्रदान करने के लिए पत्र लिखा है।

ऐसे अधिकारियों का पदस्थ रहना संविधान व्यवस्था और वन प्राणियों के लिए हानिकारक है

पत्र में मांग की गई है कि प्रधान मुख्य संरक्षक (वन्यप्राणी) के पत्र से स्पष्ट होता है कि वह भारत के संविधान और संसद द्वारा स्थापित कानून की कतई कद्र नहीं करते हैं और जिद में आकर बारनवापारा अभ्यारण में कानून के विरुद्ध जाकर वन भैसा कंजर्वेशन ब्रीडिंग सेंटर बनाने के लिए प्रतिबद्ध हो गए है। जब कि वन भैसों को असम से छत्तीसगढ़ लाना ही वन भैसों के कल्याण के विरुद्ध था। इस प्रकार के अधिकारी प्रथम: तो वन्यजीवों के विरुद्ध कार्य करते है और दूसरा अब भारतीय संविधान द्वारा स्थापित व्यवस्था के विरुद्ध वातावरण खड़ा कर रहे है। इस लिए प्रमुख सचिव से मांग की गई है कि किसी भी रूप से, किसी भी कार्य के हित में प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यप्राणी) के पद पर पदस्थ रहना भारतीय संविधान व्यवस्था और वन प्राणियों के लिए हानिकारक है, इसलिए तत्काल प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यप्राणी) पद से विमुक्त कर सक्षम अधिकारी को पदस्त किया जावे।