RAIPUR : कल सियासत में भी मोहब्बत थी….अब मोहब्बत में भी सियासत है….
October 15, 2022रायपुर ,15 अक्टूबर I छ्ग में महासमुंद के एक पूर्व विधायक के दामाद सूर्यकान्त तिवारी के घर, संस्थानों में आयकर छापे के बाद कोरबा के कोल व्यापारी सुनील अग्रवाल प्रकाश में आए फिर कड़ियाँ जुड़ती गई और छ्ग में ईडी ने धमक दी। पूर्व की भाजपा सरकार के प्रमुख नेताओं सहित वर्तमान सरकार के कुछ बड़े नेताओं के करीबी सूर्यकान्त तिवारी के पूर्व केंद्रीय मंत्री विद्या चरण शुक्ल से भी मधुर सम्बन्ध थे। कहा तो यहां तक जाता है कि आईएएस रानू साहू और उनके पति आईएएस जय प्रकाश मौर्य की पदस्थापना में भी उनकी प्रमुख भूमिका थी।
सूर्यकान्त के आयकर छापे के बाद उसके परिजनों,कुछ नौकरशाह, नेता, कोयला व्यापारियों की जानकारी मिली और मिले दस्तावेजों के आधार पर ई डी ने रेड की…..ईडी ने उप्र के मूल निवासी 2009बैच के आईएएस समीर विश्नोई, लक्ष्मी नारायण तिवारी, सुनील अग्रवाल और नवनीत तिवारी को गिरफ्तार कर लिया है।वहीं छ्ग में सीएम सचिवालय में पदस्थ एक महिला अफसर, एक कलेक्टर, उनके पति खनिज संचालक, सूर्यकान्त तिवारी आदि को जाँच की राडार में लिया है।छत्तीसगढ़ के रायपुर, बिलासपुर, रायगढ़ सहित कई शहरों में मंगलवार तड़के से चल रही ईडी की कार्रवाई के बीच अफसरों पर शिकंजा कसना शुरू हो गया था ।
प्रवर्तन निदेशालय (ED) की टीम ने प्रदेश के दो वरिष्ठ आईएएस अफसर को जेपी मौर्य और समीर विश्नोई को पूछताछ के लिए कैंप ऑफिस लेकर पहुंच गई थी । समीर विश्नोई की पत्नी को भी लाया गया था । एक आईएएस के घर से चार करोड़ की नगदी,हीरा, सोना सहित दस्तावेज बरामद करने की खबर छन कर आ रही है…?प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने रायपुर के सयाजी होटल में अपना कैंप ऑफिस बना रखा है। प्रदेश के अलग-अलग जिलों में चल रही कार्रवाई के बीच माइनिंग डायरेक्टर जेपी मौर्य को कैंप ऑफिस ले जाया गया। यह भी बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की ओएसडी सौम्या चौरसिया से पूछताछ पूरी हो गई है।
अब उन्हें नोटिस जारी किया जाएगा।इधर प्रवर्तन निदेशालय-ईडी ने चिप्स के मुख्य कार्यपालन अधिकारी और आईएएस अधिकारी समीर विश्नोई को गिरफ्तार करके कोर्ट में पेश किया। यहां उनकाे रिमांड दे दी गई है। ईडी ने काेर्ट में बताया समीर विश्नोई के घर में 4 किलो सोना और 20 कैरेट हीरा और 47 लाख रुपए नगद मिले हैं।ईडी पास जब्त सोना की कीमत 2 करोड़ 20 लाख रुपए बताई जा रही है। इधर बचाव पक्ष ने ईडी की कार्रवाई को गलत बताया है। गिरफ्तारी को भी अवैध बताया है। उनका कहना है कि आय से अधिक संपत्ति का मामला तो आईटी का है। इसमें ईडी का क्या काम……ईडी के टारगेट में कोयला और रेत का कारोबार करने वाले लोग ज्यादा हैं।
माना जा रहा है कि शराब के कुछ और कारोबारी भी निशाने में आ सकते हैं।रायगढ़ कलेक्टर रानू साहू के नहीं मिलने पर बंगले के कुछ कमरे सील किये थे बाद में उनके आने पर जाँच की गईं हैँ ।इनके अलावा महासमुंद में पूर्व विधायक अग्नि चंद्राकर, उनके दामाद सूर्यकांत तिवारी, खनिज संचालक तथा आईएएस रानू साहू के पति आईएएस जेपी मौर्य के रायपुर स्थित आवास पर, रायगढ़ के गांजा चौक निवासी नवनीत तिवारी, प्रिंस भाटिया, सीए सुनील अग्रवाल के ठिकानों पर ईडी की कार्यवाही की गईं थी ।
शतरंज का खेल और
आईएएसअनिल टुटेजा….
