कोरबा : छठी व्रतधारियों ने अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया
November 19, 20230 पुत्र प्राप्ति, समृद्धि एवं मंगल कामना के पर्व छठ पर घाट पर पहुंची भक्तों की भीड़।
कोरबा, 19 नवम्बर । पुत्र प्राप्ति, समृद्धि एवं मंगलकामना के पर्व छठ पर रविवार की शाम छठघाट व गेदूरनाला,बालको, दीपका, कोरबा, सर्व मंगल मंदिर आदि सभी जगहों में सूर्य देव को अर्घ्य दिया गया। कोरबा के हसदेव नदी के तट पर छठ पूजा का विशेष माहौल रहा। अन्य तालाब व जलाशयों में भी सूर्य देव को अर्घ्य दिया गया। छठघाट में दोपहर से ही छठव्रतियोंं एवं दर्शनार्थियों के आने का सिलसिला शुरू हो गया था।
बड़ी संख्या में छठव्रती अपने पूरे परिवार एवं गाजे-बाजे के साथ छठघाट पहुंच रहे थे। शाम को पूरे विधि-विधान से सूर्य देव की आराधना की गई। छठव्रतियों ने डूबते सूर्य एवं छठमाता की आराधना की। इस दौरान आतिशबाजियां और गाजे-बाजे से माहौल रंगीन रहा। व्यावसायिक एवं अन्य कारणों से बड़ी संख्या में यहां आकर बस चुके बिहार एवं उत्तर प्रदेश के मूल निवासियों द्वारा मनाया जाने वाला यह पर्व धीरे-धीरे छत्तीसगढ़ की संस्कृति में भी मिलता जा रहा है। बड़ी संख्या में स्थानीय लोग भी इस अवसर पर छठघाट पहुंचे। जिससे छठ घाट में भीड़ कुछ ज्यादा ही दिखी। कोरबा के सर्व मंगल मंदिर, सुभाष ब्लॉक कालीबाड़ी, डेंगू नाला पुल, आदि जगहों में छठ पूजा के दौरान काफी भीड़ देखी गई। इसी प्रकार बालको, दीपका, कुसमुंडा, कटघोरा, बाकी मोगरा के में भी डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया गया।
घर जाने के बजाय अपने शहर में ही मनाया पर्व
छठ त्योहार पूर्वांचल का हैै। बिहार और उत्तरप्रदेश में इसे मनाया जाता है, लेकिन अब यह प्रदेश की सीमाएं लांघ चुका है। छठघाट पर छलकते जनसैलाब को देखकर यह अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता था कि घर से बाहर निकले पूर्वांचल के लोग छठ पर घर वापस जाने के बजाय अब अपने शहर में छठ मनाना ज्यादा पसंद करने लगे हैं।
कल होगी उगते सूरज की पूजा
सोमवार को तड़के भी सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा। उगते हुए सूरज को अर्घ्य देने छठव्रती तड़के ही घाट पहुंचने लगेंगे। इसके बाद सोमवार को फिर छठ घाट में लोगों की भीड़ लगेगी। इस दौरान उगते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद 36 घंटे का कठिन व्रत टूटेगा।