छत्तीसगढ़: होम वोटिंग ने बुजुर्गों-दिव्यांगों के लोकतंत्र में भागीदारी के सपने को साकार किया
November 10, 2023महासमुंद,10 नवंबर । निर्वाचन आयोग के होम वोटिंग की नई सुविधा मिलने पर महासमुंद जिले के 80 वर्ष से अधिक के आयु के बुजुर्गों तथा चलने-फिरने में असमर्थ दिव्यांगों ने मताधिकार का प्रयोग कर लोकतंत्र में अनिवार्य भागीदारी का सपना साकार किया है। इस नई व्यवस्था के तहत जिले के 350 मतदाताओं को होम वोटिंग की सुविधा दी गयी थी। शुक्रवार सुबह 8 बजे से रिटर्निंग अधिकारियों द्वारा मतदान दलों को रवाना किया गया। सामान्य प्रेक्षक विवेक एल भीमनवार ने नयापारा स्थित 85 वर्षीय शहजादी बेगम के घर जाकर उनका हौसला बढ़ाया। उन्होंने होम वोटिंग की सुविधा का निरीक्षण किया। वहीं कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी प्रभात मलिक ने भी स्थानीय वार्ड नम्बर 20 महासमुंद में जाकर 80 वर्षीय वरिष्ठजन भवन लाल जैन से मिलकर होम वोटिंग का जायजा लिया।
होम वोटिंग के दौरान सरायपाली विकासखंड अंतर्गत श्रीमती लक्ष्मी पटेल 81 वर्ष, जागसाय पटेल 82 वर्ष, श्रीमती कौशिल्या देवी अग्रवाल 90 वर्ष, तथा बसना विकासखंड अंतर्गत श्रीमती सुंदर मोती निषाद 90 वर्ष, डॉ. सुरीत कश्यप 86 वर्ष, पिथौरा विकासखण्ड अंतर्गत भातकुंदा की श्रीमती सुनाई पटेल 85 वर्ष, झिलमिला की श्रीमती मालती बाई 81 वर्ष, महासमुंद निवासी कुंज लाल साहू एवं मेमरा की दिव्यांग सीता बाई निषाद 35 वर्ष जैसे अनेक वरिष्ठजनों और दिव्यांगों ने उत्साहित होकर मताधिकार का प्रयोग किया। मतदाताओं ने कहा कि निर्वाचन आयोग द्वारा उन्हें होम वोटिंग की सुविधा प्रदान नहीं की जाती तो इस समय उनके लिए शारीरिक अस्वस्थता के चलते मतदान केंद्र में पहुँचकर मतदान करना बिलकुल भी असंभव था। सभी ने उनके जैसे अनेक बुजुर्गों एवं दिव्यांगों को उनके घरों पर ही मतदान की सुविधा प्रदान करने के लिए भारत निर्वाचन आयोग के इस होम वोटिंग की नई व्यवस्था की प्रशंसा की।
सरायपाली की 90 वर्षीय श्रीमती कौशिल्या देवी अग्रवाल ने होम वोटिंग कर उत्साहित होकर कहा कि उनके वृद्धावस्था एवं शारीरिक अस्वस्थता के कारण उनके लिए मतदान केंद्र में पहुंचकर मतदान करना बिल्कुल भी संभव नहीं था। लेकिन भारत निर्वाचन आयोग के इस नई व्यवस्था के कारण आज उसे घर में ही मतदान करने का अवसर मिला है। मताधिकार का प्रयोग करने से अब मताधिकार का प्रयोग नहीं कर पाने की कमी नहीं खलेगी। भारत निर्वाचन आयोग की इस नई व्यवस्था की बसना की 90 वर्षीय श्रीमती सुंदरमोती निषाद ने सराहना करते हुए कहा कि आज उसे घर में ही मताधिकार का सुविधा मिलना उनके लिए किसी सपने का साकार होने जैसा है। उन्होंने कभी कल्पना भी नहीं की थी कि इस उम्र के इस पड़ाव एवं शारीरिक अस्वस्थता के कारण इस बार उसे मतदान करने का सौभाग्य भी प्राप्त होगा। लेकिन आज भारत निर्वाचन आयोग के इस व्यवस्था के कारण उसे आज घर पर ही मताधिकार का प्रयोग करने का अवसर प्राप्त हुआ।
इसी तरह पिथौरा विकासखण्ड के ग्राम मेमरा की 35 वर्षीय दिव्यांग सीता बाई निषाद ने भारत निर्वाचन आयोग की होम वोटिंग की सुविधा की प्रशंसा करते हुए बताया कि दिव्यांग होने के कारण शारीरिक परेशानियों के चलते मतदान केंद्र में पहुंचकर मताधिकार का प्रयोग नही कर पाते थे। इसके लिए उन्होंने भारत निर्वाचन आयोग को विनम्र आभार व्यक्त किया। उनके अलावा अन्य मतदाताओं ने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग के इस नई व्यवस्था के कारण उनके जैसे अनेक दिव्यांगों के अलावा चलने-फिरने में असमर्थ बुजुर्गों को मताधिकार का प्रयोग करने में किसी प्रकार की कठिनाई नहीं होगी। वास्तव में यह व्यवस्था देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था को सशक्त बनाने में और मतदान प्रतिशत बढ़ाने में कारगर साबित होगा। होम वोटिंग हेतु विधानसभा क्षेत्र महासमुंद-42 के लिए 04 रूट, खल्लारी-41 के लिए 12 रूट, बसना-40 के लिए 13 रूट व सरायपाली-39 के लिए 12 रूट निर्धारित किए गए है। छूटे हुए मतदाता 11 नवम्बर को सुबह 8 बजे शाम 5 बजे तक होम वोटिंग कर सकते हैं।