ये जिन्दगी सांप सीढ़ी के खेल की तरह है। कई बार कम मेहनत में ज्यादा सफलता मिलती है यानि सीढ़ी मिल जाती है, एवं कई बार यह होता है कि तमाम तरह की सीढ़ियां लगाकर जब हम निन्यावे तक पहुंचते हैं तो वहां पर सांप हमें काट देता है और हम बहुत नीचे आ जाते हैं। ऐसा सिर्फ आम जनों के साथ नहीं, बल्कि खास लोगों के साथ भी होता है,छ्ग के सीएम भूपेश बघेल की माने तो अब राजनीति शतरंज नहीं सांप सीढ़ी का खेल हो गया उनकी यह टिप्पणी कॉंग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत के कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनते बनते अब राजस्थान का सीएम बने रहने जद्दोजहद को लेकर की थी…छ्ग में सांप सीढ़ी और शतरंज के खेल को लेकर वरिष्ठ मंत्री टी एस सिंहदेव और नौकरशाह अनिल टुटेजा की चर्चा सामयिक होगी।
सीएम साहब के एक करीबी अफसर अनिल टुटेजा प्रशासनिक कैरियर भी सांप सीढ़ी के खेल का बड़ा उदाहरण है, भाजपा शासन काल में वे सांप काटने से 3 में पहुंच गये थे पर आजकल 99तक पहुंच गये हैं… वैसे अनिल शतरंज के भी अच्छे खिलाडी हैं, वे ग्रैंड चैनल के सीऍमडी गुरुचरण सिंह होरा के साथ अपने प्रारम्भिक दौर में छोटा पारा में तब के वरिष्ठ अधिवक्ता हैदर अली खान (प्रसिद्ध कार्डियोलॉजी डॉ जावेद अली खान के पिता)के आवास पर शतरंज खेलने /सीखने पहुँचते थे, उस समय प्रसिद्ध श्रमिक नेता सुधीर मुखर्जी भी वहाँ शतरंज खेलने पहुंचते थे। वहाँ अनिल टुटेजा ने शतरंज कितना सीखा यह तो नहीं कहा जा सकता पर छ्ग में भूपेश बघेल की सरकार बनने के बाद अनिल राजनीति के शतरंज और सांप सीढ़ी के खेल में जरुर पारंगत हो गये हैं यह तो तय है पर उनके प्रशासनिक जीवन में अभी भी सांप सीढ़ी का खेल जारी है….?
राजनीति में सांप सीढ़ी का खेल तो छ्ग के वरिष्ठ नेता तथा भूपेश मंत्रिमंडल में दूसरा स्थान रखने वाले टी एस सिंहदेव ने भी खेला था यह बात और है कि सांप काटने के पहले ही वो सतर्क हो गए.. हाल ही में सीएम बघेल के साथ भेंट मुलाक़ात कार्यक्रम में कबीरधाम में साथ साथ दौरा तो कुछ ऐसा ही संकेत दे रहा है… वैसे राजनीति में शह और मात का खेल तो वर्षाँ से जारी है और रहेगा भी…..?
आरक्षण मामले को
लेकर राजनीति…
छत्तीसगढ़ में सरकार आरक्षण मामले पर विधानसभा का विशेष सत्र बुला सकती है…?इसकी जानकारी खुद आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने दी है। बताया गया कि 17 अक्टूबर को राज्य कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव पर चर्चा होगी। अगर सहमति बन गई तो सरकार इसी महीने एक दिन का विशेष सत्र बुलाएगी। इस सत्र के साथ ही आरक्षण मुद्दे पर राजनीतिक लड़ाई की जमीन तैयार हो जाएगी।आबकारी मंत्री कवासी लखमा की मानें तो , उनकी सरकार इस मामले को लेकर विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की तैयारी कर रही हैं। आरक्षण मामले को भाजपा ने अच्छी तरीके से कोर्ट में नहीं रखा।मंत्री कवासी लखमा के मुताबिक इसकी वजह से आदिवासी समाज को नुकसान हुआ है। हमारी सरकार सुप्रीम कोर्ट में इस मामले को अच्छे वकीलों के माध्यम से रखेगी।
अधिवक्ता कपिल सिब्बल, अभिषेक मनु सिंघवी जैसे वकील अब इस मामले पर सरकार का पक्ष रखेंगे। हम भी चाहते हैं कि आदिवासी समाज को 32% आरक्षण मिले, ताकि बस्तर और सरगुजा का आदिवासी समाज विकास के पथ पर आगे बढ़े।इससे पहले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी आबादी के अनुपात में आरक्षण देने की बात करते रहे हैं। उन्होंने कहा है, कांग्रेस आबादी के अनुपात में आरक्षण की पक्षधर है। हम चाहते हैं कि संविधान में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति समाज को जो अधिकार मिला हुआ है वह बना रहे।आरक्षण पर उच्च न्यायालय के फैसले के बाद आदिवासी समाज में भारी बेचैनी है। इसको लेकर सर्व आदिवासी समाज का सोहन पोटाई धड़ा सड़कों पर है।
