PG महाविद्यालय कोरबा में “वाल्मीकि जयंती ” हर्षोल्लास के साथ मनाया गया
October 28, 2023कोरबा, 28 अक्टूबर I आज दिनाँक 28 अक्टूबर 2023 को शास.इं. वि. स्नातकोत्तर महाविद्यालय में ‘महर्षि वाल्मीकि ‘जयंती मनाया गया। महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ श्रीमती साधना खरे के द्वारा महर्षि वाल्मीकि जी की चित्र पर दीप जलाकर एवं माल्यार्पण कर वाल्मिकी जयंती के शुभारंभ किये। प्राचार्य मैडमजी जी संस्कृत विभाग के प्राध्यापकों एवं छात्रों को बधाई एवं आशीर्वाद दिए और कहा कि संस्कृत हमारे देश भारत का गौरव है ,संस्कृत भाषा सभी भाषाओं की जननी है।
संस्कृत के आदि ग्रंथ वेद, पुराण ,महाकाव्य हमारे जीवन के लिए महत्वपूर्ण है, संस्कृत का प्रत्येक श्लोक हमें प्रेरणा देती है। आप सभी को ज्ञात है कि रामायण भारत देश का एक महत्वपूर्ण आदिग्रंथ है जिसका प्रत्येक कथा, घटनाएं, पात्रों का चरित्र समाज एवं देश को दिशा देने का कार्य करते है। महर्षि वाल्मिकी जी की जीवन से हमें सीखने की आवश्यकता है, जिस तरह वाल्मीकि एक डाकू से संस्कृत संस्कृत साहित्य के अमर कवि बन गए और पूरे मानव संसार का प्रेरणा ग्रंथ रामायण की रचना की। इस तरह प्रत्येक वर्ष वाल्मीकि जयंती मना कर वाल्मीकि जी के साथ -साथ संस्कृत भाषा एवं रामायण का सम्मान करें ।
संस्कृत विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर के .एस. कँवर ने बताया कि आज शरद पूर्णिमा है ,आज ही के
दिन महर्षि वाल्मीकि जी की जयंती मनाया जाता है।संस्कृत के विद्यार्थियों के लिए आज का दिन महत्वपूर्ण
है। वाल्मीकि के जीवन मे घटित घटनाएं जीवन मे परिवर्तन लाने के लिये प्रेरणा है। हम अपने कर्म के लिए
स्वयं भागीदार है,चाहे अच्छे कर्म हो या बुरे कर्म,हमारा परिवार या अन्य लोग हमारे पाप कर्म का भागीदार
नही हो सकते है इसलिए हमें सदैव अच्छे कर्म करना चाहिए। आज हमारे पास रामायण है तो उसका श्रेय
महर्षि वाल्मिकी जी को है ।जब तक भारत है तब तक महर्षि वाल्मीकि एवं उनके रचना रामायण को जाना
जायेगा। रामायण समस्त मानव संसार के लिये एक आदर्श ग्रंथ है,रामायण में निहित आदर्शों एवं नैतिक मूल्यों को जीवन में ग्रहण एवं पालन करना है ।
एम. ए. संस्कृत तृतीय सेमेस्टर के विद्यार्थी मनीष यादव इस अवसर पर एक सुंदर प्रेरणार्थक भजन “
जब तृष्णा न जाये मन से ,तब भक्ति न आये मन में “गाया और कहा कि गर्व है कि हम संस्कृत के
विद्यार्थी है, संस्कृत पढ़कर हम अपने जन्म लेने के उद्देश्य को सफल बना सकते है।
आज के जयंती कार्यक्रम को सफल बनाने में महाविद्यालय के प्राध्यापक श्री अजय पटेल ,श्री बलराम
कुर्रे, श्री सुशील अग्रवाल ,श्रीमती शिवांगी मिश्रा , एनएसएस के स्वयं सेवक तथा संस्कृत विभाग के विद्यार्थियों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाएं। कार्यक्रम का संचालन एम. ए. संस्कृत तृतीय सेमेस्टर के छात्र मनीष यादव एवं आभार प्रदर्शन प्राध्यापक श्री के . एस. कँवर ने किया।