बस्तर और दुर्ग संभाग के कई आदिवासी बहुल जिलों में चक्काजाम शुरू हो चुका है। दूसरे जिलों में समाज के लोग धरने पर बैठे हैं। 2018 के चुनाव में कांग्रेस की सबसे बड़ी जीत बस्तर और सरगुजा संभाग के आदिवासी बहुल सीटों पर हुई है। इन्हीं वोटरों के दम पर कांग्रेस लोकसभा चुनाव में भी दो सीटें जीत पाई। आरक्षण मामले में अदालत में सरकार की हार ने प्रदेश की राजनीति को भी गर्म कर दिया है। प्रमुख विपक्षी दल भाजपा ने इसे अवसर के तौर पर लिया है। दो दिन पहले भाजपा ने प्रदेश भर में प्रदर्शन किए हैं। भाजपा का आरोप है कि सरकार ने जानबूझकर आरक्षण खत्म हो जाने दिया। ठीक ढंग से मुकदमा नहीं लड़ा और केस हार गए। भाजपा नेताओं का आरोप है कि इस मामले में सरकार ने कोई बड़ा वकील भी खड़ा नहीं किया।
बिलासपुर उच्च न्यायालय के फैसले से राजनीति भड़क उठी है।दरअसल भाजपा की तत्कालीन डॉ रमन सरकार ने 2012 आरक्षण के अनुपात में बदलाव किया था। इसमें अनुसूचित जनजाति वर्ग का आरक्षण 32% कर दिया गया। वहीं अनुसूचित जाति का आरक्षण 12% किया गया। इस कानून को गुरु घासीदास साहित्य एवं संस्कृति अकादमी ने उच्च न्यायालय में चुनौती दी। बाद में कई और याचिकाएं दाखिल हुईं। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने हाल ही में 19 सितंबर को इस पर फैसला सुनाते हुए राज्य के लोक सेवा आरक्षण अधिनियम को रद्द कर दिया। इसकी वजह से अनुसूचित जनजाति का आरक्षण 32% से घटकर 20% पर आ गया है। वहीं अनुसूचित जाति का आरक्षण 12% से बढ़कर 16% और अन्य पिछड़ा वर्ग का आरक्षण 14% हो गया है। शिक्षण संस्थाओं में आरक्षण खत्म होने की स्थिति है। वहीं सरगुजा संभाग के जिलों में जिला काॅडर का आरक्षण भी खत्म हो गया है।
सीएम सचिवालय में एक
आदिवासी चेहरा भी ….
आदिवासियों की धरती छ्ग में पहले सीएम अजीत जोगी बने, पर असली -नकली आदिवासी के नाम पर वे चर्चा में रहे, छ्ग के सीएम बघेल ने सेवा निवृत आईएएस डी डी सिंह (एक साल का कार्यकाल वृद्धि) आदिवासी अफसर को अपने सचिवालय में सचिव बनाकर एक संदेश दिया है। पहली बार कोई एक आदिवासी चेहरा अब छग में प्रभावशाली भूमिका में सीएम सचिवालय में दिखाई दे रहा है । वैसे प्रमोटी डी डी सिंह छ्ग के पहले अफसर थे जिन्हें केंद्र ने जॉइंट सेक्रेटरी इम्पेनल किया था।
महादेव एप सट्टा, आईजी
बड़ा या छोटा अफसर…..
महादेव सट्टा एप के संचालक दुबई में हैँ पर उनके छ्ग में 136 कार्यालय हैँ… हजारों अकाउंट बैंक में है.. जाहिर है कि कुछ पुलिस अफसरों का वरदहस्त तो जरूर रहा होगा…अभी भी सौदाबाजी का प्रयास चल रहा है…?एक आई जी के नाम पर महादेव सट्टा एप चलाने के नाम पर एक करोड़ की वसूली करने वाले छ्ग पुलिस के एक अफसर का शिकायत पर तबादला होने की चर्चा के बीच ही उसका तबादला आदेश निरस्त करना भी उस जिले में चर्चा का केंद्र बना हुआ है…. पुलिस विभाग लोग सोच रहे हैं कि जोन में आईजी बड़ा है या छ्ग पुलिस का वह छोटा अधिकारी…..
और अब बस….
0छ्ग में इडी का छापा, भ्रष्टाचार ,आरोप-प्रत्यारोप.डॉ रमन सिंह और भूपेश बघेल के बीच जारी है… मामला कोर्ट तक जाने की उम्मीद है।
0 रायपुर में स्थायी आईजी की नियुक्ति में देर क्यों हो रही है…?
0भाजपा में कुछ जिलाध्यक्ष जल्दी बदलेंगे ऐसे संकेत मिल रहे हैं….